छतरपुर। दिवंगत सिपाही की पत्नी दो बच्चों के साथ एसपी कार्यालय के चक्कर लगा रही है क्योंकि पुलिसवाले उसकी मदद नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते वह मुफलिसी में जिंदगी काट रही है, जबकि छत के नाम पर महज तिरपाल ही सहारा है.
बमीठा थाने में पदस्थ परमलाल अहिरवार ने राजकुमारी से 2003 में शादी की थी, उसके सात साल की बेटी और चार साल का बेटा भी है, उनके पास मौजूद दस्तावेज ये बता रहे हैं कि ये महिला और दोनों बच्चे मृत सिपाही के ही हैं. मृतक की पहली पत्नी ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया, जबकि पीड़िता बताती है कि मृतक की पहली पत्नी की रजामंदी से ही उसकी शादी हुई थी.
दरअसल, 2018 में परमलाल की हार्ट अटैक से मौत हो गयी और एक साल बाद भी प्रशासन की तरफ से मिलने वाली सहायता के नाम पर उसे फूटी कौड़ी तक नहीं मिली, ऐसे में राजकुमारी पिछले एक साल से मुफलिसी में जीने को मजबूर है. राजकुमारी का कहना है कि वह भी परमलाल की पत्नी है उसके पास सारे सबूत हैं. बच्चों के जन्म से लेकर पढ़ाई तक के कागजों में परमलाल का नाम है और उनके हस्ताक्षर भी हैं.
एसपी तिलक सिंह कहना है कि मामला दो बीवियों से जुड़ा है और दोनों ने ही उसकी संपत्ति और शासकीय पैसों पर हक जताया है. इस संबंध में कोर्ट के आदेश के हिसाब से कार्रवाई की जायेगी. मामला भले ही कोर्ट में हो, लेकिन परमलाल की मौत के बाद राजकुमारी अपने दो बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खा रही है.