छिंदवाड़ा। डूब प्रभावित किसानों का दर्द जब छलका तो वे केलक्ट्रेट पहुंच गये और ज्ञापन देकर रजिस्ट्री शुल्क वापस करने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर आत्महत्या करने की धमकी दी है. किसानों का आरोप है कि डूब क्षेत्र में आने वाली जमीनों का पहले ही कम मुआवजा दिया गया है. उपर से रजिस्ट्री शुल्क भी वापस नहीं किया जा रहा है.
दरअसल, जनसुनवाई में पहुंचे डूब क्षेत्र के ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि डूब क्षेत्र में पड़ने वाली भूमि का पहले ही मुआवजा कम दिया गया है और उस रकम से खरीदी गई भूमि की रजिस्ट्री में लगने वाला शुल्क वापस किया जाना था, लेकिन अभी तक शुल्क वापस नहीं किया गया. जिससे किसान परेशान हैं.
किसानों का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क में छूट उन विस्थापित परिवारों को मिलेगा, जिन्हें परियोजनाओं की पुनर्वास योजना के अंतर्गत बसाया जायेगा, इसके लिए जो जमीन खरीदी जायेगी, उसकी रजिस्ट्री में लगने वाला खर्च वापस किया जायेगा. किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार आवेदन दिया, फिर भी अब तक स्टांप शुल्क एवं छूट प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया गया, साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो आत्महत्या कर लेंगे.