छतरपुर। जिले का एक किसान पिछले कई दिनों से अपनी जमीन के सीमांकन के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहा है, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने उसके समस्या का समाधान नहीं किया. मंगलवार को किसान सुबह से शाम तक कलेक्टर के इंतजार में बैठा रहा और आखिरकार थक-हारकर कलेक्टर चैंबर के सामने बने बरामदे में ही लेट गया.
दरअसल गढ़ी मलहरा तहसील के अंतर्गत रहने वाला नंदकिशोर तिवारी पिछले कई दिनों से अपनी जमीन के सीमांकन के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहा है. किसान का कहना है कि उसकी जमीन पर कुछ लोगों ने पटवारी से सांठगांठ कर कब्जा कर लिया है, इसलिए वह चाहता है कि उसकी जमीन का सीमांकन हो. उसने कहा कि उसने इस बात की शिकायत कई जगह की, लेकिन उसकी परेशानी पर किसी भी जिम्मेदार ने ध्यान नहीं दिया. पीड़ित किसान ने बताया कि इसके पहले जो कलेक्टर थे, उन्होंने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उसकी जमीन का सीमांकन हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
नंदकिशोर ने बताया कि वर्तमान कलेक्टर से मिलने के लिए वह पिछले कई दिनों से लगातार ऑफिस के चक्कर काट रहा है, लेकिन कलेक्टर हैं कि उसे 2 मिनट का समय भी नहीं दे पा रहे हैं. उसने बताया कि वह सुबह से ही भूखा है और आवेदन देते-देते उसका बस्ता भारी हो गया है. सुबह से ही कलेक्टर से मिलने की उम्मीद लगाकर शाम 5 बजे तक वो बैठा रहा, लेकिन कलेक्टर नहीं मिले. आखिरकार थक-हारकर वो कलेक्टर के चैंबर के सामने बने बरामदे में ही लेट गया.
इस दरम्यान पीड़ित किसान ने कलेक्टर मोहित बुंदस से बात करने और मिलने की कोशिश की, लेकिन कोई संपर्क नहीं हो पाया. बता दें कि इससे पहले भी कलेक्टर मोहित बुंदस पर किसानों ने उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. हालांकि जब इस संबंध में एडीएम डीके मौर्य से बात की गई, तो उन्होंने किसानों की समस्या जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया.