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महादेव का रहस्यमयी मंदिर, जहां वर्जित है महिलाओं का प्रवेश - 3500 year old Shiva temple

छतरपुर से 25 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव वरट में भगवान शिव का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है जहां महिलाओं का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है.

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बटेश्वर मंदिर
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Published : Jul 15, 2020, 12:56 AM IST

छतरपुर। देशभर में यूं तो भोलेनाथ के कई रहस्यमयी मंदिर हैं, लेकिन छतरपुर में एक ऐसा अनोखा शिवालय है, जहां हजारों सालों से महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. जानकार बताते हैं कि ये मंदिर सदियों पुराना है, जिसका निर्माण गोंड राजाओं ने कराया था.

बटेश्वर शिव मंदिर

छतरपुर जिले से लगभग 25 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव वरट में भगवान शिव का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है, जिसके अंदर महिलाओं का जाना पूरी तरह से वर्जित है. इस मंदिर को बटेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है. सदियों से गांव की महिलाएं इस मंदिर के अंदर नहीं जाती हैं.

ऐसा माना जाता है अगर कोई महिला इस मंदिर के अंदर जाकर भगवान शिव की आराधना कर लेती है तो गांव में कुछ अनिष्ट हो जाता है. यही वजह है कि सदियों से गांव की महिलाओं ने इस मंदिर में अपने कदम नहीं रखें हैं. बस मंदिर के बाहर से ही महिलाएं भगवान शिव से अपनी मनोकामना मांगती हैं और भगवान उन्हें पूरी कर देते हैं.

Bateshwar Temple
विराजित शिवलिंग

3500 साल पुराना मंदिर

ग्रामीणों की मानें तो यह मंदिर लगभग 3500 साल पुराना है. इस मंदिर के प्रति गांव और आसपास के लोगों की गहरी आस्था है. दूर-दूर से लोग इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन और पूजन करने के लिए आते हैं.

पत्थर के ऊपर पत्थर रखकर बना है मंदिर

जब इस मंदिर के बनावट की बात की जाती है तो ऐसा प्रतीत होता है मानों जैसे पत्थरों के ऊपर पत्थर रखकर इस मंदिर को बनाया गया हो. मंदिर के सबसे अलग कोने में भगवान शिव की एक शिवलिंग है और पूरे मंदिर के अंदर छोटी-छोटी योगियों की प्रतिमाएं हैं. ऐसा माना जाता है यह मंदिर तंत्र साधनाओं के लिए सबसे प्रयुक्त था और कालांतर में लोगों ने धन की लालच में इस मंदिर को खुर्द-बुर्द कर दिया.

खंडर में तब्दील हो रहा मंदिर

मंदिर के रख-रखाव के लिए पुरातत्व विभाग की तरफ से यहां पर एक गाइड रखा गया है, लेकिन पुरात्तव विभाग की ओर से कोई भी ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से दिन-प्रतिदिन मंदिर खंडर में बदलता जा रहा है.

Bateshwar Temple
बटेश्वर मंदिर

नहीं जाती महिलाएं

गांव में ही रहने वाले संदीप प्रसाद राजपूत बताते हैं कि मंदिर हजारों वर्ष पुराना है और मंदिर के अंदर आज तक कोई भी महिला पूजा करने नहीं गई और ऐसा गांव में सदियों से होता चला आ रहा है. वहीं गांव में ही रहने वाली 50 साल की हल्लू बाई बताती हैं कि गांव के शिव मंदिर में आज तक कोई भी महिला अंदर दर्शन करने नहीं गई है.

भले ही इस मंदिर में महिलाओं के वर्जित प्रवेश के पीछे की कहानी किसी को नहीं मालूम लेकिन आज भी हजारों की संख्या में लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है. वहीं भोलेनाथ का यह अनोखा मंदिर अपने रहस्यमय बनावट और महिलाओं का मंदिर के अंदर न जाने की वजह से हमेशा चर्चाओं में रहा है.

छतरपुर। देशभर में यूं तो भोलेनाथ के कई रहस्यमयी मंदिर हैं, लेकिन छतरपुर में एक ऐसा अनोखा शिवालय है, जहां हजारों सालों से महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. जानकार बताते हैं कि ये मंदिर सदियों पुराना है, जिसका निर्माण गोंड राजाओं ने कराया था.

बटेश्वर शिव मंदिर

छतरपुर जिले से लगभग 25 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव वरट में भगवान शिव का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है, जिसके अंदर महिलाओं का जाना पूरी तरह से वर्जित है. इस मंदिर को बटेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है. सदियों से गांव की महिलाएं इस मंदिर के अंदर नहीं जाती हैं.

ऐसा माना जाता है अगर कोई महिला इस मंदिर के अंदर जाकर भगवान शिव की आराधना कर लेती है तो गांव में कुछ अनिष्ट हो जाता है. यही वजह है कि सदियों से गांव की महिलाओं ने इस मंदिर में अपने कदम नहीं रखें हैं. बस मंदिर के बाहर से ही महिलाएं भगवान शिव से अपनी मनोकामना मांगती हैं और भगवान उन्हें पूरी कर देते हैं.

Bateshwar Temple
विराजित शिवलिंग

3500 साल पुराना मंदिर

ग्रामीणों की मानें तो यह मंदिर लगभग 3500 साल पुराना है. इस मंदिर के प्रति गांव और आसपास के लोगों की गहरी आस्था है. दूर-दूर से लोग इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन और पूजन करने के लिए आते हैं.

पत्थर के ऊपर पत्थर रखकर बना है मंदिर

जब इस मंदिर के बनावट की बात की जाती है तो ऐसा प्रतीत होता है मानों जैसे पत्थरों के ऊपर पत्थर रखकर इस मंदिर को बनाया गया हो. मंदिर के सबसे अलग कोने में भगवान शिव की एक शिवलिंग है और पूरे मंदिर के अंदर छोटी-छोटी योगियों की प्रतिमाएं हैं. ऐसा माना जाता है यह मंदिर तंत्र साधनाओं के लिए सबसे प्रयुक्त था और कालांतर में लोगों ने धन की लालच में इस मंदिर को खुर्द-बुर्द कर दिया.

खंडर में तब्दील हो रहा मंदिर

मंदिर के रख-रखाव के लिए पुरातत्व विभाग की तरफ से यहां पर एक गाइड रखा गया है, लेकिन पुरात्तव विभाग की ओर से कोई भी ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से दिन-प्रतिदिन मंदिर खंडर में बदलता जा रहा है.

Bateshwar Temple
बटेश्वर मंदिर

नहीं जाती महिलाएं

गांव में ही रहने वाले संदीप प्रसाद राजपूत बताते हैं कि मंदिर हजारों वर्ष पुराना है और मंदिर के अंदर आज तक कोई भी महिला पूजा करने नहीं गई और ऐसा गांव में सदियों से होता चला आ रहा है. वहीं गांव में ही रहने वाली 50 साल की हल्लू बाई बताती हैं कि गांव के शिव मंदिर में आज तक कोई भी महिला अंदर दर्शन करने नहीं गई है.

भले ही इस मंदिर में महिलाओं के वर्जित प्रवेश के पीछे की कहानी किसी को नहीं मालूम लेकिन आज भी हजारों की संख्या में लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है. वहीं भोलेनाथ का यह अनोखा मंदिर अपने रहस्यमय बनावट और महिलाओं का मंदिर के अंदर न जाने की वजह से हमेशा चर्चाओं में रहा है.

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