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भगवान राम के चरणों के यहां मिलते हैं निशान,देखें पूरी खबर - chatarpur news

भगवान राम के चरणों के निशान आज भी चरण पादुका मंदिर में देखने को मिलते है,दूर दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते है और चरण पादुका के दर्शन करते है.

छतरपुर में चरण पादुका मंदिर
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Published : Aug 13, 2019, 3:56 AM IST

भगवान और भक्तों का नाता बहुत पुराना है जब भी भगवान के होने की बात उठती है तब भगवान अपना प्रमाण किसी न किसी रूप में देते है. छतरपुर जिले के लवकुश नगर में कुछ ऐसी ही कहानी सिंहपुर गांव के चरण पादुका मंदिर की है बताते हैं कि यहां भगवान राम के पदचिन्ह आज भी मौजूद हैं,जो मंदिर के पीछे नदी में बनी चट्टान पर साफ तौर से दिखाई देते हैं हजारों साल बीत जाने के बाद भी इन पैरों के निशान साफ तौर पर देखे जा सकते हैं.

मंदिर में मौजूद है भगवान राम के चरणों के निशान

मंदिर के महंत बताते हैं कि हजारों साल पहले मंदिर के आसपास पानी भर गया था तभी भगवान श्री राम एक ऋषि के भेष में आए और उन्होंने मंदिर के महंत को जाकर चेतावनी दी कि तुम्हारे मंदिर में पानी भर गया है अगर तुम सही समय रहते मंदिर के बाहर निकलोगे तो तुम्हारी मौत निश्चित हो जाएगी यह कहते हुए भगवान चट्टान पर जाकर खड़े हो गए तभी महंत समझ गए कि यह भगवान राम हैं और उन्होंने उनके पैर पकड़ लिए तब से लेकर आज तक चट्टानों पर भगवान राम के पैर के निशान मौजूद है जो लोगों के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं

मंदिर उतना नहीं है जितना इसका चमत्कारिक खास है जंगल के बीच होने के बाद भी भगवान श्रीराम को आराध्य मानने वाले लोग यहां पहुंच जाते हैं.

चट्टान पर बने भगवान राम के पद लोगों को इस बात का लगातार एहसास दिलाते हैं कि अगर सच्चे मन से भगवान की आराधना की जाती है तो भगवान किसी ना किसी रूप में अगर भगवान को दर्शन देते हैं अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह भगवान राम पर सवाल खड़े किए हैं ऐसे में यह मंदिर उन तमाम सवालों का अपने आप में खुद एक जवाब है जहां भगवान राम के होने की पुष्टि उनके पद चिन्ह करते हैं.

भगवान और भक्तों का नाता बहुत पुराना है जब भी भगवान के होने की बात उठती है तब भगवान अपना प्रमाण किसी न किसी रूप में देते है. छतरपुर जिले के लवकुश नगर में कुछ ऐसी ही कहानी सिंहपुर गांव के चरण पादुका मंदिर की है बताते हैं कि यहां भगवान राम के पदचिन्ह आज भी मौजूद हैं,जो मंदिर के पीछे नदी में बनी चट्टान पर साफ तौर से दिखाई देते हैं हजारों साल बीत जाने के बाद भी इन पैरों के निशान साफ तौर पर देखे जा सकते हैं.

मंदिर में मौजूद है भगवान राम के चरणों के निशान

मंदिर के महंत बताते हैं कि हजारों साल पहले मंदिर के आसपास पानी भर गया था तभी भगवान श्री राम एक ऋषि के भेष में आए और उन्होंने मंदिर के महंत को जाकर चेतावनी दी कि तुम्हारे मंदिर में पानी भर गया है अगर तुम सही समय रहते मंदिर के बाहर निकलोगे तो तुम्हारी मौत निश्चित हो जाएगी यह कहते हुए भगवान चट्टान पर जाकर खड़े हो गए तभी महंत समझ गए कि यह भगवान राम हैं और उन्होंने उनके पैर पकड़ लिए तब से लेकर आज तक चट्टानों पर भगवान राम के पैर के निशान मौजूद है जो लोगों के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं

मंदिर उतना नहीं है जितना इसका चमत्कारिक खास है जंगल के बीच होने के बाद भी भगवान श्रीराम को आराध्य मानने वाले लोग यहां पहुंच जाते हैं.

