छतरपुर। जिले के सीनियर-जूनियर उत्कृष्ट बालिका छात्रावास के ठीक सामने बना सीनियर बालक छात्रावास के खाली होने के बाद से वहां असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. छात्रावास में रहने वाली छात्राएं दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं. छात्राओं की माने तो आवारा तत्व लगातार न सिर्फ उन्हें परेशान करते हैं बल्कि उन पर कमेंट करते हुए उनका पीछा भी करते हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्रावास की छात्राओं ने जो बातें कहीं वो बेहद चौंकाने वाली थीं. छात्राओं की माने तो छात्रावास से निकलना भी उनके लिए बेहद मुश्किल है. आवारा प्रवृति के लोग कैंपस में आसानी से घुस आते हैं. उनके उपर भद्दे कमेंट करते हैं. कई बार तो वो छात्रावास कैंपस में पत्थर भी फेंकने लगते हैं.
छात्राओं ने बताया कि शाम ढ़लते ही उनका छात्रावास से निकलना बंद हो जाता है. क्योंकि यहां पर आवारा एवं शरारती तत्वों का जमावड़ा लग जाता है और ये सारे लोग नशे की हालत में होते हैं. छात्राओं को डर है कि नशे की हालत में रहने वाले लोग कभी भी उनके साथ किसी अनचाही घटना को अंजाम दे सकते हैं. उन्होंने कई बार इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की, लेकिन हर बार मामला दबा दिया जाता है.
महोबा रोड स्थित छात्रावास प्रांगण में बालिका छात्रावास एवं बालक छात्रावास की अलग-अलग बिल्डिंग बनी हुई है. बालिका छात्रावास के ठीक सामने कुछ महीनों पहले सीनियर बालक छात्रावास था जो कि अब खाली हो गया है. ये खाली पड़ी बिल्डिंग धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो गई है. इस छात्रावास की बाउंड्री वॉल भी चारों तरफ से टूट गई है, जिसके चलते अब ये बिल्डिंग नशेड़ीओं का अड्डा बन कर रह गई है. शाम ढलते ही कई नशेड़ी इस बिल्डिंग में आ जाते हैं और मेडिकेटेड नशे का इस्तेमाल करते हैं. बिल्डिंग के अंदर बड़ी मात्रा में मेडिकेटेड दवाएं इंजेक्शन और भी कई आपत्तिजनक चीजें बड़ी मात्रा में मिली हैं.