छतरपुर। जिले के शासकीय अस्पताल में एकमात्र फिजियोथैरेपी विभाग की हालत बदहाल बनी हुई है. आलम यह विभाग में न तो उचित मात्रा में मशीनें हैं और न ही विभाग की देखरेख ठीक से हो रही है. यहां रखी मशीनों में जंग लग रही है, विभाग के डॉक्टर का कहना है कि वह मरीजों के इलाज करना चाहते हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन और अन्य अधिकारी उनका सहयोग नहीं करते.
छतरपुर जिला अस्पताल में लगभग सभी विभाग नए अस्पताल में शिफ्ट हो गए हैं, लेकिन फिजियोथैरेपी विभाग अब भी पुराने अस्पताल में ही जस का तस चल रहा है. जहां न तो ठीक से उसकी देखरेख की जा रही है और न ही वहां पर्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं. विभागीय डॉक्टर अरुण गुप्ता कहना है कि वह चाहते है कि मरीजों का इलाज हो लेकिन सहयोग न मिलने से यह संभव नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो मशीनें फिजियोथैरेपी विभाग में होनी चाहिए नहीं हैं. कई बार अधिकारियों के कहने और बोलने के बाद भी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
वहीं इस पूरे मामले में एसडीएम प्रेम सिंह चौहान कहना है कि इस मामले में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों से बात की जाएगी. अगर ऐसा कोई मामला है तो निश्चित ही इस समस्या को हल कर दिया जाएगा. अब अधिकारी कुछ भी कहे फिलहाल तो छतरपुर जिला अस्पताल का फिजियोथैरिपी विभाग अपनी बदहाली पर आंसू बहाता नजर आ रहा है.