हरदा : हरदा में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में उस समय हंगामा मच गया, जब एक युवती के परिजन मौके पर पहुंचे और अपनी लड़की की शादी का विरोध करने लगे. आयोजन में 43 जोड़ों का विवााह संपन्न हुआ. इसमें एक जोड़ा ऐसा भी है जिसकी शादी विवादों में घिर गई. जब दुल्हन के माता-पिता मौके पर पहुंचे तो देखा उनकी बेटी शादी के बंधन में बंध गई है. परिजनों ने आयोजन कराने वालों से काफी देर तक बहस की.
परिजनों ने किया हंगामा, कैसे कर दी शादी
परिजनों का हंगामा देखकर जिम्मेदार अधिकारी सकते मे आ गए. दुल्हन की दादी सुमन बाई ने आरोप लगाया 'बगैर माता-पिता की मर्जी के शादी कैसे हो गई." वहीं, प्रसाशनिक अधिकारियों का कहना है "दूल्हा व दुल्हन के सारे दस्तावेज चेक करने का बाद ही शादी कराई गई है." मामला टिमरनी थाना क्षेत्र के ग्राम शमशाबाद का है. एक परिवार ने आरोप लगाया "उनकी बेटी का विवाह बिना अनुमति के करा दिया गया. उनकी बेटी एक महीने पहले सिलाई का काम करने के लिए घर से निकली थी और वापस नहीं लौटी."
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क्या विवाह के लिए माता-पिता की मंजूरी आवश्यक है
परिजनों का कहना है कि बेटी के लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई. जब उन्हें विवाह की सूचना मिली, तब तक शादी हो चुकी थी. हालांकि लड़की बालिग है, लेकिन परिजनों का कहना है कि विवाह के लिए माता-पिता की अनुमति आवश्यक है. वहीं सामूहिक विवाह के नोडल अधिकारी नारायण शर्मा का कहना है "सभी जोड़ों के विवाह शासन के नियमों के अनुसार ही संपन्न कराए गए हैं. सभी के दास्तांवेज चेक किये गए हैं और नियम से ही शादी संपन्न कराई गई है. रहा सवाल माता-पिता के हस्ताक्षर का तो फार्म मे ऐसा कोई कॉलम नहीं होता, जिसमें माता-पिता के हस्ताक्षर जरूरी हों."