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Chhatarpur News: क्रेशर संचालकों को जमीन से 6 मीटर नीचे तक खनन की अनुमति, 20 मीटर तक कर रहे खुदाई - Illegal mining in chhatarpur

खदानों में क्रेशर कारोबारी मुनाफा कमाने के चक्कर में पर्यावरण सुरक्षा के नियमों को ताक पर रखकर खनन कर रहे हैं. पर्यावरण विभाग की ओर से जमीन से 6 मीटर नीचे खुदाई करने की मंजूरी दी जाती है, लेकिन क्रेशर कारोबारियों ने नियमों का उल्लघंन कर 20 मीटर तक खुदाई कर दी है.

Illegal mining in chhatarpur
क्रेशर संचालक मनमाने ढंग से कर रहे खुदाई
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Published : May 29, 2023, 7:57 PM IST

छतरपुर। नौगांव शहर से लगे हुए क्षेत्रों में पत्थर खदान में क्रेशर कारोबारी मुनाफा कमाने के चक्कर में पर्यावरण सुरक्षा के नियमों को ताक पर रखकर खनन कर रहे हैं. विभागीय अधिकारियों की मानें तो जमीन से 6 मीटर तक ही खनन कर पत्थर निकाला जा सकता है, लेकिन पहाड़ी के पास जमीन से 20 मीटर नीचे तक खुदाई की जा चुकी है. वहीं, इसमें पहाड़ की ऊंचाई और जोड़ दें, तो अब तक 70 मीटर से अधिक खनन किया जा चुका है. जमीन से 6 मीटर नीचे खुदाई करने से पहले ग्वालियर या नागपुर से पर्यावरण विभाग की मंजूरी लेना पड़ती है, जो किसी भी क्रेशर संचालक के पास नहीं है.

नियमों का पालन कराने में प्रशासन असमर्थः वहीं, जिले का प्रशासन शासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन कराने में अब तक असमर्थ दिखाई दे रहा है. पूरा खनिज विभाग अवैध रेत और पत्थर खनन कराने में खुली छूट दे रहा है. लिहाजा पर्यावरण प्रदूषण लगातार फैलता जा रहा है और पहाड़ जमींदोज होते जा रहे हैं. शासन और प्रशासन खनिज नियमों के साथ पर्यावरण सुरक्षा के लिए बनाए अधिनियमों का सही तरीके से पालन कराता तो शायद यह स्थिति चौबारा, तिंदनी, नौरा पहाड़ी सहित दौरिया, गर्रौली, अलीपुरा, खकरी वीरपुरा, मानपुरा, अमा, महेड़, हरपालपुर, गढ़ीमलहरा, महाराजपुर सहित नौगांव तहसील एवं अनुविभाग क्षेत्र के अनेक पहाड़ों की नहीं होती.

बेखौफ होकर किया जा रहा खननः क्रेशर संचालकों ने पहाड़ों को खोदकर समतल कर दिया है. दिन-रात हो रहे अवैध खनन से एक ओर जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. रात के समय इन खदानों में क्रेशर संचालक ब्लास्टिंग करते हैं, वहीं दिनभर ट्रैक्टरों से मजदूर पत्थरों की ढुलाई करने में लगे रहते हैं. इन सबके बावजूद खनिज विभाग कुछ स्थानों पर फौरी तौर पर कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी कर देता है.

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खदानों की कराई जाएगी जांचः नौगांव एसडीएम विनय द्विवेदी का कहना है कि "खनिज विभाग के अधिकारी आगे आकर खदानों की जांच करवाएं, निश्चित ही विभाग के साथ मिलकर सख्त कार्रवाई की जाएगी". खनिज निरीक्षक अशोक द्विवेदी ने बताया कि "स्वीकृत हुई लीज से सिर्फ 6 मीटर अंदर तक खनन किया जा सकता है, पहाड़ी के पास जमीन से 20 मीटर तक खनन अब तक किया जा चुका है, लेकिन इन खदानों की न तो जांच हो रही है और न ही माप की जा रही है." जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा ने कहा कि "अगर जमीन में 6 मीटर से नीचे खुदाई करवाई गई है, तो निश्चित जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी."

छतरपुर। नौगांव शहर से लगे हुए क्षेत्रों में पत्थर खदान में क्रेशर कारोबारी मुनाफा कमाने के चक्कर में पर्यावरण सुरक्षा के नियमों को ताक पर रखकर खनन कर रहे हैं. विभागीय अधिकारियों की मानें तो जमीन से 6 मीटर तक ही खनन कर पत्थर निकाला जा सकता है, लेकिन पहाड़ी के पास जमीन से 20 मीटर नीचे तक खुदाई की जा चुकी है. वहीं, इसमें पहाड़ की ऊंचाई और जोड़ दें, तो अब तक 70 मीटर से अधिक खनन किया जा चुका है. जमीन से 6 मीटर नीचे खुदाई करने से पहले ग्वालियर या नागपुर से पर्यावरण विभाग की मंजूरी लेना पड़ती है, जो किसी भी क्रेशर संचालक के पास नहीं है.

नियमों का पालन कराने में प्रशासन असमर्थः वहीं, जिले का प्रशासन शासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन कराने में अब तक असमर्थ दिखाई दे रहा है. पूरा खनिज विभाग अवैध रेत और पत्थर खनन कराने में खुली छूट दे रहा है. लिहाजा पर्यावरण प्रदूषण लगातार फैलता जा रहा है और पहाड़ जमींदोज होते जा रहे हैं. शासन और प्रशासन खनिज नियमों के साथ पर्यावरण सुरक्षा के लिए बनाए अधिनियमों का सही तरीके से पालन कराता तो शायद यह स्थिति चौबारा, तिंदनी, नौरा पहाड़ी सहित दौरिया, गर्रौली, अलीपुरा, खकरी वीरपुरा, मानपुरा, अमा, महेड़, हरपालपुर, गढ़ीमलहरा, महाराजपुर सहित नौगांव तहसील एवं अनुविभाग क्षेत्र के अनेक पहाड़ों की नहीं होती.

बेखौफ होकर किया जा रहा खननः क्रेशर संचालकों ने पहाड़ों को खोदकर समतल कर दिया है. दिन-रात हो रहे अवैध खनन से एक ओर जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. रात के समय इन खदानों में क्रेशर संचालक ब्लास्टिंग करते हैं, वहीं दिनभर ट्रैक्टरों से मजदूर पत्थरों की ढुलाई करने में लगे रहते हैं. इन सबके बावजूद खनिज विभाग कुछ स्थानों पर फौरी तौर पर कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी कर देता है.

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खदानों की कराई जाएगी जांचः नौगांव एसडीएम विनय द्विवेदी का कहना है कि "खनिज विभाग के अधिकारी आगे आकर खदानों की जांच करवाएं, निश्चित ही विभाग के साथ मिलकर सख्त कार्रवाई की जाएगी". खनिज निरीक्षक अशोक द्विवेदी ने बताया कि "स्वीकृत हुई लीज से सिर्फ 6 मीटर अंदर तक खनन किया जा सकता है, पहाड़ी के पास जमीन से 20 मीटर तक खनन अब तक किया जा चुका है, लेकिन इन खदानों की न तो जांच हो रही है और न ही माप की जा रही है." जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा ने कहा कि "अगर जमीन में 6 मीटर से नीचे खुदाई करवाई गई है, तो निश्चित जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी."

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