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हॉस्टल की लड़कियां बोली बाहर निकलने में भी लगता है डर, आवारा लड़के करते हैं भद्दे कमेंट

पूरे देश में हो रही घटनाओं के चलते महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. इसी क्रम में सीनियर जूनियर उत्कृष्ट बालिका छात्रावास में रहने वाली छात्राओं पर भी किसी अनहोनी का खतरा मंडरा रहा है.

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Published : Dec 3, 2019, 10:43 AM IST

Updated : Dec 3, 2019, 2:04 PM IST

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स्कूली बच्चियां बोली बाहर निकलने में भी लगता है डर

छतरपुर। जिले के सीनियर-जूनियर उत्कृष्ट बालिका छात्रावास के ठीक सामने बना सीनियर बालक छात्रावास के खाली होने के बाद से वहां असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. छात्रावास में रहने वाली छात्राएं दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं. छात्राओं की माने तो आवारा तत्व लगातार न सिर्फ उन्हें परेशान करते हैं बल्कि उन पर कमेंट करते हुए उनका पीछा भी करते हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्रावास की छात्राओं ने जो बातें कहीं वो बेहद चौंकाने वाली थीं. छात्राओं की माने तो छात्रावास से निकलना भी उनके लिए बेहद मुश्किल है. आवारा प्रवृति के लोग कैंपस में आसानी से घुस आते हैं. उनके उपर भद्दे कमेंट करते हैं. कई बार तो वो छात्रावास कैंपस में पत्थर भी फेंकने लगते हैं.

हॉस्टल की लड़कियां बोली बाहर निकलने में भी लगता है डर

छात्राओं ने बताया कि शाम ढ़लते ही उनका छात्रावास से निकलना बंद हो जाता है. क्योंकि यहां पर आवारा एवं शरारती तत्वों का जमावड़ा लग जाता है और ये सारे लोग नशे की हालत में होते हैं. छात्राओं को डर है कि नशे की हालत में रहने वाले लोग कभी भी उनके साथ किसी अनचाही घटना को अंजाम दे सकते हैं. उन्होंने कई बार इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की, लेकिन हर बार मामला दबा दिया जाता है.

महोबा रोड स्थित छात्रावास प्रांगण में बालिका छात्रावास एवं बालक छात्रावास की अलग-अलग बिल्डिंग बनी हुई है. बालिका छात्रावास के ठीक सामने कुछ महीनों पहले सीनियर बालक छात्रावास था जो कि अब खाली हो गया है. ये खाली पड़ी बिल्डिंग धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो गई है. इस छात्रावास की बाउंड्री वॉल भी चारों तरफ से टूट गई है, जिसके चलते अब ये बिल्डिंग नशेड़ीओं का अड्डा बन कर रह गई है. शाम ढलते ही कई नशेड़ी इस बिल्डिंग में आ जाते हैं और मेडिकेटेड नशे का इस्तेमाल करते हैं. बिल्डिंग के अंदर बड़ी मात्रा में मेडिकेटेड दवाएं इंजेक्शन और भी कई आपत्तिजनक चीजें बड़ी मात्रा में मिली हैं.

छतरपुर। जिले के सीनियर-जूनियर उत्कृष्ट बालिका छात्रावास के ठीक सामने बना सीनियर बालक छात्रावास के खाली होने के बाद से वहां असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. छात्रावास में रहने वाली छात्राएं दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं. छात्राओं की माने तो आवारा तत्व लगातार न सिर्फ उन्हें परेशान करते हैं बल्कि उन पर कमेंट करते हुए उनका पीछा भी करते हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्रावास की छात्राओं ने जो बातें कहीं वो बेहद चौंकाने वाली थीं. छात्राओं की माने तो छात्रावास से निकलना भी उनके लिए बेहद मुश्किल है. आवारा प्रवृति के लोग कैंपस में आसानी से घुस आते हैं. उनके उपर भद्दे कमेंट करते हैं. कई बार तो वो छात्रावास कैंपस में पत्थर भी फेंकने लगते हैं.

हॉस्टल की लड़कियां बोली बाहर निकलने में भी लगता है डर

छात्राओं ने बताया कि शाम ढ़लते ही उनका छात्रावास से निकलना बंद हो जाता है. क्योंकि यहां पर आवारा एवं शरारती तत्वों का जमावड़ा लग जाता है और ये सारे लोग नशे की हालत में होते हैं. छात्राओं को डर है कि नशे की हालत में रहने वाले लोग कभी भी उनके साथ किसी अनचाही घटना को अंजाम दे सकते हैं. उन्होंने कई बार इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की, लेकिन हर बार मामला दबा दिया जाता है.

महोबा रोड स्थित छात्रावास प्रांगण में बालिका छात्रावास एवं बालक छात्रावास की अलग-अलग बिल्डिंग बनी हुई है. बालिका छात्रावास के ठीक सामने कुछ महीनों पहले सीनियर बालक छात्रावास था जो कि अब खाली हो गया है. ये खाली पड़ी बिल्डिंग धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो गई है. इस छात्रावास की बाउंड्री वॉल भी चारों तरफ से टूट गई है, जिसके चलते अब ये बिल्डिंग नशेड़ीओं का अड्डा बन कर रह गई है. शाम ढलते ही कई नशेड़ी इस बिल्डिंग में आ जाते हैं और मेडिकेटेड नशे का इस्तेमाल करते हैं. बिल्डिंग के अंदर बड़ी मात्रा में मेडिकेटेड दवाएं इंजेक्शन और भी कई आपत्तिजनक चीजें बड़ी मात्रा में मिली हैं.

