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क्या प्लाज्मा थेरेपी की मदद से हो सकेगा कोरोना संक्रमितों का इलाज ?

छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के प्रयासों से प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने का प्रयोग शुरू किया जाएगा.

plasma therapy
थेरेपी की मदद से हो सकेगा कोरोना संक्रमितों का इलाज
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Published : Apr 17, 2021, 10:17 AM IST

छिंदवाड़ा। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मरीजों को समय पर कारगर उपचार मिल सकें और अधिक से अधिक लोगों को संक्रमण के खतरे से बचाया जा सकें. इसके लिए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के प्रयासों से प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से इलाज करने का प्रयोग शुरू किया जाएगा. अगर सब कुछ योजना के अनुरूप रहा, तो जिलेवासियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि सम्भव है कि यह थेरेपी अन्य दवाओं की तुलना में इलाज में अधिक कारगर सिद्ध होगी. ऐसी चिकित्सा सुविधा वर्तमान में केवल महानगरों में ही उपलब्ध है.

कलेक्टर ने की अपील
अस्पताल प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस कार्य की सफलता के लिए एक नियत अवधि में कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हुए व्यक्तियों की रक्त की आवश्यकता होगी. इस कार्य में व्यक्ति का ब्लड ग्रूप अत्यधिक सहायक और उपयोगी होगा. इस चिकित्सा पद्धति में प्लाज्मा देते वक्त ब्लड ग्रुप का ध्यान रखा जाता है.

कलेक्टर द्वारा सभी लोगों से अपील की गई है कि इस कार्य में सहयोग के लिए ऐसे व्यक्तियों को सूचीबद्ध करना शुरू करें, जो पिछले कुछ समय में कोविड संक्रमण उपरांत स्वस्थ हुए हों. अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए सहमत हों. संक्रमण और स्वस्थ होने की कट ऑफ डेट की जानकारी अलग-अलग दी जाएगी. ऐसा करने से शायद कई गंभीर रूप से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा सकेगा.

सतना: 26 अप्रैल तक लगाया गया कोरोना कर्फ्यू

कोरोना की सेकंड वेव में पॉजिटिविटी रेट है अधिक, बरतें पूरी सावधानी
मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में आयोजित प्रेस वार्ता में कलेक्टर ने विगत एक वर्ष के दौरान और कोरोना की वर्तमान वेव के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विगत वर्ष में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 3.47 प्रतिशत रहा, जबकि सेकंड वेव के दौरान मार्च में 4.98 प्रतिशत और एक से 12 अप्रैल 2021 तक 8.78 प्रतिशत रहा है. वहीं इस दौरान उन्होंने जिलेवासियों से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कड़ाई से पालन करने की अपील की.

छिंदवाड़ा। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मरीजों को समय पर कारगर उपचार मिल सकें और अधिक से अधिक लोगों को संक्रमण के खतरे से बचाया जा सकें. इसके लिए मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के प्रयासों से प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से इलाज करने का प्रयोग शुरू किया जाएगा. अगर सब कुछ योजना के अनुरूप रहा, तो जिलेवासियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि सम्भव है कि यह थेरेपी अन्य दवाओं की तुलना में इलाज में अधिक कारगर सिद्ध होगी. ऐसी चिकित्सा सुविधा वर्तमान में केवल महानगरों में ही उपलब्ध है.

कलेक्टर ने की अपील
अस्पताल प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस कार्य की सफलता के लिए एक नियत अवधि में कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हुए व्यक्तियों की रक्त की आवश्यकता होगी. इस कार्य में व्यक्ति का ब्लड ग्रूप अत्यधिक सहायक और उपयोगी होगा. इस चिकित्सा पद्धति में प्लाज्मा देते वक्त ब्लड ग्रुप का ध्यान रखा जाता है.

कलेक्टर द्वारा सभी लोगों से अपील की गई है कि इस कार्य में सहयोग के लिए ऐसे व्यक्तियों को सूचीबद्ध करना शुरू करें, जो पिछले कुछ समय में कोविड संक्रमण उपरांत स्वस्थ हुए हों. अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए सहमत हों. संक्रमण और स्वस्थ होने की कट ऑफ डेट की जानकारी अलग-अलग दी जाएगी. ऐसा करने से शायद कई गंभीर रूप से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा सकेगा.

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मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में आयोजित प्रेस वार्ता में कलेक्टर ने विगत एक वर्ष के दौरान और कोरोना की वर्तमान वेव के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विगत वर्ष में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 3.47 प्रतिशत रहा, जबकि सेकंड वेव के दौरान मार्च में 4.98 प्रतिशत और एक से 12 अप्रैल 2021 तक 8.78 प्रतिशत रहा है. वहीं इस दौरान उन्होंने जिलेवासियों से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कड़ाई से पालन करने की अपील की.

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