छिंदवाड़ा। जिले के लीखावाड़ी गांव से अंधविश्वास का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जहां बीमारी से पीड़ित एक परिवार को गांव के लोगों ने उसे बहिष्कृत कर दिया. हालांकि प्रशासन ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए उनका इलाज कराए जाने की व्यवस्था की है.
लीखावाड़ी गांव में एक ही परिवार के पांच लोग अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित हैं. जिनमें 55 साल की एक वृद्धा तुलसा बाई लंबे समय से बेडशूल से गृसित है. जिससे उनके शरीर में घाव पड़ गए हैं. घावों में कीड़े लगने से बह गंभीर बीमारी से जूझ रही है. लेकिन ग्रामीणों ने इसे देवी का प्रकोप मानते हुए पूरे परिवार को ही बहिष्कृत कर दिया. ग्रामीणों कहना है कि धार्मिक और पड़िहार की मान्यताओं के अनुसार शुद्धिकरण करने के बाद ही उन्हें समाज में मिलाया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में 15 साल में यह इस तरह की यह तीसरी घटना है.
प्रशासन ने किया हस्तक्षेप
मामले की जानकारी लगते ही परासिया तहसीलदार वीर बीएम धुर्वे और डॉक्टर सुधा बक्शी मौके पर पहुंची. जहां उन्होंने पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पताल में भिजवाया है. डॉ. सुधा बक्शी ने कहा कि अगर पीड़ितों का इलाज ठीक से कराया गया होता तो इतनी बड़ी बीमारी नहीं बनती. लेकिन उनका इलाज शुरु करवा दिया गया है. जिससे वे जल्द ही ठीक हो जाएगे.