छिन्दवाड़ा। अमरावती के निजी अस्पताल से झूठे कागजातों के आधार पर रेमडेसिविर इंजेक्शन छिंदवाड़ा लाकर बेचने वाले आरोपी पर रासुका के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया है.
29 अप्रैल को आरोपी को किया था गिरफ्तार
छिंदवाड़ा में अमरावती के रहने वाले युवक अजिंक्य ठाकरे 29 अप्रैल को छह रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की फिराक में था. पुलिस को सूचना मिलने पर खुद देहात थाना प्रभारी महेंद्र भगत ने मरीज बनकर आरोपी को फोन किया और रंगे हाथों इंजेक्शन की कालाबाजारी करते गिरफ्तार किया था. आरोपी के पास से छह इंजेक्शन मिले थे, जो 18-18 हजार रुपये में बेच रहा था.
आरोपी पर रासुका के तहत हुई कार्रवाई
आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के बाद एसपी विवेक अग्रवाल के निर्देश पर युवक के खिलाफ धारा 188, 269, आवश्यक वस्तु अधिनियम, महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम के साथ रासुका का प्रकरण बनाकर कलेक्टर न्यायालय में पेश किया गया था. जिसके बाद कलेक्टर न्यायालय ने आरोपी पर रासुका की धारा लगाते हुए जेल वारंट काट दिया है.
अस्पताल में मरीज को नहीं लगाती थी इंजेक्शन, दो नर्स करती थी कालाबाजारी
आरोपी के खिलाफ अमरावती में भी दर्ज हैं दो मामले
आरोपी अजिंक्य ठाकरे के ऊपर अमरावती में भी दो मामले दर्ज हैं. आरोपी ने बताया था कि अमरावती के डॉक्टर पंजाब राव देशमुख अस्पताल से उसने नकली मरीज के दस्तावेज बनाकर रेमडेसिविर इंजेक्शन लिए थे. वह उन्हें छिंदवाड़ा में बेचने की फिराक में था. इसी दौरान पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.