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मुश्किलों भरा रहा साल 2023, कमलनाथ ने खोया बहुत कुछ, अब 2024 भी चुनौतियों से भरा - कमलनाथ का राजनीतिक भविष्य

Kamal Nath Politicas In Year 2023: साल 2023 बस आज बस का मेहमान है. इसके बाद यह साल पुराना हो जाएगा और लोग नए साल 2024 का इस्तकबाल करेंगे. वहीं साल 2023 जहां कई लोगों के लिए बहुत अच्छा और खुशियों वाला रहा तो कई लोगों के लिए निराशाजनक रहा. ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ का है.

Kamal Nath Politicas In Year 2023
कमलनाथ के लिए 2023 मुश्किलों से भरा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 31, 2023, 6:34 PM IST

छिंदवाड़ा। रविवार को साल 2023 का आखिरी दिन है. इसके बाद एक नई सुबह के साथ नया साल शुरु होगा. नए साल पर कई लोग नई प्लानिंग्स करते हैं, कोई नई शुरुआत करता है. वहीं वह बीते हुए साल भी सबक लेता है. अगर एमपी की राजनीति में साल 2023 की बात करें तो, यह साल कमलनाथ के राजनीतिक भविष्य के लिए काफी घाटे वाला साबित हुआ. छिंदवाड़ा में उन्होंने एक तरफ जीत तो दर्ज की, लेकिन प्रदेश का चुनाव कमलनाथ बुरी तरीके से हार गए और उन्हें अध्यक्ष पद भी गंवाना पड़ा.

Kamal Nath Politicas in year 2023
पीएम मोदी के साथ कमलनाथ और नकुलनाथ

छिंदवाड़ा में जीतकर भी बड़ी बाजी हारे कमलनाथ: कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री के दावेदार और तत्कालीन कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के लिए 2023 साल घाटे वाला साबित हुआ. छिंदवाड़ा समेत मध्य प्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस वोट मांग रही थी. कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में तो जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए भरपूर समर्थन दिया और सात विधानसभा में जीत भी दिलाई, लेकिन मध्य प्रदेश की जनता कमलनाथ पर विश्वास नहीं कर पाई और भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार में फिर से वापस आ गई.

प्रदेश अध्यक्ष की भी गंवानी पड़ी कुर्सी: तत्कालीन कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस चुनाव लड़ रही थी. मुख्यमंत्री का चेहरा भी कमलनाथ थे, लेकिन रिजल्ट कांग्रेस और कमलनाथ के विपरीत आए इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव तक फिर से कमलनाथ को मध्य प्रदेश की कमान मिल सकती है, लेकिन आलाकमान ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाते हुए जीतू पटवारी को प्रदेश की कमान सौंप दी.

Kamal Nath Politicas in year 2023
लोगों से मिलते कमलनाथ

यहां पढ़ें...

बेटे सांसद नकुलनाथ का राजनीतिक भविष्य भी चुनौतियों भरा: 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों ने न सिर्फ कमलनाथ के राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़ा किया है, बल्कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी चुनौतियां खड़ी है. एक तरफ जहां देश भर में मोदी लहर है. ऐसे में कमलनाथ का कांग्रेस के किसी भी महत्वपूर्ण पद पर ना होना बेटे के राजनीतिक भविष्य के लिए भी संकट पैदा कर सकता है.

छिंदवाड़ा। रविवार को साल 2023 का आखिरी दिन है. इसके बाद एक नई सुबह के साथ नया साल शुरु होगा. नए साल पर कई लोग नई प्लानिंग्स करते हैं, कोई नई शुरुआत करता है. वहीं वह बीते हुए साल भी सबक लेता है. अगर एमपी की राजनीति में साल 2023 की बात करें तो, यह साल कमलनाथ के राजनीतिक भविष्य के लिए काफी घाटे वाला साबित हुआ. छिंदवाड़ा में उन्होंने एक तरफ जीत तो दर्ज की, लेकिन प्रदेश का चुनाव कमलनाथ बुरी तरीके से हार गए और उन्हें अध्यक्ष पद भी गंवाना पड़ा.

Kamal Nath Politicas in year 2023
पीएम मोदी के साथ कमलनाथ और नकुलनाथ

छिंदवाड़ा में जीतकर भी बड़ी बाजी हारे कमलनाथ: कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री के दावेदार और तत्कालीन कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के लिए 2023 साल घाटे वाला साबित हुआ. छिंदवाड़ा समेत मध्य प्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस वोट मांग रही थी. कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में तो जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए भरपूर समर्थन दिया और सात विधानसभा में जीत भी दिलाई, लेकिन मध्य प्रदेश की जनता कमलनाथ पर विश्वास नहीं कर पाई और भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार में फिर से वापस आ गई.

प्रदेश अध्यक्ष की भी गंवानी पड़ी कुर्सी: तत्कालीन कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस चुनाव लड़ रही थी. मुख्यमंत्री का चेहरा भी कमलनाथ थे, लेकिन रिजल्ट कांग्रेस और कमलनाथ के विपरीत आए इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव तक फिर से कमलनाथ को मध्य प्रदेश की कमान मिल सकती है, लेकिन आलाकमान ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाते हुए जीतू पटवारी को प्रदेश की कमान सौंप दी.

Kamal Nath Politicas in year 2023
लोगों से मिलते कमलनाथ

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बेटे सांसद नकुलनाथ का राजनीतिक भविष्य भी चुनौतियों भरा: 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों ने न सिर्फ कमलनाथ के राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़ा किया है, बल्कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी चुनौतियां खड़ी है. एक तरफ जहां देश भर में मोदी लहर है. ऐसे में कमलनाथ का कांग्रेस के किसी भी महत्वपूर्ण पद पर ना होना बेटे के राजनीतिक भविष्य के लिए भी संकट पैदा कर सकता है.

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