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खजुराहो में मनाई गई महाराजा छत्रसाल की जयंती, सोशल डिस्टेंस का किया पालन

छतरपुर के खजुराहो में महाराजा छत्रसाल की जयंती आज लॉकडाउन होने के दौरान भी सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए धूमधाम से मनाई गई, जहां लोगो ने उन्हें पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया.

Maharaja Chhatrasals birth anniversary celebrated in Khajuraho
खजुराहो में मनाई गई महाराजा छत्रसाल की जयंती
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Published : May 5, 2020, 7:12 PM IST

छतरपुर। पर्यटन नगरी खजुराहो में आज महाराजा छत्रसाल की जयंती सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए हर्ष उल्लास के साथ मनाई गई, जिसमें महाराजा छत्रसाल की मूर्ति के समक्ष उपस्थित लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया.

बुंदेली और बुंदेलखंड के लिए किया था जीवन समर्पित

इस अवसर पर समाजसेवी पंडित सुधीर शर्मा ने बताया की महाराजा छत्रसाल जिन्होंने बुंदेली और बुंदेलखंड के लिए अपने प्राण निछावर करते हुए जीवन समर्पित किया था. उनके इस त्याग और बलिदान व उनकी मंशा अनुरूप अगर बुंदेलखंड राज्य का निर्माण हो तो निश्चित रूप से उनके लिए ये एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

इसके साथ ही उन्होनें बताया कि महाराजा छत्रसाल ने अपने जीवन में बगैर किसी भेदभाव और ऊंच-नीच के समरसता के भाव मन में रखते हुए एक अच्छे शासक होने का परिचय दिया था, तो वहीं पंडित परशुराम तिवारी ने कहा कि.." छत्ता तेरे राज्य में धक-धक धरती होय, जहां जहां घोड़ा पग धरे वहां वहां हीरा होय."

वहीं आज महाराजा छत्रसाल जयंती के शुभ अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष राजकुमार गंगेले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परशुराम रैकवार, वरिष्ठ पत्रकार राजीव शुक्ला सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

छतरपुर। पर्यटन नगरी खजुराहो में आज महाराजा छत्रसाल की जयंती सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए हर्ष उल्लास के साथ मनाई गई, जिसमें महाराजा छत्रसाल की मूर्ति के समक्ष उपस्थित लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया.

बुंदेली और बुंदेलखंड के लिए किया था जीवन समर्पित

इस अवसर पर समाजसेवी पंडित सुधीर शर्मा ने बताया की महाराजा छत्रसाल जिन्होंने बुंदेली और बुंदेलखंड के लिए अपने प्राण निछावर करते हुए जीवन समर्पित किया था. उनके इस त्याग और बलिदान व उनकी मंशा अनुरूप अगर बुंदेलखंड राज्य का निर्माण हो तो निश्चित रूप से उनके लिए ये एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

इसके साथ ही उन्होनें बताया कि महाराजा छत्रसाल ने अपने जीवन में बगैर किसी भेदभाव और ऊंच-नीच के समरसता के भाव मन में रखते हुए एक अच्छे शासक होने का परिचय दिया था, तो वहीं पंडित परशुराम तिवारी ने कहा कि.." छत्ता तेरे राज्य में धक-धक धरती होय, जहां जहां घोड़ा पग धरे वहां वहां हीरा होय."

वहीं आज महाराजा छत्रसाल जयंती के शुभ अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष राजकुमार गंगेले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परशुराम रैकवार, वरिष्ठ पत्रकार राजीव शुक्ला सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

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