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कलेक्टर से बोले डूब प्रभावित किसान, कहा- नहीं मिला शुल्क तो दे देंगे जान

डूब क्षेत्र में गई भूमि की मुआवजा राशि, मुद्रांक शुल्क व स्टांप शुल्क वापस नहीं करने पर किसानों ने आत्महत्या करने की धमकी दी है.

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Published : Feb 12, 2019, 11:07 PM IST

डूब प्रभावित किसान

छिंदवाड़ा। डूब प्रभावित किसानों का दर्द जब छलका तो वे केलक्ट्रेट पहुंच गये और ज्ञापन देकर रजिस्ट्री शुल्क वापस करने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर आत्महत्या करने की धमकी दी है. किसानों का आरोप है कि डूब क्षेत्र में आने वाली जमीनों का पहले ही कम मुआवजा दिया गया है. उपर से रजिस्ट्री शुल्क भी वापस नहीं किया जा रहा है.

डूब प्रभावित किसान
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दरअसल, जनसुनवाई में पहुंचे डूब क्षेत्र के ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि डूब क्षेत्र में पड़ने वाली भूमि का पहले ही मुआवजा कम दिया गया है और उस रकम से खरीदी गई भूमि की रजिस्ट्री में लगने वाला शुल्क वापस किया जाना था, लेकिन अभी तक शुल्क वापस नहीं किया गया. जिससे किसान परेशान हैं.

किसानों का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क में छूट उन विस्थापित परिवारों को मिलेगा, जिन्हें परियोजनाओं की पुनर्वास योजना के अंतर्गत बसाया जायेगा, इसके लिए जो जमीन खरीदी जायेगी, उसकी रजिस्ट्री में लगने वाला खर्च वापस किया जायेगा. किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार आवेदन दिया, फिर भी अब तक स्टांप शुल्क एवं छूट प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया गया, साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो आत्महत्या कर लेंगे.

छिंदवाड़ा। डूब प्रभावित किसानों का दर्द जब छलका तो वे केलक्ट्रेट पहुंच गये और ज्ञापन देकर रजिस्ट्री शुल्क वापस करने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर आत्महत्या करने की धमकी दी है. किसानों का आरोप है कि डूब क्षेत्र में आने वाली जमीनों का पहले ही कम मुआवजा दिया गया है. उपर से रजिस्ट्री शुल्क भी वापस नहीं किया जा रहा है.

डूब प्रभावित किसान
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दरअसल, जनसुनवाई में पहुंचे डूब क्षेत्र के ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि डूब क्षेत्र में पड़ने वाली भूमि का पहले ही मुआवजा कम दिया गया है और उस रकम से खरीदी गई भूमि की रजिस्ट्री में लगने वाला शुल्क वापस किया जाना था, लेकिन अभी तक शुल्क वापस नहीं किया गया. जिससे किसान परेशान हैं.

किसानों का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क में छूट उन विस्थापित परिवारों को मिलेगा, जिन्हें परियोजनाओं की पुनर्वास योजना के अंतर्गत बसाया जायेगा, इसके लिए जो जमीन खरीदी जायेगी, उसकी रजिस्ट्री में लगने वाला खर्च वापस किया जायेगा. किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार आवेदन दिया, फिर भी अब तक स्टांप शुल्क एवं छूट प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया गया, साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो आत्महत्या कर लेंगे.

Intro:डूब क्षेत्र में गई भूमि का मुआवजा राशि खरीदी गई भूमि की रजिस्ट्री में लगने वाला मुद्रांक शुल्क वास टोल शुल्क एवं छूट का प्रमाण पत्र प्रदान करने किए जाने के लिए आवेदन दिया डूब क्षेत्र वालों ने और साथ ही मांग कि अगर हमारी बातें नहीं मानी गई तो हम आत्महत्या करेंगे


Body:आज जनसुनवाई के दौरान जिला कलेक्ट्रेट में डूब क्षेत्र ग्रामीण पहुंचे वहां उन्होंने कलेक्टर महोदय को ज्ञापन दिया और मांग की डूब क्षेत्र में कई भूमि का मुआवजा व खरीदी की गई भूमि की रजिस्ट्री में लगा मुद्रक शुल्क स्टांप शुल्क एवं छूट पत्र देने की मांग की उनका कहना है कि सरकार द्वारा कहा गया था कि मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क से छूट विस्थापित परिवार वाले स्थानों पर जहां उन्हें परियोजनाओं की पुनर्वास योजना के अंतर्गत बताए जाएंगे जो जमीन खरीदी में उन पर मुद्रक और पंजीयन शुल्क की छूट अधिग्रहित ठाकरे की गई भूमि का शुल्क एवं मुआवजा राशि जो अधिक से अधिक सीमा तय की गई है धार्मिक व पौराणिक महत्व के स्थलों डूब क्षेत्र के बाद स्थापित किया जावेगा क्षेत्रफल
डूब क्षेत्र किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार आवेदन दे चुके हैं अब पर उन्हें अभी तक मुद्रांक शुल्क व स्टेम शुल्क एवं छूट प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया दिया गया है साथी के साथ में चेतावनी दी अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती तो उन्होंने आत्महत्या करने की भी चेतावनी दी


Conclusion:देखना होगा सरकारी योजनाएं तो बनाती है पर उनका क्रियान्वयन सही रूप से नहीं हो पाता इसी के चलते डूब क्षेत्र किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा उनकी मांग थी कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती तो उन्होंने आत्महत्या करने की चेतावनी विधि
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