छिंदवाड़ा। कोरोना महामारी से बचाव के लिए पूरी दुनिया वैक्सीन का इंतजार कर रही थी. अब जब भारत ने कोरोना वैक्सीन ईजाद कर ली है तो फ्रंटलाइन वर्कर उसे लगवाने से परहेज कर रहे हैं. यही वजह है कि अब तक छिंदवाड़ा में सिर्फ आधे ही हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन के डोज दिए गए हैं.
500 की जगह सिर्फ 250 को वैक्सीन
छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रोजाना 100 हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जाने थे. लेकिन टारगेट के हिसाब से लोगों ने वैक्सीन का डोज लेने में रुचि नहीं दिखाई, जिसका नतीजा ये निकला कि जहां 500 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन के डोज दिए जाने थे, वहां अब तक महज 250 हेल्थ वर्कर्स को ही डोज दिए गए हैं.
वैक्सीन को लेकर लोगों में खौफ
छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डीन डॉ. गिरीश बी रामटेके ने बताया कि जिस तरीके से टारगेट कंप्लीट करना था, उस हिसाब से कोरोना वैक्सीन लगवाने में लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोगों में डर है कि वैक्सीन नया है. इसका कोई साइड इफेक्ट न हो या इससे कोई परेशानी न आए. इसलिए लोग कम आ रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः MP में 2,55,689 कोरोना संक्रमित मरीज, 30 फीसदी हुआ वैक्सीनेशन
जिले में बनाए गए हैं 34 सेंटर
छिंदवाड़ा जिले में कुल 34 टीकाकरण सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें पहली खेप में 15,077 डोज आए थे. इन डोज के चलते लक्ष्य था कि 12 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा, लेकिन आंकड़ा आधा ही हो पाया है.