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गड्ढों में सड़क ढूंढना हुआ मुश्किल, 6 साल में ही बर्बाद हो गया नेशनल हाईवे - सड़क बर्बाद

छिंदवाड़ा से नरसिंहपुर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 547 गड्ढों में बदल गया है. हालात ये हैं कि, सड़कों में 2- 2 फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं, इसके चलते सड़क पर चलना भी दूभर हो गया है.

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गड्ढों में सड़क ढूंढना हुआ मुश्किल
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Published : Aug 21, 2020, 2:10 PM IST

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा से नरसिंहपुर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग- 547 मात्र 6 साल में ही बर्बाद हो गया है. अब आलम ये है कि, सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क ढूंढना भी मुश्किल है. हालात ये हैं कि, सड़कों में 2-2 फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं, इसके चलते सड़क पर चलना भी दूभर हो गया है.

गड्ढों में सड़क ढूंढना हुआ मुश्किल

शायद ही ऐसा कोई दिन बाकी रहता हो, जब नेशनल हाईवे 547 में कोई दुर्घटना की खबर ना आती हो. आए दिन कोई न कोई दुर्घटना इस सड़क में होती ही रहती है. गड्ढों से भरी सड़कों के बीच में चलने वाले वाहनों में भी तकनीकी खराबी आ रही है. इतना ही नहीं जो टायर 20 हजार किलोमीटर तक सर्विस देते हैं, वो 6 से 7 हजार किलोमीटर ही सर्विस दे रहे हैं. वाहन चालकों का कहना है कि, उनके सामने मजबूरी है कि, आखिर सड़क देखकर के वाहन चलाएं या गड्ढा समझकर.

अधिकारियों का खुद मानना है कि, सड़क खराब हो चुकी है और गड्ढों में तब्दील हो गई है. इसलिए गड्ढों को भरने के लिए और सड़क की मरम्मत के लिए फिर से टेंडर निकाला गया है. जिसका काम ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग 547 का निर्माण 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ही पूर्ण हुआ था. निर्माण काम कितना घटिया स्तर का है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 6 साल में ही सड़क उखड़ कर बर्बाद हो गई है.

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा से नरसिंहपुर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग- 547 मात्र 6 साल में ही बर्बाद हो गया है. अब आलम ये है कि, सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क ढूंढना भी मुश्किल है. हालात ये हैं कि, सड़कों में 2-2 फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं, इसके चलते सड़क पर चलना भी दूभर हो गया है.

गड्ढों में सड़क ढूंढना हुआ मुश्किल

शायद ही ऐसा कोई दिन बाकी रहता हो, जब नेशनल हाईवे 547 में कोई दुर्घटना की खबर ना आती हो. आए दिन कोई न कोई दुर्घटना इस सड़क में होती ही रहती है. गड्ढों से भरी सड़कों के बीच में चलने वाले वाहनों में भी तकनीकी खराबी आ रही है. इतना ही नहीं जो टायर 20 हजार किलोमीटर तक सर्विस देते हैं, वो 6 से 7 हजार किलोमीटर ही सर्विस दे रहे हैं. वाहन चालकों का कहना है कि, उनके सामने मजबूरी है कि, आखिर सड़क देखकर के वाहन चलाएं या गड्ढा समझकर.

अधिकारियों का खुद मानना है कि, सड़क खराब हो चुकी है और गड्ढों में तब्दील हो गई है. इसलिए गड्ढों को भरने के लिए और सड़क की मरम्मत के लिए फिर से टेंडर निकाला गया है. जिसका काम ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग 547 का निर्माण 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ही पूर्ण हुआ था. निर्माण काम कितना घटिया स्तर का है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 6 साल में ही सड़क उखड़ कर बर्बाद हो गई है.

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