छतरपुर। मध्य प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौत के अब तक कई मामले सामने आ चुके है. ताजा मामला छतरपुर जिले का है, जहां जहरीली शराब पीने से अब तक 4 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में एसपी सचिन शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत कर तमाम सवालों के जबाब दिए.
जहरीली शराब पीने से परेथा गांव में चार लोगों की मौत हो गई. मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है, तो वहीं पुलिस और जिला प्रशासन अभी भी इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि गांव में जो चार मौतें हुई है, वह जहरीली शराब के सेवन से हुई है.
पिछले 3 दिनों से जिला प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी परेथा गांव में अपना डेरा डाले हुए हैं. बीते रोज एसपी सचिन शर्मा भी गांव पहुंचे, जहां उनके सामने दो शवों का अंतिम संस्कार किया गया.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एसपी सचिन शर्मा ने सवालों के जबाब दिए.
जबाब- फिलहाल गांव में सभी लोगों से बातचीत की जा रही है. चूंकि यह गांव यूपी बॉर्डर पर स्थित है. इसलिए यहां आसानी से शराब मिल जाती है. फिलहाल गांव में पुलिस के अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद है. गांव के लगभग उन सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, जिन्होंने उस समय शराब पी थी. तमाम सबूतों का संकलन किया जा रहा है.
एसपी सचिन शर्मा ने ये भी कहा कि मौतों की संभावित वजह खाली पेट अधिक शराब पीने से हो सकती है. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
सवाल- क्या पोस्टमार्टम के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी ?
जबाब- एसपी सचिन शर्मा ने कहा कि फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद ही आगे की स्थिति साफ हो पाएगी. सभी का मेडिकल कराया जा रहा है.
सवाल- इतनी आसानी से गांव में अवैध शराब कैसे आ जाती है ?
जबाब- सवाल के जवाब में एसपी सचिन शर्मा ने कहा कि फिलहाल गांव का निरीक्षण किया गया है, क्योंकि यह गांव एमपी और यूपी के बॉर्डर पर है. इसलिए यूपी से आसानी से इस गांव में शराब आ जाती है. अब कोशिश की जाएगी कि अवैध शराब का परिवहन और इस गांव में अवैध शराब बिक्री जैसी चीजों पर रोक लगाई जा सकें.
सवाल- क्या यूपी पुलिस या प्रशासन से इस संबंध में बात की गई है ?
जबाब- सवाल के जवाब में एसपी सचिन शर्मा ने कहा कि संबंधित मामले में यूपी पुलिस के अलावा वहां के प्रशासन से भी बात की जा रही है, क्योंकि यह गांव उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है. इसलिए यहां पर आने वाले समय में नाकाबंदी की जाएगी, ताकि किसी भी तरह से अवैध शराब इस गांव में न आ सकें और न ही इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकें.
इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि गांव के लोग लगातार इस बात को कह रहे हैं कि चार की मौत जहरीली शराब से ही हुई है, तो वहीं जिला प्रशासन लगातार इस बात पर अड़ा हुआ है कि मौत की वजह भले ही शराब हों, लेकिन शराब जहरीली नहीं थी.