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रोजा रखने वाले पंडित कहते हैं- धर्म की लड़ाई धर्म से नहीं अधर्म से होती है - छिंदवाड़ा में एक ब्राह्मण

भागदौड़ भरी इस जिंदगी में जहां लोगों को पूजन और धर्म के लिए मुश्किल से ही वक्त मिल पाता है. ऐसे में एक ब्राह्मण ऐसा भी है, जो अपने धर्म के साथ दूसरे धर्मों को भी मानता है और समय निकालकर सभी धर्म ग्रंथों का अध्ययन भी करता है. रमजान के पवित्र माह में ये ब्राम्हण 26 साल से रोजा रखते आ रहे हैं.

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रोजा रखने वाले पंडित
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Published : May 22, 2020, 5:09 PM IST

Updated : May 22, 2020, 8:07 PM IST

छिंदवाड़ा। जहां आज के समय में लोग पूजा-पाठ और धर्म से काफी दूर होते जा रहे हैं इन्हीं लोगों के बीच छिंदवाड़ा में एक ऐसे ब्राह्मण भी हैं जो अपने धर्म के साथ दूसरे धर्मों को भी मानते हैं. आनंद लगभग 26 सालों से लगातार कुरान का अध्ययन के साथ ही रोजा रखते हैं वे मंदिर, मस्जिद गुरुद्वारा और चर्च भी जाते हैं. आनंद मानते हैं कि धर्म की लड़ाई कभी धर्म से नहीं हो सकती, धर्म की लड़ाई सिर्फ अधर्म के साथ होती है.

रोजा रखने वाले पंडित

छिंदवाड़ा में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे आनंद अपने धर्म के साथ दूसरे धर्मों को भी उतना ही महत्व देते हैं, जहां आज के दौर में लोग भागदौड़ की जिंदगी में अपने धर्म और धार्मिक कार्यों के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं, वहीं आनंद ब्राह्मण जो लगातार 26 वर्षों से अपने धर्म के साथ दूसरे धर्मों को भी महत्व देते है, वे गुरुद्वारे भी जाते हैं और माथा टेकते हैं, मस्जिद भी जाते हैं और वहां चादर चढ़ाते हैं. साथ ही चर्च जाकर प्रार्थना भी करते हैं. आनंद मंदिर भी जाते हैं और दुर्गा देवी के सामने माथा टेकते हैं.

आनंद रोज कुरान का पाठ करते हैं, ऐसा करने से उन्हें आत्मिक शांति मिलती है. उन्होंने बताया कि सभी धर्म एक बराबर हैं और धर्म की लड़ाई धर्म के साथ नहीं होती, धर्म की लड़ाई अधर्म के खिलाफ होती है, ये संदेश देने के लिए ले नवरात्रि में 9 दिन का उपवास रहते हैं और रमजान में रोजा भी रखते हैं.

A Brahmin fasts in Ramadan in Chhindwara
आनंद के घर में बना पूजा का स्थान

आनंद की पत्नी भक्ति कहती हैं आज जब देश में आपसी प्रेम और भाई चारे की जरूरत है और सबको एक साथ मिलजुलकर रहना हमेशा से ही समय की मांग रही है, ऐसे में अपने घर में सभी धर्मों की किताबें और उनका अध्ययन करते अपने पति को देखकर उन्हें बहुत खुशी महसूस होती है.

आनंद के बड़े भाई जयंत बताते हैं कि आनंद लंबे समय से रोजा रखते आ रहे हैं, लेकिन एक सर्जरी के बाद उन्होंने हाल ही में रोजा रखना छोडा़ है, लेकिन आज भी रमजान के माह में उनकी इबादत वैसी ही है जैसे पहले थी.

छिंदवाड़ा। जहां आज के समय में लोग पूजा-पाठ और धर्म से काफी दूर होते जा रहे हैं इन्हीं लोगों के बीच छिंदवाड़ा में एक ऐसे ब्राह्मण भी हैं जो अपने धर्म के साथ दूसरे धर्मों को भी मानते हैं. आनंद लगभग 26 सालों से लगातार कुरान का अध्ययन के साथ ही रोजा रखते हैं वे मंदिर, मस्जिद गुरुद्वारा और चर्च भी जाते हैं. आनंद मानते हैं कि धर्म की लड़ाई कभी धर्म से नहीं हो सकती, धर्म की लड़ाई सिर्फ अधर्म के साथ होती है.

रोजा रखने वाले पंडित

छिंदवाड़ा में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे आनंद अपने धर्म के साथ दूसरे धर्मों को भी उतना ही महत्व देते हैं, जहां आज के दौर में लोग भागदौड़ की जिंदगी में अपने धर्म और धार्मिक कार्यों के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं, वहीं आनंद ब्राह्मण जो लगातार 26 वर्षों से अपने धर्म के साथ दूसरे धर्मों को भी महत्व देते है, वे गुरुद्वारे भी जाते हैं और माथा टेकते हैं, मस्जिद भी जाते हैं और वहां चादर चढ़ाते हैं. साथ ही चर्च जाकर प्रार्थना भी करते हैं. आनंद मंदिर भी जाते हैं और दुर्गा देवी के सामने माथा टेकते हैं.

आनंद रोज कुरान का पाठ करते हैं, ऐसा करने से उन्हें आत्मिक शांति मिलती है. उन्होंने बताया कि सभी धर्म एक बराबर हैं और धर्म की लड़ाई धर्म के साथ नहीं होती, धर्म की लड़ाई अधर्म के खिलाफ होती है, ये संदेश देने के लिए ले नवरात्रि में 9 दिन का उपवास रहते हैं और रमजान में रोजा भी रखते हैं.

A Brahmin fasts in Ramadan in Chhindwara
आनंद के घर में बना पूजा का स्थान

आनंद की पत्नी भक्ति कहती हैं आज जब देश में आपसी प्रेम और भाई चारे की जरूरत है और सबको एक साथ मिलजुलकर रहना हमेशा से ही समय की मांग रही है, ऐसे में अपने घर में सभी धर्मों की किताबें और उनका अध्ययन करते अपने पति को देखकर उन्हें बहुत खुशी महसूस होती है.

आनंद के बड़े भाई जयंत बताते हैं कि आनंद लंबे समय से रोजा रखते आ रहे हैं, लेकिन एक सर्जरी के बाद उन्होंने हाल ही में रोजा रखना छोडा़ है, लेकिन आज भी रमजान के माह में उनकी इबादत वैसी ही है जैसे पहले थी.

Last Updated : May 22, 2020, 8:07 PM IST
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