छतरपुर। मध्यप्रदेश में शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश सरकार ने लगभग 27 हजार 792 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित किया है. लेकिन इसी मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से शिक्षा की बदहाली को लेकर एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर आप भी हैरैन हो जाएंगे. (Chhatarpur Government School) दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित एक स्कूल बसंतपुर का विद्यालय में गाय-भैंसों का तबेला नजर आया, इसके अलावा विद्यालय के लिए बनाए गए कमरों में भूसा रखा हुआ है, तो कहीं गायें बंधी हुई हैं. कई नवनिर्मित कमरे बरसात की वजह से दल-दल में तब्दील हो गए हैं.
किताब वाले हाथों में झाडू: बंसतपुर में स्थित प्राइमरी स्कूल अपनी अनियमित्तताओं एवं शिक्षकों की लापरवाही की वजह लगभग तबेले में तब्दील हो गया है. स्कूल प्रांगण में स्कूल के लिए बनाए गए कई कमरों में गांव के लोगों ने भूसा भरना एवं गायों को बांधना शुरू कर दिया. इसके अलावा स्कूल में ही पढ़ने वाले बच्चों का आरोप है कि, स्कूल दो-तीन दिन में एक बार ही खुलता है जब स्कूल खुलता है तो झाड़ू से लेकर साफ सफाई सब कुछ हम बच्चे ही करते हैं.
किताबें बेच जेब भर रहे शिक्षक: स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही यहीं खत्म नहीं होती. बच्चों को पढ़ने के लिए दी जाने वाली सैकड़ों किताबें पानी में भीगने से खराब हो गई हैं, तो वहीं स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र का आरोप है कि, सर किताबें बच्चों को नहीं देते बल्कि बेंच देते हैं. मामले पर स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक दयाराम अहिरवार बताते है कि, "स्कूल जर्जर है, छत से पानी टपकता है. गेट भी टूटे है, कई बार अधिकारियों से कहा है पर कोई ध्यान नहीं देता."
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अधिकारी बोले मामला गंभीर जांच के बाद होगी कार्रवाई: फिलहाल मामले में जिला डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी) आरपी लखेरे का कहना है कि, "मामला बेहद गंभीर है. इसकी सूचना मिली है, जांच दल बना दिया गया है, मामले में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी."