छतरपुर। बागेश्वर धाम से फिर एक लड़की गायब हो गई है. कानपुर से 4 दिन पहले बागेश्वर धाम ये लड़की आई थी. इस युवती की मां का रो-रोकर बुरा हाल है. मां का कहना है कि सबको बताया है, कोई नहीं सुन रहा है. महिला का कहना है कि वह कानपुर से आई है. एक साल से आ रही हूं. गुरुजी से अभी तक नहीं मिल पा रही हूं. पांचवीं बार लड़की की पेशी आ गई है. लड़की का दिमाग डिस्टर्ब है. हमारी लड़की चार दिन से गायब है. नहीं मिल रही है. महिला ने व्यथा सुनाते हुए कहा है कि पुलिस बोलती है कि बमीठा थाने में जाकर सूचना दो, लेकिन जब बाहर की पुलिस यहां लगी है तो मैं बमीठा क्यों जाऊं. लड़की की मां ने रोते हुए बताया है कि वह फोटो लिए दर-दर भटक रही. उसकी फरियाद कोई नहीं सुन रहा है.
बागेश्वर धाम और कुबरेश्वर धाम में मौतें : बता दें कि मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम और कुबरेश्वर धाम में हो रही मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. बीते दिनों 3 से 4 श्रद्धालुओं की मौत दोनों धामों में हुई है और कई भक्त लापता भी बताए जा रहे हैं. रविवार को बागेश्वर धाम से एक और मौत का मामला सामने आया है, जहां राजस्थान की रहने वाली 10 साल की बच्ची की धाम में मौत हो गई. हादसे के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बच्ची के परिजनों से कहा कि, "ले जाओ बच्ची शांत हो गई है." इस तरह की घट रही घटना को लेकर अब धामों के व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
चमत्कार का नाम सुनकर आए थे : 10 साल की बच्ची विष्णु कुमारी पिता बुधराम, अपनी मां धम्मू देवी और मामी गुड्डी के साथ बाड़मेर से 17 फरवरी को बागेश्वर धाम आई थी. परिजनों के मुताबिक बच्ची को मिर्गी के दौरे आते थे, उन्होंने यहां के चमत्कार को सुना तो वे उसे लेकर बागेश्वर धाम लाए. जैसे ही बाबाजी ने उसे भभूत लगाया, वैसे ही बच्ची शात हो गई. जिसके बाद बाबाजी ने कहा कि, ले जाओ बच्ची शांत हो गई. मृतक बच्ची के परिजनों का कहना है कि, "शनिवार पूरी रात बच्ची को मिर्गी के दौरे आए, जिसकी वजह से वो रातभर जागी रही. रविवार दोपहर उसने जब आंखें बंद की और शरीर में कोई हलचल नहीं हुई तो हम उसे अस्पताल लेकर आए. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया."