छिंदवाड़ा। पांढुर्णा कृषि उपज मंडी में सीसीआई कपास खरीदी में बड़ी लापरवाही सामने आई है. कपास बेचने का रहे कुछ किसान अपने दस्तावेज देकर व्यापारियों को कपास बेच रहे हैं और व्यापारी, किसानों के कागजातों के जरिए अपना कपास बेच रहे हैं. लिहाजा सीसीआई के अधिकारियों ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत एक हेक्टेअर में केवल 16 क्विंटल तक कपास खरीदा जाएगा. यदि उससे अधिक कपास पाया गया तो किसानों का कपास नहीं खरीदा जायेगा. इसको लेकर मंडी प्रशासन भी सख्त हो गया है. अब मंडी के कर्मचारी किसान के दस्तावेजों की जांच पड़ताल और कपास की मात्रा की जांच करेंगे, उसके बाद ही सीसीआई कपास खरीदी करेगी.
दरअसल, पांढुर्णा कृषि मंडी में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के वाहन नजर आ रहे हैं, जो किसान को छोड़ व्यापारियों का कपास मंडी में पहुंच रहा हैं. सीसीआई द्वारा कपास खरीदी को लेकर किसानों को अच्छे भाव मिल रहे है. सीसीआई के अधिकारियों द्वारा कपास की गुणवत्ता के आधार पर 5141 से 5355 तक के दाम दिए जा रहे हैं. जिससे किसानों को उनकी मेहनत का फल मिल सके. सीसीआई अधिकारियों के मुताबिक 7 मई से कपास खरीदी की शुरुवात की गई है, जो लगातार जारी है.
6500 किसानों का पंजीयन, 1500 किसानों का खरीदा कपास
सीसीआई अधिकारी बीएस मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि पांढुर्णा विकासखंड में लगभग 6500 किसानों का पंजीयन कृषि उपज मंडी द्वारा किया गया हैं. जिनमे से 7 मई से अब तक लगभग 1500 किसानों ने अपनी उपज सीसीआई को बेची है.
हर दिन 100 से अधिक कपास के पहुंच रहे वाहन
पांढुर्णा कृषि उपज मंडी में प्रतिदिन 80 से 100 कपास के वाहन पहुचं रहे हैं. जिससे मंडी में वाहनों का जमावड़ा लग गया है, लेकिन इन वाहनों में किसानों के द्वारा दिये जा रहे दस्तावेजों से ज्यादा कपास की तादादा दिखाई दे रही है. जिसको लेकर सीसीआई ने सख्त होकर आज से नई गाइड लाइन जारी कर प्रति हेक्टेयर में केवल 16 क्विंटल कपास खरीदने का निर्णय लिया गया है.