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युवाओं की टोली ने लड़कियों की सुरक्षा के लिए चलाई मुहिम, सिखा रहे आत्मरक्षा के गुर - छिंदवाड़ा

प्रदेश में जहां आए दिन महिला अपराध की घटनाएं सुनने को मिलती है, वहीं छिंदवाड़ा में छेड़छाड़ और इन घटनाओं से निपटने के लिए लड़िकयां आत्मरक्षा के गुर सीख रहीं हैं. छिंदवाड़ा में कुछ युवाओं की टोली इस मुहिम को जोर शोर से चला रही है, जिसमें लड़िकयों को खुद की सुरक्षा और हथियार चलाने की भी ट्रैनिंग दी जा रही है.

Exercising girls
आत्मरक्षा की ट्रेनिंग
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Published : Dec 17, 2020, 6:04 AM IST

छिन्दवाड़ा। महिलाओं और बेटियों पर बढ़ रहे अत्याचार के चलते वे किसी पर निर्भर ना रहे और असामाजिक तत्वों से खुद निपट सके. इसके लिए छिंदवाड़ा के युवाओं की एक टोली लड़कियों को 40 दिनों तक आत्म रक्षक की फ्री में ट्रेनिंग दे रही है. जिसमें कई लड़कियां हिस्सा लेकर आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं.

आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेती लड़कियां

हथियारों के साथ आत्मरक्षा के गुर सीख रही बेटियां

छिंदवाड़ा के कुछ युवाओं की टोली ने वी स्टैंड फॉर ऑल नाम से एक क्लब बनाया है. जिसका उद्देश्य लड़कियों को खुद पर निर्भर कर उन्हें असामाजिक तत्वों से निपटने के काबिल बनाना है. इसके लिए युवाओं की टोली छिंदवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में लड़कियों को 40 दिन की फ्री आत्मरक्षा ट्रेनिंग दे रही है. जिसमें तलवार भाले लाठी जैसे हथियारों के अलावा दांवपेच भी सिखाए जा रहे हैं.

Exercising girls
एक्सरसाइज करतीं लड़किया

खुद पर निर्भर होने के लिए बढ़-चढ़कर आगे आ रहीं लड़कियां

लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में लड़कियां भी अब आगे बढ़ कर आ रही हैं. खुद पर आत्मविश्वास और लोगों से कैसे निपटा जाएगा, इसके लिए आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए हर दिन ट्रेनिंग लेने सुबह 6 बजे से 9 बजे तक चलने वाली इस ट्रेनिंग में काफी संख्या में लड़कियां आ रही हैं और बेहिचक ट्रेनिंग ले रही हैं.

Girls taking self defense training
आत्मरक्षा की ट्रैनिंग लेती लड़कियां

आत्मरक्षा के साथ ही आत्मबल को दिया जा रहा बढ़ावा आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेने आ रही लड़कियों का कहना है कि सिर्फ उन्हें वहां पर हथियार और शारीरिक शिक्षा ही नहीं दी जाती. बल्कि इन्हें चलाने के लिए हौसला और आत्मबल की भी जरूरत होती है. सिर्फ सीख लेने से हथियार नहीं चलाए जाते इसलिए इस ट्रेनिंग सेशन में आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी अलग से सेशन दिया जाता है. जिसमें उन्हें आत्मविश्वास आ रहा है कि वे किसी भी परिस्थिति में खुद की रक्षा करने के लिए तैयार हो रही हैं.

Girls taking self defense training
आत्मरक्षा की ट्रैनिंग लेती लड़कियां

लड़कियों के परिवार भी हो रहे जागरूक

आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेने वाली लड़कियों में ज्यादातर छोटे और मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. जहां पर लड़कियों को आमतौर पर ऐसी शिक्षा देना मुनासिब नहीं होता है. लेकिन अब बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पेरेंट्स भी आगे आ रहे हैं. अपनी बेटियों को खुद की सुरक्षा करने के काबिल बनाने के लिए ट्रेनिंग सेशन पर भेज रहे हैं.

छिन्दवाड़ा। महिलाओं और बेटियों पर बढ़ रहे अत्याचार के चलते वे किसी पर निर्भर ना रहे और असामाजिक तत्वों से खुद निपट सके. इसके लिए छिंदवाड़ा के युवाओं की एक टोली लड़कियों को 40 दिनों तक आत्म रक्षक की फ्री में ट्रेनिंग दे रही है. जिसमें कई लड़कियां हिस्सा लेकर आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं.

आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेती लड़कियां

हथियारों के साथ आत्मरक्षा के गुर सीख रही बेटियां

छिंदवाड़ा के कुछ युवाओं की टोली ने वी स्टैंड फॉर ऑल नाम से एक क्लब बनाया है. जिसका उद्देश्य लड़कियों को खुद पर निर्भर कर उन्हें असामाजिक तत्वों से निपटने के काबिल बनाना है. इसके लिए युवाओं की टोली छिंदवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में लड़कियों को 40 दिन की फ्री आत्मरक्षा ट्रेनिंग दे रही है. जिसमें तलवार भाले लाठी जैसे हथियारों के अलावा दांवपेच भी सिखाए जा रहे हैं.

Exercising girls
एक्सरसाइज करतीं लड़किया

खुद पर निर्भर होने के लिए बढ़-चढ़कर आगे आ रहीं लड़कियां

लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में लड़कियां भी अब आगे बढ़ कर आ रही हैं. खुद पर आत्मविश्वास और लोगों से कैसे निपटा जाएगा, इसके लिए आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए हर दिन ट्रेनिंग लेने सुबह 6 बजे से 9 बजे तक चलने वाली इस ट्रेनिंग में काफी संख्या में लड़कियां आ रही हैं और बेहिचक ट्रेनिंग ले रही हैं.

Girls taking self defense training
आत्मरक्षा की ट्रैनिंग लेती लड़कियां

आत्मरक्षा के साथ ही आत्मबल को दिया जा रहा बढ़ावा आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेने आ रही लड़कियों का कहना है कि सिर्फ उन्हें वहां पर हथियार और शारीरिक शिक्षा ही नहीं दी जाती. बल्कि इन्हें चलाने के लिए हौसला और आत्मबल की भी जरूरत होती है. सिर्फ सीख लेने से हथियार नहीं चलाए जाते इसलिए इस ट्रेनिंग सेशन में आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी अलग से सेशन दिया जाता है. जिसमें उन्हें आत्मविश्वास आ रहा है कि वे किसी भी परिस्थिति में खुद की रक्षा करने के लिए तैयार हो रही हैं.

Girls taking self defense training
आत्मरक्षा की ट्रैनिंग लेती लड़कियां

लड़कियों के परिवार भी हो रहे जागरूक

आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेने वाली लड़कियों में ज्यादातर छोटे और मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. जहां पर लड़कियों को आमतौर पर ऐसी शिक्षा देना मुनासिब नहीं होता है. लेकिन अब बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पेरेंट्स भी आगे आ रहे हैं. अपनी बेटियों को खुद की सुरक्षा करने के काबिल बनाने के लिए ट्रेनिंग सेशन पर भेज रहे हैं.

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