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छतरपुर: बाइक से शव को घर ले गए परिजन, नहीं मिला वाहन - युवक को नहीं मिला शव वाहन

छतरपुर जिले के मोटेका गांव में एक युवक की तालाब में डूबने से मौत हो गई. जब परिजन उसे स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, तो डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया. लेकिन उसके शव को घर तक ले जाने के लिए परजिनों को तीन घंटे तक शव वाहन नहीं मिला. जिसके बाद परिजन युवक के शव को बाइक पर रखकर गांव तक लाए.

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छतरपुर न्यूज
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Published : May 12, 2020, 9:08 PM IST

छतरपुर। जिले की बिजावर तहसील से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां मृतक के शव को घर तक लाने के लिए शव वाहन भी नहीं मिला. मृतक के परिजन उसे बाइक पर ही रखकर घर तक लाए. बताया जा रहा है कि, मोटेका गांव में एक नाबालिग की तालाब की डूबने से मौत हो गई. युवक अपनी भैस चराने गया था. जो तलाब में उतर गई. युवक जब भैस को वापस लाने तालाब में गया, तो उसका पैर फिसल गया. जिससे गहरे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई.

युवक के शव को घर लाने नहीं मिला शव वाहन

काफी देर बात तक जब युवक घर नहीं लौटा, तो उसकी खोज बीन की. जहां युवक तालाब में मिला. स्थानीय लोग उसे लेकर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बड़ी लापरवाही सामने आई. युवक के शव को उसके घर तक भेजने के लिए शव वाहन का परिजन तीन घंटे तक इंतजा करते रहे. काफी इंतजार के बाद परिजन शव को बाइक पर ही रखकर घर पहुंचे. इस घटना के बाद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान खड़े होना लाजमी है. इससे पहले भी जिले में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है.

छतरपुर। जिले की बिजावर तहसील से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां मृतक के शव को घर तक लाने के लिए शव वाहन भी नहीं मिला. मृतक के परिजन उसे बाइक पर ही रखकर घर तक लाए. बताया जा रहा है कि, मोटेका गांव में एक नाबालिग की तालाब की डूबने से मौत हो गई. युवक अपनी भैस चराने गया था. जो तलाब में उतर गई. युवक जब भैस को वापस लाने तालाब में गया, तो उसका पैर फिसल गया. जिससे गहरे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई.

युवक के शव को घर लाने नहीं मिला शव वाहन

काफी देर बात तक जब युवक घर नहीं लौटा, तो उसकी खोज बीन की. जहां युवक तालाब में मिला. स्थानीय लोग उसे लेकर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बड़ी लापरवाही सामने आई. युवक के शव को उसके घर तक भेजने के लिए शव वाहन का परिजन तीन घंटे तक इंतजा करते रहे. काफी इंतजार के बाद परिजन शव को बाइक पर ही रखकर घर पहुंचे. इस घटना के बाद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान खड़े होना लाजमी है. इससे पहले भी जिले में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है.

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