छिंदवाड़ा। जिले के पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में शुक्रवार को हुई रोगी कल्याण समिति की बैठक में काफी गर्म माहौल रहा. इस बैठक में विधायक नीलेश उइके, जनपद अध्यक्ष गणेश पद्माकर पांढुर्णा BMO डॉ. अशोक भगत पर जमकर भड़के दोनों नेताओं का कहना था कि गर्भवती को रात में कोई महिला डॉक्टर जांच करने नहीं आती है और उसकी बिना जांच किए उसे छिंदवाड़ा रैफर किया जाता है. जबकि उन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सामान्य तौर पर होती है.
ऐसे में उनकी जांच पांढुर्णा में ही क्यों नहीं कराई जाती, इसको लेकर बीएमओ कोई जवाब नहीं दे पाए. वहीं सेक्टर सुपरवाइजर जितेंद्र गायकवाड को कोविड अस्पताल में अटैच करने को लेकर भी बहस हुई. बैठक में विधायक ने साफ तौर पर कहा कि सेक्टर सुपरवाइजर सरकारी अस्पताल में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे, इस बात पर एसडीएम मेघा शर्मा ने भी BMO को निर्देशित किया.
गरीबों को क्यों नहीं दी जाती एम्बुलेंस
बैठक के दौरान विधायक ने कहा कि पांढुर्णा सरकारी अस्पताल से गरीब लोगों को एंबुलेंस क्यों नहीं दी जाती है. मामले को लेकर बहस भी हुई और फैसला लिया गया कि यदि मरीज को छिंदवाड़ा या नागपुर रेफर करना है, तो उन्हें फ्री में एंबुलेंस मुहैया कराई जाएगी. बैठक में रोगी कल्याण समिति की टीम के बिना अनुमति के BMO डॉ. अशोक भगत और उनकी टीम ने विभिन्न सामान की खरीदी कर ली, जिसके बाद रोगी कल्याण समिति की बैठक में प्रस्ताव पर एतराज जताया है.