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लॉकडाउन ने अन्नदाता को बना दिया कर्जदार, अब खेती करने से कर रहे इनकार - खेती करने से किसानों का तौबा

किसानों के लिए अब खेती ही उनके गले की फांस बन गया है. एक तो लॉकडाउन में फसलें बिकी नहीं, उपर से पानी नहीं मिलने पर बाकी फसल चौपट हो गई, जिससे उनका कर्ज भी बढ़ गया, जिसे चुकाने की चिंता के साथ-साथ अगली फसल लगाने की भी चिंता सता रही है.

farmer
किसान बना कर्जदार
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Published : Jun 9, 2020, 4:56 PM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से फसलें खेत में ही सड़ गईं. इस दौरान किसानों के पंप भी खराब हो गए और पानी की कमी के चलते खेतों में ही किसानों की तैयार फसलें बर्बाद हो गईं, जिसके चलते कई किसान कर्जदार तक हो गए हैं. भीषण गर्मी में लोगों को राहत और पानी से भरपूर रखने वाला तरबूज-खरबूजा इन दिनों छिंदवाड़ा के किसानों के गले की फांस बन गया है. एक तो लॉकडाउन के चलते उनकी फसल की बिक्री नहीं हुई, दूसरी ओर तपती गर्मी में पानी नहीं मिलने से किसानों की फसल खेतों में ही सूख गई.

लॉकडाउन में किसान बना कर्जदार
फसल बिकी नहीं पंप ठीक कराने को नहीं थे पैसे
छिंदवाड़ा के गाजनदोह निवासी किसान ने एक एकड़ में खरबूजा और एक एकड़ में ककड़ी की फसल लगाई थी. इस दौरान पानी देने वाला मोटर खराब हो गया, लेकिन फसल नहीं बिकी तो मोटर ठीक कराने के लिए पैसे भी नहीं मिले, जिसकी वजह से पंप बना नहीं और आखिरकार किसान की सारी फसल खेत में ही बर्बाद हो गई.

ये भी पढ़ें- घाटे में कॉर्न सिटी के किसान, नहीं करना चाहते मक्के की खेती

फसल हुई खराब अब कर्ज चुकाने की चिंता

किसान का कहना है कि फसल लगाना बहुत महंगा है, इसलिए वे कर्ज लेकर खेती करते हैं. उन्हें इस साल उम्मीद थी कि बाजार में उनकी फसल बिकेगी तो कुछ फायदा होगा, लेकिन हालात ये हुए कि पूरी फसल खराब हो गई, जिससे उन्हें काफी घाटा हुआ है. कर्ज इतना बढ़ गया है कि चुकाना भी मुश्किल है. इसलिए आने वाली फसल लगाने का भी संकट खड़ा हो गया है.

दिन-रात काम करता किसान, रखवाली के लिए बनाता है ढबुआ

खेतों में लगी फसल का नुकसान न हो, इसलिए किसान दिन-रात मेहनत करता ही है, लेकिन बारिश और धूप से बचने के लिए खेतों में ढबुआ बनाकर फसलों की रखवाली भी करता है.

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से फसलें खेत में ही सड़ गईं. इस दौरान किसानों के पंप भी खराब हो गए और पानी की कमी के चलते खेतों में ही किसानों की तैयार फसलें बर्बाद हो गईं, जिसके चलते कई किसान कर्जदार तक हो गए हैं. भीषण गर्मी में लोगों को राहत और पानी से भरपूर रखने वाला तरबूज-खरबूजा इन दिनों छिंदवाड़ा के किसानों के गले की फांस बन गया है. एक तो लॉकडाउन के चलते उनकी फसल की बिक्री नहीं हुई, दूसरी ओर तपती गर्मी में पानी नहीं मिलने से किसानों की फसल खेतों में ही सूख गई.

लॉकडाउन में किसान बना कर्जदार
फसल बिकी नहीं पंप ठीक कराने को नहीं थे पैसेछिंदवाड़ा के गाजनदोह निवासी किसान ने एक एकड़ में खरबूजा और एक एकड़ में ककड़ी की फसल लगाई थी. इस दौरान पानी देने वाला मोटर खराब हो गया, लेकिन फसल नहीं बिकी तो मोटर ठीक कराने के लिए पैसे भी नहीं मिले, जिसकी वजह से पंप बना नहीं और आखिरकार किसान की सारी फसल खेत में ही बर्बाद हो गई.

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फसल हुई खराब अब कर्ज चुकाने की चिंता

किसान का कहना है कि फसल लगाना बहुत महंगा है, इसलिए वे कर्ज लेकर खेती करते हैं. उन्हें इस साल उम्मीद थी कि बाजार में उनकी फसल बिकेगी तो कुछ फायदा होगा, लेकिन हालात ये हुए कि पूरी फसल खराब हो गई, जिससे उन्हें काफी घाटा हुआ है. कर्ज इतना बढ़ गया है कि चुकाना भी मुश्किल है. इसलिए आने वाली फसल लगाने का भी संकट खड़ा हो गया है.

दिन-रात काम करता किसान, रखवाली के लिए बनाता है ढबुआ

खेतों में लगी फसल का नुकसान न हो, इसलिए किसान दिन-रात मेहनत करता ही है, लेकिन बारिश और धूप से बचने के लिए खेतों में ढबुआ बनाकर फसलों की रखवाली भी करता है.

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