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Unique Helmet: छतरपुर के सुनील का कमाल, बनाया ऐसा हेलमेट जिसके बिना नहीं चलेगी बाइक

खजुराहो जिले के बासारी ग्राम के 19 वर्षीय सुनील अहिरवार ने छतरपुर में एक ऐसा हेलमेट तैयार किया है, जिसे पहनने पर ही मोटरसाइकिल स्टार्ट होगी. इस हेलमेट को पहनने से लोगों की सुरक्षा तो होगी ही, इसी बहाने लोग यातायात नियम का भी पालन कर पाएंगे. आइए जानते हैं इस हेलमेट को बनाने के पीछे का कारण, कीमत और खासियत-

Khajuraho Youth Made Unique Helmet
खजुराहो के युवक ने बनाया अनोखा हेलमेट
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Published : Sep 11, 2022, 2:20 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 5:39 PM IST

छतरपुर/खजुराहो। प्रतिभावान लोग मुश्किलों के बाद भी अपने लिए मौके तैयार करते हैं. ऐसे ही चुनिंदा लोगो में से एक है खजुराहो जिले के बासारी ग्राम में रहने वाला 19 वर्षीय नवयुवक सुनील अहिरवार. दरअसल सुनिल ने छतरपुर में ऐसा हेलमेट बनाया है, जिसके पहनने के बाद ही बाइक स्टार्ट होगी. यानी हेलमेट की सेफ्टी के बिना आप बाइक की सवारी कर ही नहीं सकते और इस सिस्टम को किसी भी बाइक में लगाया जा सकता है, इसकी लागत भी बेहद कम है. आइए जानते हैं उस हेलमेट के बारे में सब कुछ.

खजुराहो के युवक ने बनाया अनोखा हेलमेट

अब बाइक नहीं होगी चोरी: सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर लोगों की मौत दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट न पहनने से होती हैं, जिसके चलते यह हेलमेट बेहद कारगर सिद्ध होंगा. इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी साथ ही हर व्यक्ति बिना हेलमेट लगाए बाइक नहीं चला सकेंगे. इससे बाइक की चाेरी की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगा, क्याेंकि इंजन खाेलकर सेंसर हटाए बिना बाइक स्टार्ट ही नहीं हाेगी. हेलमेट व बाइक में लगे सेंसर की रेंज बेहद कम है, इलके अलावा बाइक पर सवार होकर हेलमेट लगाने पर ही बाइक स्टार्ट होगी. बाइक से दूर खड़े होकर हेलमेट पहनने पर बाइक स्टार्ट नही होंगी.

कैसे काम करता है हेलमेट, क्या है कीमत: सुनील ने बताया कि, "मैंने हेलमेट में एक वायरलेस सेंसर लगाया है और एक 10 हजार MAH की बैटरी साथ ही बाइक में एक ट्रांसमीटर लगाया है और जिसका कनेक्शन बाइक की रिले से किया जो सीधे इंजन से कनेक्ट है, जैसे ही चालक हेलमेट लगाता है तो सेंसर एक्टिव हो जाता है जो सिग्नल सीधे इंजन को भेजता है. इसके बाद सेल्फ दबाने पर बाइक स्टार्ट हो जाती है, साथ ही इस डिवाइस की लागत बेहद कम है. 1000 रुपए की लागत से बना यह डिवाइज किसी भी बाइक में फिट हो सकता है."

इसनिए बनाई डिवाइस: सुनील ने बताया कि, " मेरा भाई राहुल अहिरवार का 3 साल पहले सागर जाते हुए सड़क दुर्घटना के शिकार हो गया था. मेरे लाख समझाने पर भी राहुल ने हेलमेट नहीं लगाया था, जिसके बाद उसके सिर में गम्भीर चोटें आई थीं, जो आज तक भर ना सकी हैं. इसी के बाद मैंने ठाना कि अब कुछ करके दिखाना है." सुनील का कहना है शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्राें व हाइवे पर सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हाे रही हैं, यातायात पुलिस व प्रशासन की ओर से प्रचार के बावजूद भी युवा वर्ग हेलमेट नहीं लगा रहा है.

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खजुराहो सांसद और वी डी शर्मा के सामने रखेगा डिवाइस: सुनील ने यह भी बताया कि अब वह अपने डिवाइस को सांसद खजुराहो एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा जी के खजुराहो आगमन पर उनके पास लेकर जायगा और उनसे सहायता मांगेगा, जिससे उसके हुनर को मंच मिल सके. सुनील के अब एक ऐसा डिवाइस बना रहा है जिससे बाइक की लोकेशन और बाइक की स्पीड का पता घर बेठे उनके परिजनों को प्राप्त हो सके.

आर्थिक परिस्थियों से जूझ रहा सुनील का परिवार: सुनील ने बताया कि, "मैंने 10वीं तक शिक्षा प्राप्त की है और आर्थिक तंगी के चलते मेरी पढ़ाई बंद हो गई थीं. मेरे पिता मजदूरी का काम करते है, जिसके चलते परिवार का भरण पोषण करना बेहद मुश्किल है. मेरी रुचि शुरू से इलेक्ट्रिक कामों में थी, छोटी-मोटी इलेक्ट्रोनिक उपकरण सुधारने वाली दुकानों में मैंने काम किया और फिर आईटीआई डिप्लोमा किया. फिलहाल मेरा परिवार आर्थिक परिस्थियों से जूझ रहा है, अब इस डिवाइस बनाने के बाद मेरे माता-पिता सरकार से सहायता की आश लगाए बैठे हैं."

