छिंदवाड़ा। कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को कमजोर करने के इरादे से बीजेपी ने सालों से मांग कर रहे पांढुर्णा वासियों को जिले की सौगात देकर बड़ा दांव खेला है. अब छिंदवाड़ा जिले में 7 की जगह 5 विधानसभा बची है. इस चुनाव में बीजेपी का यह दांव किस तक सही जाता है, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन कई ऐसी चीजें हैं, जो पांढुर्णा जिला बनने से छिंदवाड़ा से अलग हो गया है.
पांढुर्णा और सौंसर विधानसभा हुई कम, छिंदवाड़ा हुआ छोटा: अब तक भौगोलिक दृष्टि से एमपी का सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा, पांढुर्णा जिला बनने से छोटा हो गया है. पांढुर्णा के गठन के बाद छिंदवाड़ा जिले की दो विधानसभा जिसमें पांढुर्णा और सौसर इसमें समाहित की गई है. इस तरह से अब छिंदवाड़ा में कुल पांच विधानसभा बची है. पांढुर्णा जिला बनाने के लिए सौसर तहसील और पांढुर्णा तहसील को मिलाया गया है. कमलनाथ के गढ़ को कमजोर करने के लिए बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है. 15 सालों से पांढुर्णा को जिला बनाने की मांग की जा रही थी. जिसे चुनाव के पहले बीजेपी ने बनाकर अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है.
कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक में बीजेपी की सेंध लगाने की कोशिश: महाराष्ट्र के नागपुर जिले से लगी पांढुर्णा और सौसर विधानसभा में अब तक कांग्रेस का वर्चस्व माना जाता था. सौंसर विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वहीं सौंसर अनारक्षित है. पांढुर्णा को जिला बनाकर जहां बीजेपी उसे अपने पक्ष में मान रही है. वही सौंसर विधानसभा के लोग भी सौंसर को जिला बनाने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं. इसलिए सौसर में भी बीजेपी को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
पांढुर्णा जिला बनने से छिंदवाड़ा जिले से क्या हुआ अलग:
- भौगोलिक पहचान: क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा जिला होने का गौरव चला गया.
- धार्मिक पहचान: प्रसिद्ध एकमात्र अर्धनारीश्वर ज्योर्तिलिंग और 300 करोड़ की लागत में बनने वाला हनुमान लोक अब पांढुर्णा जिले में शामिल हुआ.
- दुनिया का अनोखा मेला: विश्वप्रसिद्ध गोटमार मेले की पहचान छिंदवाड़ा से अलग हुई.
- आर्थिक पहचान: वन उत्पाद वन डिस्ट्रिक संतरा की पहचान अब छिंदवाड़ा की नहीं होगी. कपास की खेती
- औद्योगिक: औद्योगिक क्षेत्र बोरगांव रेमंड एंड अन्य औद्योगिक इकाइयों वाला क्षेत्र छिंदवाड़ा से अलग हुआ.
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कमलनाथ भी अब सौंसर के वोटर: पांढुर्णा जिले में सौसर विधानसभा को भी शामिल किया गया है. हालांकि सौंसर विधानसभा की एक तहसील मोहखेड़ छिंदवाड़ा जिले की राजस्व सीमा में है. कमलनाथ भी अब सौसर विधानसभा के मतदाता होंगे, हालांकि उनका जिला छिंदवाड़ा ही रहेगा. सौसर की राजस्व सीमा को पांढुर्णा जिले में शामिल किया गया है.