चट्टान पर बने भगवान राम के पद लोगों को इस बात का लगातार एहसास दिलाते हैं कि अगर सच्चे मन से भगवान की आराधना की जाती है तो भगवान किसी ना किसी रूप में अगर भगवान को दर्शन देते हैं अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह भगवान राम पर सवाल खड़े किए हैं ऐसे में यह मंदिर उन तमाम सवालों का अपने आप में खुद एक जवाब है जहां भगवान राम के होने की पुष्टि उनके पद चिन्ह करते हैं.

Intro:आस्था एवं भगवान ने गहरा नाता था होता है यही वजह है कि जब कभी भगवान की आवश्यकता भक्तों को हुई तो भगवान ने समझ में पर आकर अपनी प्रमाण प्रमाणिकता देते हुए भक्तों की रक्षा की है!
कुछ ऐसी ही कहानी छतरपुर जिले से लगभग 55 किलोमीटर दूर सिंहपुर गांव के चरण पादुका मंदिर की है कहते हैं यहां भगवान राम के पदचिन्ह आज भी मौजूद है जो मंदिर के पीछे नदी में बनी चट्टान पर साफ तौर से दिखाई देते हैं हजारों साल बीत जाने के बाद भी इन पैरों के निशान साफ तौर पर देखे जा सकते हैं!


Body: छतरपुर जिले के लवकुश नगर में आने वाला मंदिर सिंहपुर चरण पादुका भगवान श्री राम के चट्टान पर बने चरणों के बजे से जाना जाता है हजारों साल बीत जाने के बाद भी चट्टान पर भगवान श्री राम के पैरों के निशान दर्शाते हैं कि समय-समय पर भगवान भक्तों के बीच में ना सिर्फ उपस्थित होते हैं बल्कि अपनी उपस्थिति भी दर्शाते हैं!

चट्टान के बीच में बने भगवान के पैर लोगों के लिए आज भी गहरी आस्था का प्रतीक है दूरदराज से लोग इस मंदिर के दर्शन करने एवं भगवान के पैर देखने के लिए आते हैं!

आपको बता दें कि वनवास के समय भगवान श्री राम बुंदेलखंड के कुछ हिस्से में रहे नहीं बजा है कि इन हिस्सों में उनकी मौजूदगी के निशांत दिख जाते हैं भगवान राम मंदिर को लेकर भले ही आज सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मौजूदगी पर सवाल उठाए हो लेकिन यह मंदिर अपने आप में एक जवाब है!

इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है इसलिए दूरदराज के लोग भी मंदिर के दर्शन करने और भगवान के तहत देखने के लिए जरूर आते हैं मंदिर के महंत बताते हैं कि हजारों साल पहले मंदिर के आसपास भयंकर पानी भर गया था अभी भगवान श्री राम एक ऋषि के भेष में आए और उन्होंने मंदिर के महंत को जाकर चेतावनी दी कि तुम्हारे मंदिर में पानी भर गया है अगर तुम सही समय रहते मंदिर के बाहर निकलोगे तो तुम्हारी मौत निश्चित हो जाएगी यह कहते हुए भगवान चट्टान पर जाकर खड़े हो गए तभी महंत समझ गए कि यह भगवान राम हैं और उन्होंने उनके पैर पकड़ लिए तब से लेकर आज तक चट्टानों पर भगवान राम के पैर के निशान मौजूद है जो लोगों के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं मंदिर उतना नहीं है जितना इसका चमत्कारिक खास है जंगल के बीच होने के बाद भी भगवान श्रीराम को आराध्य मानने वाले लोग यहां पहुंच जाते हैं!

बाइट_कुचन्दास महाराज_वर्तमान महंत




Conclusion: चट्टान पर बने भगवान राम के पद लोगों को इस बात का लगातार एहसास दिलाते हैं कि अगर सच्चे मन से भगवान की आराधना की जाती है तो भगवान किसी ना किसी रूप में अगर भगवान को दर्शन देते हैं अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह भगवान राम पर सवाल खड़े किए हैं ऐसे में यह मंदिर उन तमाम सवालों का अपने आप में खुद एक जवाब है जहां भगवान राम के होने की पुष्टि उनके पद चिन्ह करते हैं!
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