ETV Bharat / state

जमीन पर जननी, पॉलिथीन पर नवजात, ऐसा है छतरपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का हाल - जिला चिकित्सा अधिकारी

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के हालात इतने बदतर हैं, कि ज्यादातर अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं खुद ही वेंटिलेटर पर पहुंच चुकी हैं. ऐसे में प्रदेश और केंद्र सरकार के तमाम वादे और दावे कागजों पर ही नजर आ रहे हैं.

जमीन पर पॉलीथिन पर सोया नवजात
author img

By

Published : Jul 8, 2019, 10:05 PM IST

छतरपुर। बुंदेलखंड के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही है. स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लाख दावे करने वाली सरकार की जमीनी हकीकत छतरपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में देखने को मिली. जहां डिलेवरी के बाद मां जमीन पर तो बच्चे को पॉलीथिन पर लिटा दिया है. मामले की गंभीरता देखते हुए जिला चिकित्सा अधिकारी ने जांच की बात कही है.

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के हालात इतने बदतर हैं, कि ज्यादातर अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं खुद ही वेंटिलेटर पर पहुंच चुकी हैं. ऐसे में प्रदेश और केंद्र सरकार के तमाम वादे और दावे कागजों पर ही नजर आ रहे हैं. छतरपुर के सरकारी अस्पताल की तस्वीरें साफ बयां कर रही हैं किस तरह पिछली और वर्तमान सरकार के दावे पूरे किए जा रहे हैं. जहां जन्म के बाद गर्भवती महिलाओं और उसके नवजात को अस्पताल में अच्छा बिस्तर दूर एक पलंग भी नसीब नहीं है.

सरकारी अस्पताल का हाल बेहाल


ऐसे में जन्म के बाद नवजात को पॉलिथीन तो जन्म देने वाली मां को फर्श पर ही सोना पड़ रहा है. जबकि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में पहली दीर्घकालिक महिला वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की बात कही है. जबकि जन्म के तुरंत बाद नवजात को जमीन पर सुलाने से कई तरह के इंफेक्शन का डर रहता है. गौर करने वाली बात यह है, कि अस्पताल भर्ती पीड़िता का कहना है कि वो पॉलीथिन भी वे घर से लेकर आए थे. पीड़िता के पति गोकुल का कहना है कि उसके यहां एक हफ्ते पहले बेटा हुआ है, जो पहले स्वस्थ था. लेकिन अब बच्चे को पीलिया हो गया है. वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी बीएस वाजपेयी ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.

छतरपुर। बुंदेलखंड के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही है. स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लाख दावे करने वाली सरकार की जमीनी हकीकत छतरपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में देखने को मिली. जहां डिलेवरी के बाद मां जमीन पर तो बच्चे को पॉलीथिन पर लिटा दिया है. मामले की गंभीरता देखते हुए जिला चिकित्सा अधिकारी ने जांच की बात कही है.

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के हालात इतने बदतर हैं, कि ज्यादातर अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं खुद ही वेंटिलेटर पर पहुंच चुकी हैं. ऐसे में प्रदेश और केंद्र सरकार के तमाम वादे और दावे कागजों पर ही नजर आ रहे हैं. छतरपुर के सरकारी अस्पताल की तस्वीरें साफ बयां कर रही हैं किस तरह पिछली और वर्तमान सरकार के दावे पूरे किए जा रहे हैं. जहां जन्म के बाद गर्भवती महिलाओं और उसके नवजात को अस्पताल में अच्छा बिस्तर दूर एक पलंग भी नसीब नहीं है.

