ETV Bharat / bharat

सबरीमाला में 'फोटोशूट' पर हाई कोर्ट सख्त, मांगा स्पष्टीकरण

हाई कोर्ट सबरीमाला में मोबाइल फोन पर सख्त नियंत्रण चाहता है.

Etv Bharat
Etv Bharat (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

एर्नाकुलम: सबरीमाला थिरुमुट्टम और सोपानम में मोबाइल फोन का उपयोग करके वीडियो बनाने के संबंध में उच्च न्यायालय ने कार्यकारी अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है. सबरीमाला सरकार द्वारा उच्च सुरक्षा क्षेत्र घोषित किया गया स्थान है. इसके तहत उच्च न्यायालय ने ही सोपानम और थिरुमुट्टम में वीडियो फिल्मांकन और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है.

हालांकि, सबरीमाला प्रांगण की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही हैं. अदालत ने कहा है कि इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. हाईकोर्ट ने कार्यपालक पदाधिकारी को नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा 18वीं सीढ़ी से फोटो लेने की घटना स्वीकार्य नहीं हो सकती. हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं से अवैध कीमत वसूलने वाली दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने का अंतरिम आदेश भी दिया है. अदालत ने निलक्कल, पम्पा और सन्निधानम के ड्यूटी मजिस्ट्रेट को यह निर्देश दिया.

सुझाव दिया गया है कि दुकानों और होटलों में नियमित अंतराल पर जांच की जानी चाहिए. पहले ऐसी शिकायतें आती थीं कि होटल एक्सपायर्ड खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल कर रहे हैं और अत्यधिक कीमत वसूल रहे हैं.

एडीजीपी ने मांगी रिपोर्ट: एडीजीपी और सबरीमाला पुलिस के मुख्य समन्वयक एस. श्रीजीत सन्निधानम ने 18वीं सीढ़ी पर फोटोशूट उस घटना पर विशेष अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. एडीजीपी ने लगभग 30 पुलिसकर्मियों के फोटो शूट के बाद रिपोर्ट का अनुरोध किया है. हिंदू इक्यावेदी और मंदिर संरक्षण समिति सहित अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस मामले में आपत्ति जतायी है. अब एडीजीपी ने घटना पर रिपोर्ट मांगी है.

विश्व हिंदू परिषद सबरीमाला पदिथमपदी में पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए फोटो शूट के विरोध में उतर आई है. विश्व हिंदू परिषद केरल इकाई ने मांग की कि सबरीमाला में भक्तों की मदद के लिए नियुक्त सभी पुलिसकर्मियों को सेवा से हटा देना चाहिए. उनकी जगह उन लोगों को नियुक्त किया जाना चाहिए जो सबरीमाला के अनुष्ठानों का सम्मान करते हैं.

अठारहवें चरण को अयप्पा के अनुयायी आशीर्वाद के रूप में मानते हैं. कोई भी अय्यप्पा भक्त अय्यप्पन की ओर पीठ करके फोटोशूट नहीं करा सकता, क्योंकि यह पतिथमपदी की प्रथा है. पुलिस अधिकारियों द्वारा किया गया यह अनुष्ठान उल्लंघन सीपीएम और पिनाराई सरकार के हिंदू विरोधी व्यवहार का नवीनतम उदाहरण है. विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष वीजी थम्पी और महासचिव वीआर राजशेखरन ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की मदद करने और उन्हें बढ़ावा देने के मामले में पहले आरोपी मुख्यमंत्री हैं.

ये भी पढ़ें

एर्नाकुलम: सबरीमाला थिरुमुट्टम और सोपानम में मोबाइल फोन का उपयोग करके वीडियो बनाने के संबंध में उच्च न्यायालय ने कार्यकारी अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है. सबरीमाला सरकार द्वारा उच्च सुरक्षा क्षेत्र घोषित किया गया स्थान है. इसके तहत उच्च न्यायालय ने ही सोपानम और थिरुमुट्टम में वीडियो फिल्मांकन और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है.

हालांकि, सबरीमाला प्रांगण की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही हैं. अदालत ने कहा है कि इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. हाईकोर्ट ने कार्यपालक पदाधिकारी को नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा 18वीं सीढ़ी से फोटो लेने की घटना स्वीकार्य नहीं हो सकती. हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं से अवैध कीमत वसूलने वाली दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने का अंतरिम आदेश भी दिया है. अदालत ने निलक्कल, पम्पा और सन्निधानम के ड्यूटी मजिस्ट्रेट को यह निर्देश दिया.

सुझाव दिया गया है कि दुकानों और होटलों में नियमित अंतराल पर जांच की जानी चाहिए. पहले ऐसी शिकायतें आती थीं कि होटल एक्सपायर्ड खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल कर रहे हैं और अत्यधिक कीमत वसूल रहे हैं.

एडीजीपी ने मांगी रिपोर्ट: एडीजीपी और सबरीमाला पुलिस के मुख्य समन्वयक एस. श्रीजीत सन्निधानम ने 18वीं सीढ़ी पर फोटोशूट उस घटना पर विशेष अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. एडीजीपी ने लगभग 30 पुलिसकर्मियों के फोटो शूट के बाद रिपोर्ट का अनुरोध किया है. हिंदू इक्यावेदी और मंदिर संरक्षण समिति सहित अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस मामले में आपत्ति जतायी है. अब एडीजीपी ने घटना पर रिपोर्ट मांगी है.

विश्व हिंदू परिषद सबरीमाला पदिथमपदी में पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए फोटो शूट के विरोध में उतर आई है. विश्व हिंदू परिषद केरल इकाई ने मांग की कि सबरीमाला में भक्तों की मदद के लिए नियुक्त सभी पुलिसकर्मियों को सेवा से हटा देना चाहिए. उनकी जगह उन लोगों को नियुक्त किया जाना चाहिए जो सबरीमाला के अनुष्ठानों का सम्मान करते हैं.

अठारहवें चरण को अयप्पा के अनुयायी आशीर्वाद के रूप में मानते हैं. कोई भी अय्यप्पा भक्त अय्यप्पन की ओर पीठ करके फोटोशूट नहीं करा सकता, क्योंकि यह पतिथमपदी की प्रथा है. पुलिस अधिकारियों द्वारा किया गया यह अनुष्ठान उल्लंघन सीपीएम और पिनाराई सरकार के हिंदू विरोधी व्यवहार का नवीनतम उदाहरण है. विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष वीजी थम्पी और महासचिव वीआर राजशेखरन ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की मदद करने और उन्हें बढ़ावा देने के मामले में पहले आरोपी मुख्यमंत्री हैं.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.