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आदिवासी युवती ने कलेक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु , नौकरी नहीं मिलने से है परेशान

छतरपुर में एक आदिवासी युवती केश कला आदिवासी ने कलेक्टर को आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. युवती का आरोप है कि उसकी नौकरी गांव की ही एक अन्य महिला ने हथिया ली है.

आदिवासी युवती
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Published : Oct 23, 2019, 1:45 AM IST

छतरपुर। कर्री गांव की रहने वाली एक आदिवासी युवती ने छतरपुर कलेक्टर को आवेदन देते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है. आवेदन में आदिवासी युवती ने लिखा है कि उसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में उपयुक्त माना गया था, लेकिन गांव में ही रहने वाली सविता तिवारी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हथिया ली.

आदिवासी युवती ने की इच्छा मृत्यु की मांग

पीड़ित केश कला आदिवासी का आरोप है कि गांव में आंगनवाड़ी की नौकरी में उसके ही अंक सबसे अधिक हैं. लेकिन गांव में ही रहने वाली एक अन्य महिला सविता तिवारी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हथिया ली. हालांकि सागर कोर्ट ने केश कला आदिवासी को क्लीन चिट देते हुए नौकरी करने के आदेश भी दिए थे. लेकिन वर्तमान कलेक्टर रमेश भंडारी ने उचित कार्रवाई ना करते हुए सविता तिवारी को निरंतर नौकरी में रखा.

पीड़ित का आरोप है कि वह पिछले कई सालों से कोर्ट और कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा लगा रही है. खुद की नौकरी के लिए हो रही परेशानियों के कारण उसने इच्छा मृत्यु की मांग की है. केश कला आदिवासी ने बताया कि छतरपुर कलेक्टर मोहित बुंदास ने उसे हर संभव मदद देने की बात कही है. वह कुछ दिन और कलेक्टर की बात को मानते हुए इंतजार करेगी.

मामले में कलेक्टर मोहित बुंदास का कहना है कि सारी कायनात भी केश कला आदिवासी का बुरा करना चाहेगी तो नहीं कर पाएगी. वह उसकी हर संभव मदद करने की कोशिश करेंगे. हालांकि कलेक्टर मोहित बुंदास ने कैमरे के सामने आकर कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया. मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला आंगनबाड़ी भर्ती से जुड़ा हुआ है. दो नंबर को लेकर केश कला आदिवासी ने केस दायर किया था, मामला अभी न्यायालय में है जल्द ही फैसला हो जाएगा.

छतरपुर। कर्री गांव की रहने वाली एक आदिवासी युवती ने छतरपुर कलेक्टर को आवेदन देते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है. आवेदन में आदिवासी युवती ने लिखा है कि उसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में उपयुक्त माना गया था, लेकिन गांव में ही रहने वाली सविता तिवारी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हथिया ली.

आदिवासी युवती ने की इच्छा मृत्यु की मांग

पीड़ित केश कला आदिवासी का आरोप है कि गांव में आंगनवाड़ी की नौकरी में उसके ही अंक सबसे अधिक हैं. लेकिन गांव में ही रहने वाली एक अन्य महिला सविता तिवारी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हथिया ली. हालांकि सागर कोर्ट ने केश कला आदिवासी को क्लीन चिट देते हुए नौकरी करने के आदेश भी दिए थे. लेकिन वर्तमान कलेक्टर रमेश भंडारी ने उचित कार्रवाई ना करते हुए सविता तिवारी को निरंतर नौकरी में रखा.

पीड़ित का आरोप है कि वह पिछले कई सालों से कोर्ट और कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा लगा रही है. खुद की नौकरी के लिए हो रही परेशानियों के कारण उसने इच्छा मृत्यु की मांग की है. केश कला आदिवासी ने बताया कि छतरपुर कलेक्टर मोहित बुंदास ने उसे हर संभव मदद देने की बात कही है. वह कुछ दिन और कलेक्टर की बात को मानते हुए इंतजार करेगी.

मामले में कलेक्टर मोहित बुंदास का कहना है कि सारी कायनात भी केश कला आदिवासी का बुरा करना चाहेगी तो नहीं कर पाएगी. वह उसकी हर संभव मदद करने की कोशिश करेंगे. हालांकि कलेक्टर मोहित बुंदास ने कैमरे के सामने आकर कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया. मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला आंगनबाड़ी भर्ती से जुड़ा हुआ है. दो नंबर को लेकर केश कला आदिवासी ने केस दायर किया था, मामला अभी न्यायालय में है जल्द ही फैसला हो जाएगा.

Intro: छतरपुर जिले के कर्री गांव से आई एक आदिवासी युवती ने छतरपुर कलेक्टर को आवेदन देते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है आवेदन दे आदिवासी युवती ने लिखा है कि उसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में उपयुक्त माना गया था लेकिन गांव में ही रहने वाली एक महिला ने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हथिया ली!


Body:छतरपुर जिले के कर्री गांव से आई आदिवासी युवती केस कला छतरपुर कलेक्टर मोहित बुंदास को आवेदन देते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है किस कला आदिवासी का कहना है कि कई सालों पहले उसकी नियुक्ति आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में हुई थी लेकिन गांव की ही सविता तिवारी ने फर्जी दस्तावेजों को लगाते हुए नौकरी पाली केश कला आदिवासी का कहना है कि गांव में आंगनवाड़ी की नौकरी में उसके ही अंक सबसे अधिक है लेकिन गांव में ही रहने वाली एक अन्य महिला ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हथिया ली हालांकि सागर कोर्ट ने केश कला आदिवासी को क्लीन चिट देते हुए नौकरी करने के आदेश भी दिए थे लेकिन वर्तमान कलेक्टर रमेश भंडारी ने उचित कार्यवाही न करते हुए सविता तिवारी को निरंतर नौकरी में रखा!

केश कला आदिवासी की मानें तो वह पिछले कई सालों से कोर्ट एवं कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा लगा कर थक गई है खुद की नौकरी के लिए उसे इतना परेशान होना पड़ रहा है इसीलिए उसने इच्छा मृत्यु की मांग की है केश कला आदिवासी का कहना है कि छतरपुर कलेक्टर ने उसे हर संभव मदद देने की बात कही है वह कुछ दिन और कलेक्टर साहब की बात को मानते हुए इंतजार करेगी!

बाइट_केशकला आदिवासी _पीड़ित युवती

वहीं मामले में कलेक्टर मोहित बुंदास का कहना है कि सारी कायनात भी केश कला आदिवासी का बुरा करना चाहेगी तो नहीं कर पाएगी मैं उसकी हर संभव मदद करने की कोशिश करूंगा!

हालांकि कलेक्टर महोदय ने कैमरे के सामने आकर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया जो हमने मामले में एडीएम प्रेम सिंह चौहान से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला आंगनबाड़ी भर्ती से जुड़ा हुआ है दो नंबर को लेकर केश कला आदिवासी ने केस दायर किया था मामला न्यायालय में है जल्द ही फैसला हो जाएगा!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान




Conclusion: इच्छा मृत्यु की मांग करने वाली एवं आत्मदाह के लिए सुकृति मांगने वाली केश कला आदिवासी को छतरपुर कलेक्टर ने लगभग 1 घंटे तक समझाया और उसे कई प्रेरणादायक बातें भी करते रहे छतरपुर कलेक्टर चाह रहे थे कि केश कला आदिवासी किसी ना किसी तरह से अपना आवेदन वापस ले ले और आखिरकार छतरपुर कलेक्टर ने उस युवती को समझा-बुझाकर मना लिया!
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