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छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के फायर उपकरण चलने से पहले ही हो गए खराब, चलाने के लिए ऑपरेटर तक नहीं - छिंदवाड़ा में फायर सेफ्टी डिवाइस

जिला अस्पताल की 5 मंजिला बिल्डिंग में लगाए गए आगजनी से निपटने के लिए उपकरण चलने से पहले ही खराब हो गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन्हें चलाने के लिए कोई ऑपरेटर भी नहीं है. इसका खुलासा नगर निगम की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है.(fire safety device in chhindwara)

fire extinguisher
अग्निशमन यंत्र
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Published : Feb 3, 2022, 5:23 PM IST

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (chhindwara institute of medical institute) से संबंद्धता रखने वाले जिला अस्पताल की 5 मंजिला बिल्डिंग में लगाए गए आगजनी से निपटने के लिए उपकरण चलने से पहले ही खराब हो गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन्हें चलाने के लिए कोई ऑपरेटर भी नहीं है. इसका खुलासा नगर निगम की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है.

chhindwara medical college
छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज

कोई नहीं है उपयोगकर्ता
जिला अस्पताल की बिल्डिंग बनाते समय आगजनी की घटना से निपटने के लिए जरूरी उपकरणों में फायर हाइडेंट लाइन, डिटेक्टर, स्मोक डिटेक्टर, ऑटोमेटिक फायर स्प्रिंकलर तो लगा दिए गए हैं, लेकिन इन्हें ऑपरेट करने वाला कोई नहीं है. हालात ये है कि इनके अगल बगल में लोग अब पीकदान बनाने लगे हैं. (fire safety device in chhindwara)

fire extinguisher
छिंदवाड़ा में खराब हुए फायर उपकरण

नियुक्त होना चाहिए फायरमैन
जिला अस्पताल में लगे फायर उपकरणों की जानकारी के लिए जब ईटीवी भारत ने फायर सेफ्टी इंजीनियर नासिर खान से बात की तो उन्होंने बताया कि बिल्डिंग में उपकरण लगाने से आगजनी की घटनाएं नहीं रोकी जा सकतीं. इन्हें ऑपरेट करने के लिए बकायदा एक प्रशिक्षित फायरमैन नियुक्त होना चाहिए, लेकिन जिला अस्पताल में ऐसा कोई नहीं है और न ही कोई फायरमैन है. अस्पताल में कोई प्रशिक्षित व्यक्ति भी नहीं है, जो दुर्घटना होने पर इन उपकरणों का उपयोग कर सके. (fire alarm in chhindwara)

chhindwara hospital
छिंदवाड़ा अस्पताल

एक्सपायरी फायर सिलेंडरों के भरोसे है जिला अस्पताल
फायर सेफ्टी इंजीनियर नासिर खान ने ईटीवी भारत को बताया कि फायर एक्सटिंग्विशर सिलेंडर हर साल रिफिल किया जाना जरूरी है. वर्ना ये किसी काम के नहीं होते हैं. जब ईटीवी भारत की टीम जिला अस्पताल में हकीकत जानने पहुंची, तो यहां दो साल पहले रिफिल किए गए फायर एक्सटिंग्विशर दीवार पर लटके मिले. जो सिर्फ दिखावे के लिए ही थे.

chhindwara municipal corporation
छिंदवाड़ा नगर पालिका

गौशाला बनी कत्लखाना! 800 गायों की मौत का दावा, CBI जांच की मांग, संचालक को मिली जमानत

सीएमएचओ ने बताया कि आखिर जिला अस्पताल की बहुमंजिला इमारत में आगजनी से निपटने के क्या इंतजाम हैं, तो उन्होंने वहीं सरकारी रटा रटाया हुआ जवाब दोहरा दिया. सभी फायर उपकरण लगे हैं और इन्हें चलाने की भी व्यवस्था है. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि वक्त वक्त पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाती है, लेकिन जिस अस्पताल में एक्सपायरी डेट के अग्निशामक यंत्र लगे हो वहां भला क्या उम्मीद लगाई जा सकती है.

Fire equipment
अग्निशमन यंत्र हुए आउटडेटेड

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (chhindwara institute of medical institute) से संबंद्धता रखने वाले जिला अस्पताल की 5 मंजिला बिल्डिंग में लगाए गए आगजनी से निपटने के लिए उपकरण चलने से पहले ही खराब हो गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन्हें चलाने के लिए कोई ऑपरेटर भी नहीं है. इसका खुलासा नगर निगम की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है.

chhindwara medical college
छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज

कोई नहीं है उपयोगकर्ता
जिला अस्पताल की बिल्डिंग बनाते समय आगजनी की घटना से निपटने के लिए जरूरी उपकरणों में फायर हाइडेंट लाइन, डिटेक्टर, स्मोक डिटेक्टर, ऑटोमेटिक फायर स्प्रिंकलर तो लगा दिए गए हैं, लेकिन इन्हें ऑपरेट करने वाला कोई नहीं है. हालात ये है कि इनके अगल बगल में लोग अब पीकदान बनाने लगे हैं. (fire safety device in chhindwara)

fire extinguisher
छिंदवाड़ा में खराब हुए फायर उपकरण

नियुक्त होना चाहिए फायरमैन
जिला अस्पताल में लगे फायर उपकरणों की जानकारी के लिए जब ईटीवी भारत ने फायर सेफ्टी इंजीनियर नासिर खान से बात की तो उन्होंने बताया कि बिल्डिंग में उपकरण लगाने से आगजनी की घटनाएं नहीं रोकी जा सकतीं. इन्हें ऑपरेट करने के लिए बकायदा एक प्रशिक्षित फायरमैन नियुक्त होना चाहिए, लेकिन जिला अस्पताल में ऐसा कोई नहीं है और न ही कोई फायरमैन है. अस्पताल में कोई प्रशिक्षित व्यक्ति भी नहीं है, जो दुर्घटना होने पर इन उपकरणों का उपयोग कर सके. (fire alarm in chhindwara)

chhindwara hospital
छिंदवाड़ा अस्पताल

एक्सपायरी फायर सिलेंडरों के भरोसे है जिला अस्पताल
फायर सेफ्टी इंजीनियर नासिर खान ने ईटीवी भारत को बताया कि फायर एक्सटिंग्विशर सिलेंडर हर साल रिफिल किया जाना जरूरी है. वर्ना ये किसी काम के नहीं होते हैं. जब ईटीवी भारत की टीम जिला अस्पताल में हकीकत जानने पहुंची, तो यहां दो साल पहले रिफिल किए गए फायर एक्सटिंग्विशर दीवार पर लटके मिले. जो सिर्फ दिखावे के लिए ही थे.

chhindwara municipal corporation
छिंदवाड़ा नगर पालिका

गौशाला बनी कत्लखाना! 800 गायों की मौत का दावा, CBI जांच की मांग, संचालक को मिली जमानत

सीएमएचओ ने बताया कि आखिर जिला अस्पताल की बहुमंजिला इमारत में आगजनी से निपटने के क्या इंतजाम हैं, तो उन्होंने वहीं सरकारी रटा रटाया हुआ जवाब दोहरा दिया. सभी फायर उपकरण लगे हैं और इन्हें चलाने की भी व्यवस्था है. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि वक्त वक्त पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाती है, लेकिन जिस अस्पताल में एक्सपायरी डेट के अग्निशामक यंत्र लगे हो वहां भला क्या उम्मीद लगाई जा सकती है.

Fire equipment
अग्निशमन यंत्र हुए आउटडेटेड
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