छिंदवाड़ा। ये तस्वीरें सीएम कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के बेलगांव की हैं. यहां एक प्रसव पीड़ा से तड़पती एक गर्भवती महिला को इलाज से पहले मौत से दो- चार होना पड़ता है. बारिश में प्रदेश का सिस्टम खाट पर नजर आया.
बेलगांव से बहने वाली जाम नदी पर एक अदद पुल न होने का खामियाजा ग्रामीणों को हर बार बारिश में भुगतना पड़ता है. बारिश का पानी जैसे ही नदी पर बनी पुलिया के ऊपर से बहने लगता है. गांव के लोगों की परेशानी भी बढ़ जाती है. गांव के बाहर जाने के लिए यही एक रास्ता है, जो पुलिया पर पानी आते ही बंद हो जाता है. ऐसे में ग्रामीण गांव में ही फंस जाते है.स्थिति तब और गंभीर हो जाती है. जब कोई बीमार होता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया. जब गांव की एक आदिवासी महिला को प्रसव पीड़ा हुई, अस्पताल तक जाने के लिए कोई जरिया ही नहीं था. लिहाजा ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को खाट पर लिटाकर नदी के पार पहुंचाया. तब कही जाकर दूसरी तरफ खड़ी एंबुलेंस की मदद से गर्भवती महिला अस्पताल तक पहुंची.
ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर इस महिला को अस्पताल तक पहुंचाया, देश को आजाद हुए सात दशक के ज्यादा का वक्त बीत गया, लेकिन इस गांव के लोगों आज भी पुल का इंतजार कर रहे हैं. बड़ा सवाल यह है भी है, कि आखिर कब तक ग्रामीण इसी तरह मुसीबत झेलते रहेंगे. जान जोखिम में डालकर मरीजों को खाट पर लिटाकर नदी पार कराते रहेंगे और सिस्टम मूकदर्शक बना उन्हें देखता रहेगा.विकास मॉडल के नाम से प्रदेश भर में मशहूर छिंदवाड़ा जिले के बेलगांव की इस समस्या पर जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो उनका जबाव भी आप सुन लीजिए. जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहें, लेकिन ये तस्वीरें छिंदवाड़ा के विकास मॉडल पर सवाल जरूर कर रही हैं. बड़े- बड़े दावें करने वाले सीएम कमलनाथ के विकास मॉडल की इन तस्वीरों ने पोल खोलकर रख दी है.