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मक्के की आवक के पहले 483 रैक बुक, स्थानीय व्यापारियों हो रही परेशानी

छिंदवाड़ा जिले में हर साल की तरह इस बार भी मक्का की फसल आने से पहले ही रेलवे रैक की बुकिंग करा ली गई है. वहीं एक साथ रैकों की बुकिंग हो जाने के चलते स्थानीय व्यापारियों को रैक नहीं मिल पा रहे हैं. जिसको लेकर फसल आने पर व्यापारियों के सामने परिवहन समस्या खड़ी हो जाती है.

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मक्के की आवक के पहले ही 483 रेलवे रैक बुक
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Published : Oct 21, 2020, 6:39 PM IST

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में इस बार मक्का फसल की आवक में देरी है. लेकिन बंपर आवक के चलते इसके परिवहन के लिए रेलवे रैक की बुकिंग अभी से कर ली गई है.

मक्के की आवक के पहले ही 483 रेलवे रैक बुक
जिले में हर बार की तरह इस बार भी बाहर के व्यापारियों ने 483 मक्का के लिए रैक बुक कर लिया है. रेलवे के रिकॉर्ड मुताबिक अब तक 483 इंडेन यानी माल गाड़ी बुक कर ली गई है, जिसमें अकेले 482 मक्का की हैं और एक गेहूं के लिए बुक की गई है. तकरीबन एक रैक में 2600 से 3200 टन मक्का का परिवहन होता है.

जिले में भले ही मक्के का उत्पादन अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन इसके परिवहन के लिए अभी बाहर से आए व्यापारियों ने माल गाड़ी बुक करा ली हैं. मक्के की फसल के परिवहन के लिए हर साल ही माल गाड़ी बुक करा ली जाती है. एक साथ रैक बुक होने से स्थानीय व्यापारियों को इन रैकों के लिए आवेदन लगाने का मौका नहीं मिल पाता है.

छिंदवाड़ा परासिया और खिरसाडोह की बुकिंग एडवांस में बाहर की फर्मों द्वारा करा लिया जाता है. इसके कारण स्थानीय व्यापारियों को रैक नहीं मिल पा रहे हैं. रैक नहीं होने के कारण मंडी व्यापारी यदि मक्का खरीदी करते हैं तो इसके लिए उनके पास परिवहन समस्या खड़ी हो जाएगी. पिछले वर्ष भी 1200 से ज्यादा रैक बुक करा लिया गए थे. यहां पर दिल्ली और चेन्नई की कंपनियों ने इन रैकों को बुक कराया था.

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में इस बार मक्का फसल की आवक में देरी है. लेकिन बंपर आवक के चलते इसके परिवहन के लिए रेलवे रैक की बुकिंग अभी से कर ली गई है.

मक्के की आवक के पहले ही 483 रेलवे रैक बुक
जिले में हर बार की तरह इस बार भी बाहर के व्यापारियों ने 483 मक्का के लिए रैक बुक कर लिया है. रेलवे के रिकॉर्ड मुताबिक अब तक 483 इंडेन यानी माल गाड़ी बुक कर ली गई है, जिसमें अकेले 482 मक्का की हैं और एक गेहूं के लिए बुक की गई है. तकरीबन एक रैक में 2600 से 3200 टन मक्का का परिवहन होता है.

जिले में भले ही मक्के का उत्पादन अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन इसके परिवहन के लिए अभी बाहर से आए व्यापारियों ने माल गाड़ी बुक करा ली हैं. मक्के की फसल के परिवहन के लिए हर साल ही माल गाड़ी बुक करा ली जाती है. एक साथ रैक बुक होने से स्थानीय व्यापारियों को इन रैकों के लिए आवेदन लगाने का मौका नहीं मिल पाता है.

छिंदवाड़ा परासिया और खिरसाडोह की बुकिंग एडवांस में बाहर की फर्मों द्वारा करा लिया जाता है. इसके कारण स्थानीय व्यापारियों को रैक नहीं मिल पा रहे हैं. रैक नहीं होने के कारण मंडी व्यापारी यदि मक्का खरीदी करते हैं तो इसके लिए उनके पास परिवहन समस्या खड़ी हो जाएगी. पिछले वर्ष भी 1200 से ज्यादा रैक बुक करा लिया गए थे. यहां पर दिल्ली और चेन्नई की कंपनियों ने इन रैकों को बुक कराया था.

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