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टीचर्स और छात्राओं ने स्कूल को बनाया ईको फ्रेंडली, फल और फूलों के लगाए पौधे

छतरपुर में स्थित सरकारी स्कूल में शिक्षिकाओं और छात्राओं ने मिलकर स्कूल को ईको फ्रेंडली बना दिया है, जिसकी देखभाल पूरा स्कूल स्टाफ करता है.

Eco Friendly School
ईको फ्रेंडली स्कूल
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Published : Nov 28, 2019, 11:56 AM IST

Updated : Nov 28, 2019, 12:47 PM IST

छतरपुर। जिले के कर्री गांव के शासकीय प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों और छात्राओं ने मिलकर स्कूल को ईको फ्रेंडली बनाया है, जिसकी देखभाल छात्राएं और शिक्षिकाएं मिलकर करती हैं.

टीचर्स और छात्राओं ने स्कूल को बनाया ईको फ्रेंडली

टीचर्स इस बात का ध्यान रखते हैं कि बाहर से आने वाले लोग फल और फूल को कोई नुकसान ना पहुंचा सकें. स्कूल की छात्रा का कहना है कि रोजाना स्कूल के अंदर लगे फूलों को पानी दिया जाता है और इसका रखरखाव किया जाता है. शिक्षिका नियति मिश्रा का कहना है कि पूरा स्कूल स्टाफ और स्टूडेंट्स मिलकर पौधों की देखभाल करते हैं.

छतरपुर। जिले के कर्री गांव के शासकीय प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों और छात्राओं ने मिलकर स्कूल को ईको फ्रेंडली बनाया है, जिसकी देखभाल छात्राएं और शिक्षिकाएं मिलकर करती हैं.

टीचर्स और छात्राओं ने स्कूल को बनाया ईको फ्रेंडली

टीचर्स इस बात का ध्यान रखते हैं कि बाहर से आने वाले लोग फल और फूल को कोई नुकसान ना पहुंचा सकें. स्कूल की छात्रा का कहना है कि रोजाना स्कूल के अंदर लगे फूलों को पानी दिया जाता है और इसका रखरखाव किया जाता है. शिक्षिका नियति मिश्रा का कहना है कि पूरा स्कूल स्टाफ और स्टूडेंट्स मिलकर पौधों की देखभाल करते हैं.

Intro: छतरपुर जिले जिले से लगभग 17 किलोमीटर दूर का एक शासकीय स्कूल अपनी बागवानी एवं पेड़ पौधों के रखरखाव के चलते चर्चा में है इस इस सरकारी स्कूल के अंदर प्रवेश करते ही आपको ऐसा प्रतीत होगा जैसे आप किसी फूलों के बगीचे में आ गए हो सुंदर-सुंदर फूलों के पौधे फलदार वृक्ष एवं साफ सुथरा वातावरण आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगा कि क्या वास्तव में यह एक सरकारी स्कूल ही है!


Body: तस्वीरों में गुलाब के फूल गेंदे के फूल एवं अन्य कई फूलों के पेड़ों के अलावा आप जिन सुंदर पेड़ पौधों को को देख रहे हैं यह किसी वरदान या बगीचे का दृश्य नहीं है बल्कि यह एक सरकारी स्कूल का प्रांगण है जिसे इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं एवं पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा बड़े ही प्यार से सजाया गया है छात्राओं द्वारा इस स्कूल में लगे पेड़ पौधों एवं फूलों का रखरखाव किया जाता है तो शिक्षक भी इस बात का ध्यान देते हैं कि बाहर से आने वाले लोग फल एवं फूल के पेड़ों को कोई नुकसान ना पहुंचा सके!

हम बात कर रहे हैं छतरपुर जिले के कर्री गांव के शासकीय प्राइमरी स्कूल की जो कक्षा पांचवी तक है जिसमें सिर्फ छात्राएं ही पड़ती हैं स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं एवं शिक्षिकाएं मिलकर ही इन पेड़ पौधों का रखरखाव एवं देखभाल करती हैं!

स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं बताती हैं कि वह ना सिर्फ स्कूल के अंदर लगे फूलों के पेड़ों को पानी देती हैं बल्कि उनका रखरखाव भी करती हैं और इस बात का ध्यान भी रखती हैं कि आपस में खेलने वाले बच्चे इन फूलों को तोड़ ना पाए!

बाइट_अनन्या छात्रा
बाइट_रोशनी छात्रा

स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका नियति मिश्रा बताती हैं कि यह पूरा बगीचा बच्चों ने ही लगाया है और यही सारे बच्चे इन फूलों के पेड़ों का रखा कहा भी करते हैं बच्चों को फूलों एवं फलों के पेड़ों से काफी लगाव है जैसे ही स्कूल में इंटरवल होता है या बच्चे समय से पहले आ जाते हैं तो वहीं पेड़ों का रखरखाव करने लगते हैं! स्कूल का बगीचा अब काफी फल-फूल गया है फूलों के पेड़ों में भी खास है बड़े-बड़े फूल आ गए हैं जिसे देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो हम किसी फूल के बगीचे में मौजूद हों

बाइट_नियति मिश्रा शिक्षका





Conclusion: वैसे तो सभी शासकीय स्कूलों में साफ स्वच्छ एवं पेड़ पौधों को लगाने की नसीहत दी जाती है लेकिन छतरपुर जिले का यह छोटा सा गांव लोगों के लिए ना सिर्फ एक मिसाल बनकर उभरा है बल्कि जिस तरह यह छोटे-छोटे बच्चे बिल कर इन पेड़ पौधों का ध्यान रखते हैं जो बेहद काबिले तारीफ है!
Last Updated : Nov 28, 2019, 12:47 PM IST
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