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सामाजिक सद्भावना की मिसाल बना ये परिवार, देवी- देवताओं की पूजा करने के साथ रखते हैं रोजा

राना इलाहाबाद बैंक के पास रहने वाला नामदेव परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से राम रहीम की लगातार पूजा करता आ रहा है. परिवार नासिर्फ बुंदेलखंड बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में भी एक मिसाल बना हुआ है. जहां हिंदू मुस्लिम देवी-देवताओं की साथ में पूजा होती है.

राम-रहीम की पूजा करते नामदेव
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Published : May 11, 2019, 5:36 PM IST

छतरपुर। जिले में एक ऐसा परिवार है जिसने सामाजिक सद्भावना की मिसाल पेश की है, इस परिवार में पिछली तीन पीढ़ियों से जहां एक तरफ हिंदू देवी देवताओं की पूजा करते हैं, तो वही रमजान के महीने में रोजा रखकर देश के लिए अमन चैन की दिआ भी मांगते हैं.


पुराना इलाहाबाद बैंक के पास रहने वाला नामदेव परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से राम रहीम की लगातार पूजा करता आ रहा है. परिवार नासिर्फ बुंदेलखंड बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में भी एक मिसाल बना हुआ है.

राम-रहीम की पूजा करते नामदेव
नामदेव परिवार में पिछले तीन पीढ़ियों से हिंदू मुस्लिम देवी-देवताओं की साथ में पूजा होती है. पहले यह पूजा उनके दादा बाद में उनके पिता रत्नेश और अब उनका बेटा कृष्ण कुमार नामदेव कर रहे हैं. कृष्ण कुमार और उनके पिता जिस पूजा के कमरे में भगवान राम सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा करते हैं.


हजरत इमाम हुसैन की भी इबादत उसी कमरे में बकायदा वैसी ही होती है जैसी भगवान की पूजा की जाती है. इस पूजा के वक्त माहौल देखते ही बनता है.


रत्नेश नामदेव का कहना है कि उनके यहां इस प्रकार की पूजा लगभग 3 पीढ़ियों से होती आ रही है. उन्होंने यह भी बताया कि छतरपुर का अंदाज सूफियाना है, यहां हिंदू-मुसलमान सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं. यहां हमेशा मेलमिलाप का माहौल होता है. यहां हिंदू एवं मुसलमान भाई चारे और सामाजिक सद्भाव के साथ रहते हैं.

छतरपुर। जिले में एक ऐसा परिवार है जिसने सामाजिक सद्भावना की मिसाल पेश की है, इस परिवार में पिछली तीन पीढ़ियों से जहां एक तरफ हिंदू देवी देवताओं की पूजा करते हैं, तो वही रमजान के महीने में रोजा रखकर देश के लिए अमन चैन की दिआ भी मांगते हैं.


पुराना इलाहाबाद बैंक के पास रहने वाला नामदेव परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से राम रहीम की लगातार पूजा करता आ रहा है. परिवार नासिर्फ बुंदेलखंड बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में भी एक मिसाल बना हुआ है.

राम-रहीम की पूजा करते नामदेव
नामदेव परिवार में पिछले तीन पीढ़ियों से हिंदू मुस्लिम देवी-देवताओं की साथ में पूजा होती है. पहले यह पूजा उनके दादा बाद में उनके पिता रत्नेश और अब उनका बेटा कृष्ण कुमार नामदेव कर रहे हैं. कृष्ण कुमार और उनके पिता जिस पूजा के कमरे में भगवान राम सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा करते हैं.


हजरत इमाम हुसैन की भी इबादत उसी कमरे में बकायदा वैसी ही होती है जैसी भगवान की पूजा की जाती है. इस पूजा के वक्त माहौल देखते ही बनता है.


रत्नेश नामदेव का कहना है कि उनके यहां इस प्रकार की पूजा लगभग 3 पीढ़ियों से होती आ रही है. उन्होंने यह भी बताया कि छतरपुर का अंदाज सूफियाना है, यहां हिंदू-मुसलमान सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं. यहां हमेशा मेलमिलाप का माहौल होता है. यहां हिंदू एवं मुसलमान भाई चारे और सामाजिक सद्भाव के साथ रहते हैं.

Intro: रमजान शुरू हो गया है रमजान के पवित्र महीने में सभी मुस्लिम भाई रोजा रख देश में अमन शांति एवं उन्नति के लिए दुआ मांगते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक ऐसा परिवार है जो ना सिर्फ सामाजिक सद्भाव की एक मिसाल पेश कर रहा है बल्कि रमजान में रोजे रख देश के लिए चैनो अमन की दुआ भी कर रहा है!


Body: छतरपुर जिले के पुराना इलाहाबाद बैंक के पास रहने वाला एक नामदेव परिवार पिछले तीन पीढ़ियों से राम रहीम की लगातार पूजा करता आ रहा है एक ओर जहां पर देश में राम रहीम को लेकर राजनीति गर्म रहती है हिंदू एवं मुसलमानों के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है ऐसे में यह नामदेव परिवार नासिक बुंदेलखंड बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में भी एक मिसाल बना हुआ है!

नामदेव परिवार में पिछले तीन पीढ़ियों से हिंदू मुस्लिम देवी देवताओं की साथ में पूजा होती है पहले यह पूजा उनके दादा बाद में उनके पिता रत्नेश और अब उनका बेटा कृष्ण कुमार नामदेव कर रहे हैं!

जिस समय कृष्ण कुमार और उनके पिता राम रहीम की पूजा करते है उस समय का दृश्य और माहौल देखने लायक होता है! कृष्ण कुमार उनके पिता जिस पूजा वाले कमरे में भगवान राम सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा करते हैं तो वही हजरत इमाम हुसैन की भी इबादत उसे कमरे में बकायदा वैसी ही होती है जैसी भगवान की पूजा की जाती है!

बाइट_कृष्ण कुमार नामदेव _पुत्र
तू वही कृष्ण कुमार नाम देव के पिता रत्नेश नामदेव का कहना है कि उनके यहां इस प्रकार की पूजा लगभग 3 पीढ़ियों से होती आ रही है उन्होंने यह भी बताया कि छतरपुर जिले का अंदाज सूफियाना है यहां हिंदू मुसलमान सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं आज भले ही देश में किसी प्रकार का माहौल हो लेकिन छतरपुर में कभी भी इस प्रकार का माहौल नहीं बनता है दिल्ली में जहां जहां पर भी हिंदू देवी देवता है वहीं पास मुस्लिम ईबादत गाह भी है जो कि इस बात को दर्शाता है कि जिले में हिंदू एवं मुसलमान ना सिर्फ भाई चारे के साथ रहते हैं बल्कि एक दूसरे के लिए सामाजिक सद्भाव भी रखते हैं!

बाइट_रत्नेश_पिता


Conclusion: जिस तरह यह नामदेव परिवार हिंदू मुस्लिम देवी देवताओं की एक साथ पूजा करता है इससे एक बात स्पष्ट होती है कि बुंदेलखंड में आज भी हिंदू मुस्लिम भाईचारा ना सिर्फ मौजूद है बल्कि हिंदुओं के दिल में मुस्लिम समुदाय के लिए इतनी गहरी आस्था है कि लोग उन्हें अपने पूजा घर में भी जगा देते हुए उतना ही सम्मान देकर पूजा-पाठ करते हैं!
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