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वीडियो: भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का यहां पर है चमत्कारी मंदिर

छतरपुर जिले के राजनगर स्थित गौरीशंकर मंदिर का खास महत्व है. प्रमुख त्योहारों पर भगवान शिव के दर भक्तों का तांता रहता है. बताया जाता है कि इस तरह का मंदिर मध्यप्रदेश में इकलौता है.

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Published : May 20, 2019, 1:45 PM IST

अनोखा मंदिर

छतरपुर। भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की भक्ति में लीन ये उस चमत्कारी मंदिर की तस्वीरें हैं...जहां भक्ति और प्रेम का अद्भुत नजारा देखने मिला है. छतरपुर जिले के राजनगर स्थित गौरीशंकर मंदिर का खास महत्व है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मां पार्वती के अनुरोध पर भगवान शिव ने विश्व कल्याण के लिये साधना की थी.

भोलनाथ और मां पार्वती चमत्कारी मंदिर
खास बात ये है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं. लेकिन अफसोस कि ये मंदिर जीणोद्धार की बाट जो रहा है. खजुराहो, चंदेल वंश की संस्कृत राजधानी रहा है.. बावजूद इसके इस मंदिर को पर्यटन के नक्शे में शामिल नहीं किया गया...जबकि खजुराहो से मंदिर की दूरी सिर्फ 5 पांच किलोमीटर है.प्रमुख त्योहारों पर भगवान शिव के दर भक्तों का तांता रहता है. बताया जाता है कि इस तरह का मंदिर मध्यप्रदेश में इकलौता है. मंदिर के चारों चरफ भक्ति और शांति मन को सुकून देने वाली होती है... हालांकि सवाल ये है कि इस को मंदिर को पर्यटन नगरी के नक्शे में कब शामिल किया जाता है.....

छतरपुर। भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की भक्ति में लीन ये उस चमत्कारी मंदिर की तस्वीरें हैं...जहां भक्ति और प्रेम का अद्भुत नजारा देखने मिला है. छतरपुर जिले के राजनगर स्थित गौरीशंकर मंदिर का खास महत्व है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मां पार्वती के अनुरोध पर भगवान शिव ने विश्व कल्याण के लिये साधना की थी.

भोलनाथ और मां पार्वती चमत्कारी मंदिर
खास बात ये है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं. लेकिन अफसोस कि ये मंदिर जीणोद्धार की बाट जो रहा है. खजुराहो, चंदेल वंश की संस्कृत राजधानी रहा है.. बावजूद इसके इस मंदिर को पर्यटन के नक्शे में शामिल नहीं किया गया...जबकि खजुराहो से मंदिर की दूरी सिर्फ 5 पांच किलोमीटर है.प्रमुख त्योहारों पर भगवान शिव के दर भक्तों का तांता रहता है. बताया जाता है कि इस तरह का मंदिर मध्यप्रदेश में इकलौता है. मंदिर के चारों चरफ भक्ति और शांति मन को सुकून देने वाली होती है... हालांकि सवाल ये है कि इस को मंदिर को पर्यटन नगरी के नक्शे में कब शामिल किया जाता है.....
Intro:हर मंदिर का अपना ही अलग महत्व औऱ रहस्य होता है। दुनियाभर में भगवान शिव के ऐसे ही अनेक रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिर है। कई मंदिरों के रहस्य आज तक भक्तों के लिए आश्चर्य का केन्द्र बना हुआ है। इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है भगवान शिव का गोरीशंकर मंदिर ।Body:*शिव और शक्ति के प्रेम को प्रदर्शित करता अनोखा मंदिर!*

हर मंदिर का अपना ही अलग महत्व औऱ रहस्य होता है। दुनियाभर में भगवान शिव के ऐसे ही अनेक रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिर है। कई मंदिरों के रहस्य आज तक भक्तों के लिए आश्चर्य का केन्द्र बना हुआ है। इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है भगवान शिव का गोरीशंकर मंदिर ।

भगवान शिव का यह गोरीशंकर नामक मंदिर पर्यटन नगरी खजुराहो से लगभग 5 कि.मी. की दूरी राजनगर में स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर बहुत ही अद्भुद है क्योंकि यहां
साधना में लीन शिव की माँ पार्वती ने तोड़ी थी आराधना! भगवान शिव ने माँ पार्वती को अपनी जंघा में बैठा कर दी तंत्र साधना••••अदभुद मंदिर का हैं रहस्य
 पुजारी राधिका प्रसाद जी का कहना है....माता पार्वती ने भोलेनाथ के बाए जंघा पर बैठकर प्रार्थना की थी कि संसार के कल्याण के लिए महा मृतुमजय का जाप करे तभी भोलेनाथ ने हाथ मे माला लेकर महा मृतुमजय का जाप करना शुरू किया यही मंदिर की विशेषता हैं
वही..वरिष्ठ पत्रकार गणेश पाठक जी ने भी कहा
खजुराहो के आस पास के चंदेल बंश की संस्कृक राजधानी रही है लेकिन राजनगर को पर्यटन के नक्से पर नही रखा गया गोरी शंकर मंदिर मध्यप्रदेश में इकलौता मंदिर है.......Conclusion:*शिव और शक्ति के प्रेम को प्रदर्शित करता अनोखा मंदिर!*

साधना में लीन शिव की यहाँ माँ पार्वती ने तोड़ी थी आराधना! भगवान शिव ने माँ पार्वती को अपनी जंघा में बैठा कर दी तंत्र साधना•••
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