छिंदवाड़ा। नगरीय निकाय चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है, जिसके चलते मंगलवार को दोनों दलों के आदिवासी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने बैठक कर आगामी रणनीति बनाई.
कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ की बैठक
मंगलवार दोपहर जहां कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश सराफ ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली, तो वहीं शाम को भाजपा के अनुसूचित जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष कल सिंह भावर ने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं से चर्चा की.
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित महापौर का पद
छिंदवाड़ा नगर निगम में महापौर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, जिसके चलते दोनों ही दल अनुसूचित जनजाति की नब्ज टटोलने में लगे हुए है, ताकि नगर निगम में कब्जा कर सकें.
प्रत्याशियों की तलाश में जुटी पार्टियां
नगर निगम में महापौर पद के प्रत्याशियों के लिए दोनों पार्टियों ने तलाश शुरू कर दी है. हालांकि दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन पार्टियों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इसलिए हर कोई दावेदार अपनी तरफ से टिकट की जुगत में लगा हुआ है.
निकाय चुनाव: BJP-कांग्रेस ने रणनीति पर कार्यकर्ताओं से की चर्चा - छिंदवाड़ा नगर निगम
नगरीय निकाय चुनाव के लिए जहां कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली, तो वहीं अनुसूचित जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष ने भी कार्यकर्ताओं से चर्चा की.
छिंदवाड़ा। नगरीय निकाय चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है, जिसके चलते मंगलवार को दोनों दलों के आदिवासी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने बैठक कर आगामी रणनीति बनाई.
कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ की बैठक
मंगलवार दोपहर जहां कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश सराफ ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली, तो वहीं शाम को भाजपा के अनुसूचित जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष कल सिंह भावर ने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं से चर्चा की.
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित महापौर का पद
छिंदवाड़ा नगर निगम में महापौर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, जिसके चलते दोनों ही दल अनुसूचित जनजाति की नब्ज टटोलने में लगे हुए है, ताकि नगर निगम में कब्जा कर सकें.
प्रत्याशियों की तलाश में जुटी पार्टियां
नगर निगम में महापौर पद के प्रत्याशियों के लिए दोनों पार्टियों ने तलाश शुरू कर दी है. हालांकि दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन पार्टियों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इसलिए हर कोई दावेदार अपनी तरफ से टिकट की जुगत में लगा हुआ है.