छतरपुर/खजुराहो। प्रतिभावान लोग मुश्किलों के बाद भी अपने लिए मौके तैयार करते हैं. ऐसे ही चुनिंदा लोगो में से एक है खजुराहो जिले के बासारी ग्राम में रहने वाला 19 वर्षीय नवयुवक सुनील अहिरवार. दरअसल सुनिल ने छतरपुर में ऐसा हेलमेट बनाया है, जिसके पहनने के बाद ही बाइक स्टार्ट होगी. यानी हेलमेट की सेफ्टी के बिना आप बाइक की सवारी कर ही नहीं सकते और इस सिस्टम को किसी भी बाइक में लगाया जा सकता है, इसकी लागत भी बेहद कम है. आइए जानते हैं उस हेलमेट के बारे में सब कुछ.

खजुराहो के युवक ने बनाया अनोखा हेलमेट

अब बाइक नहीं होगी चोरी: सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर लोगों की मौत दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट न पहनने से होती हैं, जिसके चलते यह हेलमेट बेहद कारगर सिद्ध होंगा. इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी साथ ही हर व्यक्ति बिना हेलमेट लगाए बाइक नहीं चला सकेंगे. इससे बाइक की चाेरी की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगा, क्याेंकि इंजन खाेलकर सेंसर हटाए बिना बाइक स्टार्ट ही नहीं हाेगी. हेलमेट व बाइक में लगे सेंसर की रेंज बेहद कम है, इलके अलावा बाइक पर सवार होकर हेलमेट लगाने पर ही बाइक स्टार्ट होगी. बाइक से दूर खड़े होकर हेलमेट पहनने पर बाइक स्टार्ट नही होंगी.

कैसे काम करता है हेलमेट, क्या है कीमत: सुनील ने बताया कि, "मैंने हेलमेट में एक वायरलेस सेंसर लगाया है और एक 10 हजार MAH की बैटरी साथ ही बाइक में एक ट्रांसमीटर लगाया है और जिसका कनेक्शन बाइक की रिले से किया जो सीधे इंजन से कनेक्ट है, जैसे ही चालक हेलमेट लगाता है तो सेंसर एक्टिव हो जाता है जो सिग्नल सीधे इंजन को भेजता है. इसके बाद सेल्फ दबाने पर बाइक स्टार्ट हो जाती है, साथ ही इस डिवाइस की लागत बेहद कम है. 1000 रुपए की लागत से बना यह डिवाइज किसी भी बाइक में फिट हो सकता है."

इसनिए बनाई डिवाइस: सुनील ने बताया कि, " मेरा भाई राहुल अहिरवार का 3 साल पहले सागर जाते हुए सड़क दुर्घटना के शिकार हो गया था. मेरे लाख समझाने पर भी राहुल ने हेलमेट नहीं लगाया था, जिसके बाद उसके सिर में गम्भीर चोटें आई थीं, जो आज तक भर ना सकी हैं. इसी के बाद मैंने ठाना कि अब कुछ करके दिखाना है." सुनील का कहना है शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्राें व हाइवे पर सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हाे रही हैं, यातायात पुलिस व प्रशासन की ओर से प्रचार के बावजूद भी युवा वर्ग हेलमेट नहीं लगा रहा है.

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खजुराहो सांसद और वी डी शर्मा के सामने रखेगा डिवाइस: सुनील ने यह भी बताया कि अब वह अपने डिवाइस को सांसद खजुराहो एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा जी के खजुराहो आगमन पर उनके पास लेकर जायगा और उनसे सहायता मांगेगा, जिससे उसके हुनर को मंच मिल सके. सुनील के अब एक ऐसा डिवाइस बना रहा है जिससे बाइक की लोकेशन और बाइक की स्पीड का पता घर बेठे उनके परिजनों को प्राप्त हो सके.

आर्थिक परिस्थियों से जूझ रहा सुनील का परिवार: सुनील ने बताया कि, "मैंने 10वीं तक शिक्षा प्राप्त की है और आर्थिक तंगी के चलते मेरी पढ़ाई बंद हो गई थीं. मेरे पिता मजदूरी का काम करते है, जिसके चलते परिवार का भरण पोषण करना बेहद मुश्किल है. मेरी रुचि शुरू से इलेक्ट्रिक कामों में थी, छोटी-मोटी इलेक्ट्रोनिक उपकरण सुधारने वाली दुकानों में मैंने काम किया और फिर आईटीआई डिप्लोमा किया. फिलहाल मेरा परिवार आर्थिक परिस्थियों से जूझ रहा है, अब इस डिवाइस बनाने के बाद मेरे माता-पिता सरकार से सहायता की आश लगाए बैठे हैं."

Last Updated : Sep 11, 2022, 5:39 PM IST
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