छिंदवाड़ा। कोयलांचल के नाम से अपनी पहचान बना चुके परासिया विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस को जनता ने 4 विधानसभा चुनाव में बराबरी का मौका दिया है, 2 दो चुनावों में भाजपा को मौका मिला तो वहीं 2013 के और 2018 के चुनावों में जनता ने कांग्रेस को मौका दिया है. लेकिन 2023 के लिए दोनों पार्टियां दमखम लगा रही हैं. यहां से बीजेपी ने ज्योति डहरिया को उम्मीदवार बनाया है. इनके अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने सतीश नागवंशी और कांग्रेस ने सोहनलाल वाल्मिक को टिकट दिया है.
परासिया विधानसभा सीट की खासियत: परासिया विधानसभा के अंबाड़ा गांव में मां हिंगलाज का शक्तिपीठ मंदिर है. मां हिंगलाज का मंदिर दुनिया में सिर्फ तो है एक छिंदवाड़ा के अंबाड़ा में और दूसरा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में.
परासिया विधानसभा सीट का पॉलिटिकल सिनेरियो: परासिया विधानसभा की जनता ने 2013 और 2018 के चुनावों में कांग्रेस को मौका दिया. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मजदूर नेता के सोहनलाल वाल्मिक को 79,553 वोट तो ही बीजेपी के ताराचंद बावरिया को 66,819 वोट मिले थे. कांग्रेस 12,734 वोटों से चुनाव जीता था. वहीं 2013 विधानसभा चुनाव में सोहनलाल वाल्मिक को 72,235 तो बीजेपी के ताराचंद बावरिया को 65,373 वोट मिले थे और कांग्रेस 6,862 वोट से चुनाव जीता था. इसके अलावा 2008 में बीजेपी के ताराचंद बावरिया को 50,156 तो कांग्रेस के सोहनलाल वाल्मिक को 50,063 वोट मिले और बीजेपी के ताराचंद बावरिया मात्र 93 वोटों से चुनाव जीते थे. तो वहीं 2003 के चुनावों में भी भाजपा के ताराचंद बावरिया ने कांग्रेस के लीलाधर पुरिया को चुनाव हराया था.
भाजपा ने दिया नए प्रत्याशी को मौका, कांग्रेस इन्हें लड़ा सकती है चुनाव: परासिया विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी 2003 के चुनाव से एक ही चेहरे ताराचंद बावरिया को मैदान में ला रही थी, तो वहीं कांग्रेस भी 2008 से सोहन वाल्मिक को मौका दे रहे हैं. ऐसे में दोनों दलों में प्रत्याशी बदलने की मांग उठने लगी थी, कांग्रेस की अगर बात करें तो वर्तमान के जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार भी विधानसभा सभा के लिए टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, वहीं भाजपा में ज्योति डेहरिया को मौका देकर बदलाव किया है.
परासिया विधानसभा के मतदाता: अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा परासिया में 2023 के लिए 2,06,043 मतदाता विधायक का चुनाव करेंगे, जिसमें 1,04,662 पुरुष तो वहीं 1,01,381 महिला मतदाता है.
परासिया विधानसभा सीट के मुद्दे: परासिया विधानसभा में वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के द्वारा कोयला खदानों संचालित की जाती है, एक समय में इलाके में सबसे ज्यादा कोयला खदान संचालित होती थी, इसलिए इलाके को कोयलांचल भी कहा जाता है. अब धीरे-धीरे बंद होती खदानों की वजह से यहां बेरोजगारी एक सबसे बड़ा मुद्दा है. वर्तमान विधायक सोहन वाल्मिक भी डब्ल्यूसीएल के कर्मचारी थे, मजदूर नेता से विधायक बने सोहन वाल्मिक कई बार बंद होती कोयला खदानों का मुद्दा विधानसभा में भी उठा चुके हैं. इसके अलावा पीने के पानी की गर्मियों में काफी किल्लत होती है. आलम यह होता है कि खुद विधानसभा मुख्यालय परासिया में 15-15 दिनों तक पीने के लिए नगर पालिका पानी सप्लाई नहीं कर पाती है.