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सरकारी जमीन पर सरपंच का आलीशान मकान देख विरोध में उतरे लोग, आमरण अनशन पर बैठे - villagers on fast upto death

छतरपुर में सरकारी जमीन पर खुद के लिए आलीशान मकान बनाने वाले बूदोर के सरपंच के विरोध में ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठ गए.

सरपंच के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीण
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Published : Sep 12, 2019, 8:48 AM IST

छतरपुर। जिले के बड़ामलहरा जनपद पंचायत के बूदोर सरपंच के विरोध में सभी ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठ गए, जिन्हें घुवारा के तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर समझाया और हरसंभव कार्रवाई करने का भरोसा दिया. बुधवार शाम 7 बजे ग्रामीणों को मिठाई खिलाकर अनशन खत्म कराया गया.

सरपंच के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीण


दरअसल सरपंच ने गांव की शासकीय भूमि पर 'मंगल भवन' के नाम पर जनपद के सब इंजीनियर से ले-आउट बनाकर खुद के लिए एक आलीशान मकान बनवा लिया. इसकी जानकारी ग्रामीणों को तब हुई, जब मकान पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया और सरपंच ने वहां अपना डेरा जमा लिया.


इसके बाद ग्रामीणों ने तहसीलदार को सूचना दी. तहसीलदार ने न्यायालय में सरपंच को बेदखली का आदेश दिया है कि अगर सात दिनों में मकान खाली नहीं किया जाता है, तो विवादित भवन को गिरा दिया जाएगा. इसी शर्त के साथ ग्रामीणों ने तहसीलदार के समक्ष अनशन बंद किया.


ग्रामीणों ने सरपंच पर गम्भीर आरोप लगाकर पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की भी जांच की मांग की है. कार्रवाई नहीं होने पर गांववालों ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है. गांववालों ने कहा कि वे जिला मुख्यालय तक पदयात्रा कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अनशन पर बैठेंगे.

छतरपुर। जिले के बड़ामलहरा जनपद पंचायत के बूदोर सरपंच के विरोध में सभी ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठ गए, जिन्हें घुवारा के तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर समझाया और हरसंभव कार्रवाई करने का भरोसा दिया. बुधवार शाम 7 बजे ग्रामीणों को मिठाई खिलाकर अनशन खत्म कराया गया.

सरपंच के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीण


दरअसल सरपंच ने गांव की शासकीय भूमि पर 'मंगल भवन' के नाम पर जनपद के सब इंजीनियर से ले-आउट बनाकर खुद के लिए एक आलीशान मकान बनवा लिया. इसकी जानकारी ग्रामीणों को तब हुई, जब मकान पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया और सरपंच ने वहां अपना डेरा जमा लिया.


इसके बाद ग्रामीणों ने तहसीलदार को सूचना दी. तहसीलदार ने न्यायालय में सरपंच को बेदखली का आदेश दिया है कि अगर सात दिनों में मकान खाली नहीं किया जाता है, तो विवादित भवन को गिरा दिया जाएगा. इसी शर्त के साथ ग्रामीणों ने तहसीलदार के समक्ष अनशन बंद किया.


ग्रामीणों ने सरपंच पर गम्भीर आरोप लगाकर पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की भी जांच की मांग की है. कार्रवाई नहीं होने पर गांववालों ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है. गांववालों ने कहा कि वे जिला मुख्यालय तक पदयात्रा कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अनशन पर बैठेंगे.

Intro:सरपंच के विरोध में आमरण अनशन बैठे ग्रामीणों को तहसीलदार ने मीठा खिला कर अनशन को कराया बंद।

सात दिवस का भवन खाली कराने का दिया तहसीलदार ने ग्रामीणों को भरोषा।।
Body:बड़ामलहरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बूदोर के सरपंच के विरोध में उसी ग्राम पंचायत के ग्रामीण आज सुवह से आमरण अनशन पर बैठ गए थे ।
जिसकी जानकारी प्रशासन जो लगी कि बूदोर तिराहे पर ग्राम पंचायत बूदोर के कुछ ग्रामीण आमरण अनशन बैठे है तो तहसीलदार घुवारा ने मौके पर जाकर कर ग्रामीणों को समझाया और हरसम्भव कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया।
सभी अनशन बैठे ग्रामीणों को मीठा खिला कर शाम 7 बजे अनशन को बंद कराया है ।

।आप को बता दे कि यह आमरण अनशन ग्रामीणों ने क्यों किया ।
मामला शासकीय भूमि को लेकर था सरपंच ने मंगल भवन की आड़ में एक शासकीय जमीन पर आलीशान मकान खड़ा कर दिया जिसका लेआउट जनपद के सब इंजीनियर के द्वारा डाला गया इसी भवन की देखरेख सब इंजीनियर के द्वारा की गई ।
जब मकान सम्पूर्ण रूप से बन कर तैयार हो गया तो सरपंच ने अपना डेरा जमा दिया ।
इसके बाद लोंगो को जानकारी लगी कि यह मंगल भवन नही यह सरपंच ने अपना स्वम् का मकान बना लिया है तो ग्रामीणों स्थानीय तहँसीलसार को सूचना दी गयी जहा तहसीलदार की न्यायालय ने सरपंच के बेदखली का आदेश थमा दिया और उसी आदेश को लेकर तहसीलदार ने ग्रामीणों के समक्ष रख कर बताया कि मैने इस प्रकरण में बेदखली का आदेश आज दिनांक को कर दिया है और सात दिनों में अगर खाली नही किया जाता है तो उक्त विवादित भवन को गिरा दिया जाएगा ।
इसी शर्तो को लेकर ग्रामीणों ने तहसीलदार के समक्ष अनशन बंद कर दिया है।

Conclusion:ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के द्वारा कराए गए निर्माण कार्यो की जांच की मांग रखी है और ग्राम के सरपंच पर गम्भीर आरोप लगाए है ।
और प्रशासन को चेतावनी दी है कि सात दिवस में बेदखली की कार्यवाही नही की गई तो पुनः भुहड़ताल एंव यहां से जिला मुख्यालय तक पदयात्रा कर कलेक्टर को ज्ञापन देकर कलेक्टर के अनशन करने को मजबूर होंगे।
वाइट ग्रामीण मर्दन सिंह
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