Intro: भले ही पूरे देश में लोग महिलाओं के सुरक्षा को लेकर तमाम प्रकार की बातें चल रही हो सरकारें महिलाओं एवं बच्चों को लेकर बेहद सतर्क कड़े से कड़े नियम कानून बनाए जा रहे हो लेकिन हकीकत इन सबके बाद भी कुछ अलग ही है बुंदेलखंड में आज भी महिलाएं एवं बच्चियां दहशत के माहौल में जीने को मजबूर हैं!


Body:छतरपुर जिले के सीनियर जूनियर उत्कृष्ट छात्रावास में रहने वाली छात्राएं इन दिनों दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं छात्राओं की माने तो आवारा तत्व लगातार न सिर्फ उन्हें परेशान करते हैं बल्कि उन पर कमेंट करते हुए उनका पीछा भी करते हैं!

ईटीवी भारत से बात करते हुए सीनियर जूनियर उत्कृष्ट छात्रावास की छात्राओं ने जो बातें कहीं वह बेहद चौंकाने वाली थी छात्राओं की माने तो छात्रावास से निकलना भी उनके लिए बेहद मुश्किल है आवारा तत्व के लोग कैंपस में आसानी से घुस आते हैं उनके साथ भद्दे कमेंट करते हैं पीछा करते हैं और कई बार तो उन्हें छेड़ने की भी कोशिश करते हैं छात्राओं ने बात करते हुए बताया कि शाम ढलते ही उनका छात्रावास से निकलना बंद हो जाता है क्योंकि यहां पर आवारा एवं शरारती तत्वों का जमावड़ा लग जाता है और यह सारे लोग नशे की हालत में होते हैं छात्राओं को इस बात का डर भी है कि नशे की हालत में रहने वाले लोग कभी भी उनके साथ किसी अनचाही घटना को अंजाम दे सकते हैं जिसके दर से छात्रावास में रहने वाली छात्राएं शहर जाती हैं छात्राओं की मानें तो इस बात का भी डर है जिस तरह नशे की हालत में हैदराबाद में एक डॉक्टर महिला के साथ जो अपराध किया गया है उनके साथ भी कोई ऐसी घटना घट जाए! जिसके चलते छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने ईटीवी भारत के माध्यम से सुरक्षा एवं मदद की गुहार लगाई है!

छात्रों की माने तो बाप बेहद सुरक्षा महसूस करती हैं कैंपस में कभी भी कोई शरारती एवं आवारा तत्व घुस आते हैं जो ना सिर्फ नशे में होते हैं बल्कि उनके साथ थे भद्दे कमेंट भी करते हैं कई बार तो उनका छात्रावास की छत पर जाना भी दूभर हो जाता है छात्राओं का कहना है कि कई बार यह शरारती तत्व छात्रावास कैंपस में पत्थर भी फेंकने लगते हैं लेकिन जब हम अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में बात करते हैं तो मामला दबा दिया जाता है!

आपको बता दें कि महोबा रोड स्थित छात्रावास प्रांगण में बालिका छात्रावास एवं बालक छात्रावास अलग अलग बिल्डिंग बनी हुई है बालिका छात्रावास के ठीक सामने कुछ महीनों पहले सीनियर बालक छात्रावास था जो कि अब खाली हो गया है यह खाली पड़ी बिल्डिंग धीरे धीरे खंडहर में तब्दील हो गई है और इस छात्रावास की बाउंड्री वॉल भी चारों तरफ से टूट गई है जिसके चलते अब यह बिल्डिंग नशेड़ी ओं का अड्डा बन कर रह गई है शाम ढलते ही कई नशेड़ी इस बिल्डिंग में आ जाते हैं और मेडिकेटेड नशे का इस्तेमाल करते हैं बिल्डिंग के अंदर बड़ी मात्रा में मेडिकेटेड दवाएं इंजेक्शन और भी कई आपत्तिजनक चीजें बड़ी मात्रा में मिली!

मामला जैसे ही ईटीवी भारत के संज्ञान में आया हमने एक बार फिर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की तो उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए तुरंत संबंधित अधिकारी एवं पुलिस विभाग से बात करने की बात कही और कहा कि जल्द ही इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई जाएगी!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान

वहीं मामले में जब हमने आदिम जाति कल्याण विभाग के संयोजक भद्र सिंह से बात की तो पहले तो उन्होंने मामले को टालने की कोशिश की जब हमने उन्हें मामले की गंभीरता बताई तो उन्होंने तुरंत हमें इस बात का भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही पुलिस अधीक्षक को इस पूरे मामले में एक लेटर लिखेंगे और बच्चों की सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द इंतजाम किए जाएंगे ताकि बच्चियों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो!

बाइट_भद्रसेन (जिला संयोजक आदिमजाति कल्याण विभाग)






Conclusion:बच्चों की मानें तो पिछले कई महीनों से इस प्रकार की समस्याओं से परेशान है कैंपस में आसानी से आवारा तत्व घुस आते हैं जिसके चलते उनके साथ न सिर्फ छींटाकशी होती है बल्कि शराब के नशे में उनका पीछा भी करते हैं जिसकी वजह से उन्हें बेहद शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है पढ़ने वाली बच्चियों की मानें तो अगर हालात ऐसे ही रहे तो किसी ना किसी दिन बड़ी घटना भी हो सकती है!
Last Updated : Dec 3, 2019, 2:04 PM IST
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