सरकारी अस्पताल का हाल बेहाल


ऐसे में जन्म के बाद नवजात को पॉलिथीन तो जन्म देने वाली मां को फर्श पर ही सोना पड़ रहा है. जबकि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में पहली दीर्घकालिक महिला वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की बात कही है. जबकि जन्म के तुरंत बाद नवजात को जमीन पर सुलाने से कई तरह के इंफेक्शन का डर रहता है. गौर करने वाली बात यह है, कि अस्पताल भर्ती पीड़िता का कहना है कि वो पॉलीथिन भी वे घर से लेकर आए थे. पीड़िता के पति गोकुल का कहना है कि उसके यहां एक हफ्ते पहले बेटा हुआ है, जो पहले स्वस्थ था. लेकिन अब बच्चे को पीलिया हो गया है. वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी बीएस वाजपेयी ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.

Intro:बुंदेलखंड के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही है छतरपुर जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के बाद जच्चा एवं बच्चे को जमीन पर लिटाने का मामला सामने आया है!

मामले की गंभीरता को समझते हुए छतरपुर जिले के जिला चिकित्सा अधिकारी ने जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है!


Body:जमीन पर जननी और पॉलिथीन पर नवजात यह तस्वीरें तमाचा है प्रदेश के उस स्वास्थ्य सिस्टम पर जिसके नाम पर केंद्र एवं राज्य सरकार एक करोड़ों रूपए खर्च कर बेहतर बनाने का दावा कर रही है!


मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं स्वास्थ्य सेवाओं के हालात इतने बदतर हैं कि ज्यादातर अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं खुद वेंटिलेटर पर हैं ऐसे में प्रदेश एवं केंद्र सरकार के तमाम वादे और दावे कागजो पर ही नजर आ रहे हैं!

प्रदेश की जिन स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए प्रदेश एवं केंद्र सरकारें करोड़ों रुपए खर्च कर उन्हें सुधारने का वादा और दावा करती है हकीकत में इन तमाम वादे एवं दावों के ठीक विपरीत है!

तस्वीरों में नवजात शिशु एवं गर्भवती महिलाओं को आप देख रहे हैं यह तस्वीरें छतरपुर जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल की हैं जहां जन्म के बाद गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशु को अस्पताल में पलंग तो दूर सरकारी गधे तक नसीब नहीं हो रहे हैं ऐसे में जन्म के बाद शिशु को पॉलिथीन तो जन्म देने वाली मां को फर्श पर ही सोना पड़ रहा है!

तस्वीरें उस वक्त और भी खास हो जाती हैं जब देश की पहली दीर्घकालिक महिला वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की बात कही है! लेकिन छतरपुर जिले का अस्पताल खुद बीमार है जन्म के बाद जन्म देने वाली माता एवं नवजात शिशु को जमीन पर ही लेटा दिया जाता है फिर चाहे उन्हें किसी अनचाही बीमारी होने का डर क्यों ना बना रहे!

पास के ही गांव से आए गोकुल बताते हैं कि 1 हफ्ते से उनका बच्चा और उनकी बीवी पॉलिथीन पर ही लेट रहे हैं और यह पॉलिथीन वह अपने घर से लाए थे गोकुल का कहना है कि 1 हफ्ते पहले जब उसकी बीवी ने बच्चे को जन्म दिया था तो वह पूरी तरह से स्वस्थ था लेकिन अब डॉक्टर बता रहे हैं कि उसे पीलिया हो गया है!

बाइट_गोकुल_गर्भवती महिला का पति

वहीं मामले की गंभीरता को समझते हुए छतरपुर जिले के शिक्षा अधिकारी बीएस बाजपेई ने जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है अगर ऐसी कोई बात निकल कर सामने आती है तो निश्चित तौर पर कार्यवाही की जाएगी!

बाइट_वीएस बाजपेई_जिला चिकित्सा अधिकारी





Conclusion:छतरपुर जिले का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल अपनी बिगड़ती स्वास्थ्य सेवाओं एवं लापरवाही के चलते हमेशा ही सुर्खियों पर रहा है एक बार फिर गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को लेकर बड़ी लापरवाही निकल कर सामने आई है! जो निश्चित तौर पर प्रदेश के स्वास्थ्य सिस्टम पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है!
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.