छतरपुर। मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में एक बुंदेलखंड की खुजराहो लोकसभा सीट प्रदेश की तीन जिलों पन्ना, कटनी और छतरपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों से मिलकर बनती है. इस सीट से चुनाव जीतने वाले नेताओं ने प्रदेश और देश की राजनीति में एक अलग मुकाम बनाया है. यही वजह है कि इस सीट पर सबकी निगाहें टिकी रहती हैं. खुजराहो लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है. इस बार इस सीट पर बीजेपी के बीडी शर्मा का मुकाबला कांग्रेस की महिला प्रत्याशी कविता सिंह से हैं.
अगर बात खजुराहो संसदीय क्षेत्र के इतिहास की जाए तो कभी कांग्रेस की दबदबे वाली इस सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ नजर आती है. 1957 से यहां अब तक कुल 12 आम चुनाव हुए हैं. जिनमें से सात बार बीजेपी को जीत मिली है तो चार बार कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है. जबकि एक बार लोकदल के प्रत्याशी को जीत मिली है. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और उमा भारती इस सीट से लगातार लोकसभा चुनाव जीती थी. पिछले दो चुनावों में बीजेपी यहां हर बार प्रत्याशी बदलती रही, लेकिन उसकी जीत का सिलसिला बरकार रहा हैं.
खजुराहो लोकसभा सीट पर इस बार 17 लाख 2 हजार 833 मतदान करेंगे, जिनमें से 9 लाख 7 हजार 340 पुरुष मतदाता और 7लाख 95 हजार 472 महिला मतदाता शामिल है. खजुराहो लोकसभा सीट के तहत पन्ना, पवई, गुन्नौर, मुड़वारा, बहोरीबंद, विजयराघवगढ़, चांदला और राजनगर विधानसभा सीटें आती है. विधानसभा चुनाव में इन आठ सीटों में से 6 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी, तो दो सीटों पर कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया था.
2014 के आम चुनाव में बीजेपी के नागेंद्र सिंह ने कांग्रेस के राजा पटेरिया को 2 लाख से भी ज्यादा मतों से हराया था. लेकिन नागेंद्र सिंह के विधानसभा चुनाव जीतने की वजह से बीजेपी ने इस बार खजुराहो में संघ के करीबी बीडी शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने राजनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नातीराजा की पत्नी कविता सिंह को टिकट दिया जो राजनगर राजघराने से आती हैं.
इस बार इस सीट पर दोनों ही पार्टियों ने नए चेहरे को मैदान में उतारा है, खास बात यह है कि तीनों जिलों में फैली होने के वजह इस सीट के हर विधानसभा सीट के अपने अलग-अलग मुद्दे और अलग-अलग सियासी समीकरण है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि खुजराहो का मतदाता इस बार बीडी शर्मा और कविता सिंह में से किस पर अपना दांव लगाता है.