ETV Bharat / state

ये कैसी लापरवाहीः अस्पताल के गेट पर अटेंडर के इंतजार में नवजात ने तोड़ा दम

जिला अस्पताल में एक बार फिर घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. एक महिला हाई रिस्क डिलीवरी के लिए एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंची. लेकिन अस्पताल के गेट पर उसे लेने के लिए कोई अटेंडर नहीं पहुंचा. जिसके कारण महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दे दिया. अस्पताल के गेट पर नवजात शिशु ने इलाज के इंतजार में दम तोड़ दिया.

Chhatarpur District Hospital
छतरपुर जिला अस्पताल
author img

By

Published : Feb 11, 2021, 8:39 PM IST

छतरपुर। जिले का शासकीय अस्पताल घोर लापरवाही के चलते सुर्खियों में है. लापरवाही इतनी बड़ी की नवजात शिशु की जान चली गई. एक गर्भवती महिला को राजनगर के ग्राम बिला से हाई रिस्क पर डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल भेजा था. अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस ने आधे घंटे तक इंतजार किया. लेकिन कोई भी अटेंडर महिला को इलाज के लिए अस्पताल के अंदर ले जाने नहीं आया. अटेंडर के इंतजार में महिला ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया. फिर भी कोई अटेंडर महिला को लेने नहीं पहुंचा. इलाज के इंतजार में नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.

  • हाई रिस्क के चलते किया गया था रेफर

राजनगर तहसील के बिला गांव की रहने वाली मनीषा अहिरवार को अचानक प्रसाव पीड़ा हुई. परिवार के लोग तुरंत मनीषा को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए. जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. मनीषा के पति संतराम अहिरवार ने बताया कि राजनगर में ही एंबुलेंस का काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. जैसे-तैसे एम्बुलेंस आई और महिला को जिला अस्पताल लेकर पहुंची. लेकिन अस्पताल के गेट पर ही आधे घंटे तक अटेंडर का इंतजार करना पड़ा. जिससे एंबुलेंस के अंदर ही महिला की डिलवरी हो गई और नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.

  • पति ने लगाए गंभीर आरोप

महिला के पति संतराम का कहना है कि मेरे बच्चे की जान डॉक्टर और अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही से गई है. पत्नी का 8वां महीना चल रहा था. अगर डॉक्टर चाहते तो सही समय पर इलाज करके बच्चे को बचाया जा सकता था.

  • कार्रवाई का आश्वासन

सिविल सर्जन डॉ. लखन तिवारी ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है. जो भी इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

छतरपुर। जिले का शासकीय अस्पताल घोर लापरवाही के चलते सुर्खियों में है. लापरवाही इतनी बड़ी की नवजात शिशु की जान चली गई. एक गर्भवती महिला को राजनगर के ग्राम बिला से हाई रिस्क पर डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल भेजा था. अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस ने आधे घंटे तक इंतजार किया. लेकिन कोई भी अटेंडर महिला को इलाज के लिए अस्पताल के अंदर ले जाने नहीं आया. अटेंडर के इंतजार में महिला ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया. फिर भी कोई अटेंडर महिला को लेने नहीं पहुंचा. इलाज के इंतजार में नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.

  • हाई रिस्क के चलते किया गया था रेफर

राजनगर तहसील के बिला गांव की रहने वाली मनीषा अहिरवार को अचानक प्रसाव पीड़ा हुई. परिवार के लोग तुरंत मनीषा को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए. जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. मनीषा के पति संतराम अहिरवार ने बताया कि राजनगर में ही एंबुलेंस का काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. जैसे-तैसे एम्बुलेंस आई और महिला को जिला अस्पताल लेकर पहुंची. लेकिन अस्पताल के गेट पर ही आधे घंटे तक अटेंडर का इंतजार करना पड़ा. जिससे एंबुलेंस के अंदर ही महिला की डिलवरी हो गई और नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.

  • पति ने लगाए गंभीर आरोप

महिला के पति संतराम का कहना है कि मेरे बच्चे की जान डॉक्टर और अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही से गई है. पत्नी का 8वां महीना चल रहा था. अगर डॉक्टर चाहते तो सही समय पर इलाज करके बच्चे को बचाया जा सकता था.

  • कार्रवाई का आश्वासन

सिविल सर्जन डॉ. लखन तिवारी ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है. जो भी इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.