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अंग्रेजों के जमाने से लगता आ रहा है ये मेला, आज भी वहीं अंदाज, वहीं आस्था

छतरपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर कर्री गांव में पिछले 100 सालों से मकर संक्रांति के मौके पर मेला लग रहा है.

fair on Makar Sankranti from 100 years ago
100 साल पहले से लग रहा है मेला
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Published : Jan 15, 2020, 10:54 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 11:45 PM IST

छतरपुर। जिले से लगभग 20 किलोमीटर दूर कर्री गांव में मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेले का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है. ये मेला आज भी आसपास के क्षेत्र में शान बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि ये मेला 100 साल से भी ज्यादा पुराना है, जो कि अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है.

100 साल पहले से लग रहा है मेला


पहले कभी यहां स्थानीय राजा का किला हुआ करता था. वहीं समय पर संरक्षण न होने से किले का वजूद भी समाप्त हो चुका है. साथ ही मेला लगने की जगह के पास ही ऐतिहासिक शिव मंदिर है जो लोगों के लिए आज भी आस्था का एक बड़ा केंद्र है.


वहीं मेले में सुरक्षा की दृष्टि को लेकर जब अधिकारियों से बात की गई तो अधिकारियों ने बताया की सुरक्षा व्यवस्था अच्छी है. साथ ही ग्रामीणों का भी विशेष सहयोग है.

छतरपुर। जिले से लगभग 20 किलोमीटर दूर कर्री गांव में मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेले का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है. ये मेला आज भी आसपास के क्षेत्र में शान बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि ये मेला 100 साल से भी ज्यादा पुराना है, जो कि अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है.

100 साल पहले से लग रहा है मेला


पहले कभी यहां स्थानीय राजा का किला हुआ करता था. वहीं समय पर संरक्षण न होने से किले का वजूद भी समाप्त हो चुका है. साथ ही मेला लगने की जगह के पास ही ऐतिहासिक शिव मंदिर है जो लोगों के लिए आज भी आस्था का एक बड़ा केंद्र है.


वहीं मेले में सुरक्षा की दृष्टि को लेकर जब अधिकारियों से बात की गई तो अधिकारियों ने बताया की सुरक्षा व्यवस्था अच्छी है. साथ ही ग्रामीणों का भी विशेष सहयोग है.

Intro:छतरपुर जिले से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम कर्री मैं मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेले का इतिहास लगभग 100 वर्ष पुराना है यह आज भी आसपास क्षेत्र में शान बना हुआ है ग्रामीणों का कहना है कि यह मेला 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहाBody:छतरपुर जिले से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम कर्री मैं मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेले का इतिहास लगभग 100 वर्ष पुराना है यह आज भी आसपास क्षेत्र में शान बना हुआ है ग्रामीणों का कहना है कि यह मेला 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है इस मेले के आसपास बिखरे अवशेष खुद अपनी दास्तां बयां करते हैं बताते हैं कभी यहां पर स्थानीय राजा का किला भी हुआ करता था समय पर संरक्षण ना होने से किले का वजूद भी समाप्त हो चुका है साथ ही मेला लगने की जगह के पास ही ऐतिहासिक शिव मंदिर है जो लोगों के लिए आज भी आस्था का एक बड़ा केंद्र है
मेला को लेकर जब अधिकारियों से बात की गई सुरक्षा की दृष्टि को लेकर तो अधिकारियों ने बताया की काफी सुरक्षा व्यवस्था अच्छी रही ग्रामीणों का भी विशेष सहयोग रहा
वाइट- जे. एन. तिवारी (एस.आई)
वाइट- राहुल द्विवेदी(कॉन्स्टेबल)
वाइट- ग्रामीणConclusion:अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है इस मेले के आसपास बिखरे अवशेष खुद अपनी दास्तां बयां करते हैं बताते हैं कभी यहां पर स्थानीय राजा का किला भी हुआ करता था समय पर संरक्षण ना होने से किले का वजूद भी समाप्त हो चुका है साथ ही मेला लगने की जगह के पास ही ऐतिहासिक शिव मंदिर है जो लोगों के लिए आज भी आस्था का एक बड़ा केंद्र है
मेला को लेकर जब अधिकारियों से बात की गई सुरक्षा की दृष्टि को लेकर तो अधिकारियों ने बताया की काफी सुरक्षा व्यवस्था अच्छी रही ग्रामीणों का भी विशेष सहयोग रहा
Last Updated : Jan 15, 2020, 11:45 PM IST
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