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बेबसीः 100 रुपए के लिए गई बेटे की जान, शव को सीने से लगा कर रोती रही मां

छतरपुर जिला अस्पताल के बाहर एक बेबस मां अपने बेटे के शव को सीने से लगाकर रोती रही. दरअसल 100 रुपए की मजदूरी के लिए एक ठेकेदार ने मृतक को बिजली के खंबे पर चढ़ा दिया था. काम करते समय उसको करंट लगा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

Helpless mother
बेबस मां
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Published : May 20, 2021, 7:42 PM IST

छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में दिल को झकझोर कर रख देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक मां अपने मृत बेटे को गोद में लेकर घंटों रोती रही. मां को इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा था कि 24 साल का अखिलेश अब जिंदा नहीं है. कुछ देर पहले ही अखिलेश अपनी मां से मिलकर गया था और अब मां की गोद में उसका मृत शरीर था. इस मार्मिक दृश्य को जिला अस्पताल में जिन लोगों ने भी देखा सभी की आंखों में आंसू आ गए.

शव को सीने से लगा कर रोती रही मां
  • ठेकेदार जबरदस्ती करवा रहा था काम

मृतक की मां सीता देवी ने बताया कि उसका बेटा घर में था तभी गांव में ही रहने वाला एक प्राइवेट ठेकेदार जबरदस्ती उसे अपने साथ काम करने के लिए ले गया और 100 रुपए देने का बोलकर लाइट सुधारने के लिए उसे खंभे पर चढ़ा दिया. जैसे ही अखिलेश ने बिजली के तार छुए अचानक उसमें करंट आ गया और अखिलेश तारों पर ही लटक गया. बिजली का झटका इतनी तेज था कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई. आनन-फानन में मृतक की मां सीता और परिवार के लोग जिला अस्पताल ले आए. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल पुलिस ने मृतक का पंचनामा बनाते हुए उसके सबको पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

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  • पूरे परिवार में एक ही कमाने वाला था

दरअसल मृतक अखिलेश महाराजपुर थाना क्षेत्र के झिकमऊ गांव का रहने वाला था. अखिलेश के परिवार में उसके तीन छोटे भाई, उसकी पत्नी, मां और उसका एक बेटा भी है. अखिलेश की मां सीता देवी ने बताया कि उसका बेटा लाइट का काम जानता था, और इसी से जो थोड़ा बहुत पैसा आता था उससे परिवार का भरण पोषण होता था.

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  • 100 रुपए के लिए गई जान

परिवार के लोगों का आरोप है कि हकन महाराज नाम का व्यक्ति अखिलेश को जबरन बरसात के मौसम में लाइट का काम कराने के लिए ले गया था. महज 100 रुपए के चक्कर में अखिलेश की जान चली गई, और अब परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल है.

छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में दिल को झकझोर कर रख देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक मां अपने मृत बेटे को गोद में लेकर घंटों रोती रही. मां को इस बात का विश्वास ही नहीं हो रहा था कि 24 साल का अखिलेश अब जिंदा नहीं है. कुछ देर पहले ही अखिलेश अपनी मां से मिलकर गया था और अब मां की गोद में उसका मृत शरीर था. इस मार्मिक दृश्य को जिला अस्पताल में जिन लोगों ने भी देखा सभी की आंखों में आंसू आ गए.

शव को सीने से लगा कर रोती रही मां
  • ठेकेदार जबरदस्ती करवा रहा था काम

मृतक की मां सीता देवी ने बताया कि उसका बेटा घर में था तभी गांव में ही रहने वाला एक प्राइवेट ठेकेदार जबरदस्ती उसे अपने साथ काम करने के लिए ले गया और 100 रुपए देने का बोलकर लाइट सुधारने के लिए उसे खंभे पर चढ़ा दिया. जैसे ही अखिलेश ने बिजली के तार छुए अचानक उसमें करंट आ गया और अखिलेश तारों पर ही लटक गया. बिजली का झटका इतनी तेज था कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई. आनन-फानन में मृतक की मां सीता और परिवार के लोग जिला अस्पताल ले आए. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल पुलिस ने मृतक का पंचनामा बनाते हुए उसके सबको पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

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  • पूरे परिवार में एक ही कमाने वाला था

दरअसल मृतक अखिलेश महाराजपुर थाना क्षेत्र के झिकमऊ गांव का रहने वाला था. अखिलेश के परिवार में उसके तीन छोटे भाई, उसकी पत्नी, मां और उसका एक बेटा भी है. अखिलेश की मां सीता देवी ने बताया कि उसका बेटा लाइट का काम जानता था, और इसी से जो थोड़ा बहुत पैसा आता था उससे परिवार का भरण पोषण होता था.

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  • 100 रुपए के लिए गई जान

परिवार के लोगों का आरोप है कि हकन महाराज नाम का व्यक्ति अखिलेश को जबरन बरसात के मौसम में लाइट का काम कराने के लिए ले गया था. महज 100 रुपए के चक्कर में अखिलेश की जान चली गई, और अब परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल है.

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