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छतरपुर में पैर पसार रहा कुपोषण, सगे भाई-बहन हैं कुपोषित

छतपरपु में कुपोषण धीरे-धीरे पैर पसार रहा है. कुपोषण के शिकार दो बच्चे कर्री गांव से सामने आए हैं. दोनों का वजन उम्र के हिसाब से बेहद कम है.

malnourished in chhatarpur
छतरपुर में पैर पसार रहा कुपोषण
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Published : Nov 29, 2019, 4:23 PM IST

छतरपुर। जिले में कुपोषण अपने पैर पसार रहा है. कर्री गांव में दो बच्चे कुपोषण के शिकार पाए गए हैं. दोनों-भाई बहन का वजन उम्र के हिसाब से बेहद कम है. परिवार का आरोप है कि उन्हें शासन-प्रशासन और सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिल रही है.

छतरपुर में पैर पसार रहा कुपोषण

बच्ची की उम्र 6 महीने है, जिसका वजन केवल 3 किलो है, जबकि इस उम्र में उसका वजन करीब 7 किलो होना चाहिए. वहीं बच्चे की उम्र दो साल है, जिसका वजन 7 किलो के आस-पास है, जबकि 9 किलो वजन होना चाहिए.

भारत को वैश्विक शक्ति बनाने के लिए सरकारें भले ही दम भर रही हों, लेकिन अगर देश का भविष्य कुपोषण के अंधकार में हो तो भारत कैसे विश्व शक्ति बन सकता है.

छतरपुर। जिले में कुपोषण अपने पैर पसार रहा है. कर्री गांव में दो बच्चे कुपोषण के शिकार पाए गए हैं. दोनों-भाई बहन का वजन उम्र के हिसाब से बेहद कम है. परिवार का आरोप है कि उन्हें शासन-प्रशासन और सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिल रही है.

छतरपुर में पैर पसार रहा कुपोषण

बच्ची की उम्र 6 महीने है, जिसका वजन केवल 3 किलो है, जबकि इस उम्र में उसका वजन करीब 7 किलो होना चाहिए. वहीं बच्चे की उम्र दो साल है, जिसका वजन 7 किलो के आस-पास है, जबकि 9 किलो वजन होना चाहिए.

भारत को वैश्विक शक्ति बनाने के लिए सरकारें भले ही दम भर रही हों, लेकिन अगर देश का भविष्य कुपोषण के अंधकार में हो तो भारत कैसे विश्व शक्ति बन सकता है.

Intro:छतरपुर में कुपोषण के कारण भाई बहन काफी कमजोर है जिसके चलते हैं ना कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैBody:छतरपुर में कुपोषण के कारण भाई बहन काफी कमजोर है जिसके चलते हैं ना कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है..
भारत को वैश्विक शक्ति बनाने के लिए सरकारें दम भरती आई हैं, लेकिन अगर देश का भविष्य कुपोषण के अंधकार में हो तो भारत का कैसे वैश्विक शक्ति बन सकता है. देश के दिल मध्यप्रदेश में भी कुपोषण के हालात गंभीर हैं. कुछ ऐसा ही हाल छतरपुर जिले के ग्राम कर्री केंद्र क्रमांक 2 में रहने वाले एक परिवार के दो बच्चों का है.कुपोषण के शिकार दो सगे भाई बहन कुपोषण का शिकार है आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का कहना है लड़की की उम्र 6 महीने है जिसका बजन 3 किलो है उनके अनुसार अब लड़की का वजन कम से कम 7किलो होना चाहिए और वही लडके की उम्र 2 साल है उसका भजन 7 किलो है जो 9 किलो होना चाहिए..
वाइट - कुसुम सोनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
वाइट -अभिभावकConclusion:भारत को वैश्विक शक्ति बनाने के लिए सरकारें दम भरती आई हैं, लेकिन अगर देश का भविष्य कुपोषण के अंधकार में हो तो भारत का कैसे वैश्विक शक्ति बन सकता है. देश के दिल मध्यप्रदेश में भी कुपोषण के हालात गंभीर हैं. कुछ ऐसा ही हाल छतरपुर जिले के कर्री के केंद्र क्रमांक २ मैं रहने वाले एक परिवार के दो बच्चों का है.
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