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विजय दिवस: बांग्लादेश के निर्माण में कमलनाथ ने निभाई थी अहम भूमिका

साल 1971 में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के अत्याचारों से पूर्वी पाकिस्तान को मुक्त कराने में (Kamal Nath played an important role in creation of Bangladesh) कमलनाथ ने भी अहम भूमिका निभाई थी, जिसके बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए और दुनिया के नक्शे पर एक नया देश उभरकर आया, जिसका नाम है बांग्लादेश.

Kamal Nath played an important role in creation of Bangladesh
बांग्लादेश के निर्माण में कमलनाथ ने निभाई थी अहम भूमिका
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Published : Dec 17, 2021, 11:59 AM IST

छिंदवाड़ा। पाकिस्तान से विभाजित होकर अलग बांग्लादेश बनने में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अहम भूमिका (Kamal Nath played an important role in creation of Bangladesh) निभाई थी, यह बात खुद उन्होंने छिंदवाड़ा में विजय दिवस के मौके पर लोगों को बताई. 1971 में पाकिस्तान से भारत के युद्ध जीतने के बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ था, जिसके 50 साल पूरे होने पर छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विजय दिवस मनाया और पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया.

बांग्लादेश के निर्माण में कमलनाथ ने निभाई थी अहम भूमिका

एमपी में अब Drone Policing, VVIP मूवमेंट और भीड़भीड़ वाले इलाकों में तीसरी ऑंख आसमान से रखेगी नजर

पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के संरक्षण की मिली जिम्मेदारी

सैनिकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि पाकिस्तान से आजाद होने के लिए पूर्वी पाकिस्तान के लोग लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन उन पर पाकिस्तान लगातार अत्याचार कर रहा था, वहां के सैनिक-पुलिस से बचने के लिए पूर्वी पाकिस्तान के लोग भाग कर आते थे तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें संरक्षण और उनके रहने-खाने की जिम्मेदारी कलकत्ता में उनको सौंपी थी, तब उन्हें ज्यादा समझ नहीं थी, लेकिन इंदिरा जी ने काम दिया था, इसलिए उसे पूरी ईमानदारी से किये थे.

  • आज विजय दिवस के अवसर पर छिन्दवाड़ा में देश के अमर शहीदो की स्मृति में आयोजित “ सैनिक सम्मान समारोह “ में उपस्थित होकर वीर सैनिकों , उनके परिजनो का सम्मान किया , देश की सुरक्षा में उनकी सेवाओं के लिये उन्हें याद कर उन्हें नमन किया। pic.twitter.com/y15tqMzoX1

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 16, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बांग्ला भाषी होने के कारण मध्यस्थता करना था आसान

कमलनाथ ने बताया कि उस समय वह युवा थे, उन्हें ज्यादा समझ नहीं थी. इंदिरा गांधी ने उन्हें जिम्मेदारी दी थी इसलिए उन्होंने किया, जबकि न तो मन में देश सेवा का जज्बा था, न ही कोई संकल्प. उन्होंने बताया कि वे कोलकाता में रहते थे और बांग्ला भाषा जानते थे. पूर्वी पाकिस्तान के लोग भी बांग्ला भाषा समझते थे, इसलिए वहां के नेता और स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वालों के बीच मध्यस्थता करने के लिए इंदिरा गांधी ने उन्हें चुना था. उन्होंने बांग्लादेश की लड़ाई लड़ने वाले लोगों का साथ देते हुए कोलकाता में संरक्षण दिया था.

छिंदवाड़ा। पाकिस्तान से विभाजित होकर अलग बांग्लादेश बनने में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अहम भूमिका (Kamal Nath played an important role in creation of Bangladesh) निभाई थी, यह बात खुद उन्होंने छिंदवाड़ा में विजय दिवस के मौके पर लोगों को बताई. 1971 में पाकिस्तान से भारत के युद्ध जीतने के बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ था, जिसके 50 साल पूरे होने पर छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विजय दिवस मनाया और पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया.

बांग्लादेश के निर्माण में कमलनाथ ने निभाई थी अहम भूमिका

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पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के संरक्षण की मिली जिम्मेदारी

सैनिकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि पाकिस्तान से आजाद होने के लिए पूर्वी पाकिस्तान के लोग लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन उन पर पाकिस्तान लगातार अत्याचार कर रहा था, वहां के सैनिक-पुलिस से बचने के लिए पूर्वी पाकिस्तान के लोग भाग कर आते थे तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें संरक्षण और उनके रहने-खाने की जिम्मेदारी कलकत्ता में उनको सौंपी थी, तब उन्हें ज्यादा समझ नहीं थी, लेकिन इंदिरा जी ने काम दिया था, इसलिए उसे पूरी ईमानदारी से किये थे.

  • आज विजय दिवस के अवसर पर छिन्दवाड़ा में देश के अमर शहीदो की स्मृति में आयोजित “ सैनिक सम्मान समारोह “ में उपस्थित होकर वीर सैनिकों , उनके परिजनो का सम्मान किया , देश की सुरक्षा में उनकी सेवाओं के लिये उन्हें याद कर उन्हें नमन किया। pic.twitter.com/y15tqMzoX1

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 16, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बांग्ला भाषी होने के कारण मध्यस्थता करना था आसान

कमलनाथ ने बताया कि उस समय वह युवा थे, उन्हें ज्यादा समझ नहीं थी. इंदिरा गांधी ने उन्हें जिम्मेदारी दी थी इसलिए उन्होंने किया, जबकि न तो मन में देश सेवा का जज्बा था, न ही कोई संकल्प. उन्होंने बताया कि वे कोलकाता में रहते थे और बांग्ला भाषा जानते थे. पूर्वी पाकिस्तान के लोग भी बांग्ला भाषा समझते थे, इसलिए वहां के नेता और स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वालों के बीच मध्यस्थता करने के लिए इंदिरा गांधी ने उन्हें चुना था. उन्होंने बांग्लादेश की लड़ाई लड़ने वाले लोगों का साथ देते हुए कोलकाता में संरक्षण दिया था.

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