छतरपुर। जिले का शासकीय अस्पताल घोर लापरवाही के चलते सुर्खियों में है. लापरवाही इतनी बड़ी की नवजात शिशु की जान चली गई. एक गर्भवती महिला को राजनगर के ग्राम बिला से हाई रिस्क पर डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल भेजा था. अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस ने आधे घंटे तक इंतजार किया. लेकिन कोई भी अटेंडर महिला को इलाज के लिए अस्पताल के अंदर ले जाने नहीं आया. अटेंडर के इंतजार में महिला ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया. फिर भी कोई अटेंडर महिला को लेने नहीं पहुंचा. इलाज के इंतजार में नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.
- हाई रिस्क के चलते किया गया था रेफर
राजनगर तहसील के बिला गांव की रहने वाली मनीषा अहिरवार को अचानक प्रसाव पीड़ा हुई. परिवार के लोग तुरंत मनीषा को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए. जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. मनीषा के पति संतराम अहिरवार ने बताया कि राजनगर में ही एंबुलेंस का काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. जैसे-तैसे एम्बुलेंस आई और महिला को जिला अस्पताल लेकर पहुंची. लेकिन अस्पताल के गेट पर ही आधे घंटे तक अटेंडर का इंतजार करना पड़ा. जिससे एंबुलेंस के अंदर ही महिला की डिलवरी हो गई और नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.
- पति ने लगाए गंभीर आरोप
महिला के पति संतराम का कहना है कि मेरे बच्चे की जान डॉक्टर और अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही से गई है. पत्नी का 8वां महीना चल रहा था. अगर डॉक्टर चाहते तो सही समय पर इलाज करके बच्चे को बचाया जा सकता था.
- कार्रवाई का आश्वासन
सिविल सर्जन डॉ. लखन तिवारी ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है. जो भी इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.