भोपाल। मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में लोकतंत्र का महापर्व शुरू होने में कुछ ही घंटे बचे हैं. हर मतदाता लोकतंत्र के हवन में अपनी आहुति डालने के लिए तैयार है. आखिरी चरण में 8 संसदीय क्षेत्रों इंदौर, खंडवा, खरगोन, देवास, रतलाम, उज्जैन, धार और मंदसौर के एक करोड़ 49 लाख 13 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और एक-एक कर चुनाव लड़ रहे 82 प्रत्याशियों की सियासी किस्मत को ईवीएम में कैद करेंगे.
इन आठ सीटों में रतलाम को छोड़कर बाकी सभी सात सीटें भगवामय हैं, जबकि यहां ताल ठोक रहे सियासी महारथियों में निमाड़ की खंडवा लोकसभा सीट पर सबसे कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. जहां बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव से है, जहां दोनों दूसरी बार एक दूसरे को पटखनी देने की जोर अजामाइश कर रहे हैं. लिहाजा पूरे प्रदेश की नजरें इस सीट पर टिकी हैं.
वहीं, इंदौर लोकसभा सीट पर आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन के नहीं होने से बीजेपी के शंकर लालवानी और कांग्रेस के पंकज संघवी में कांटे की टक्कर दिख रही है, जबकि रतलाम से कांग्रेस के मजबूत झंडाबरदार कांतिलाल भूरिया बीजेपी के गुमान सिंह डामोर का गुमान तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते क्योंकि डामोर ने विधानसभा चुनाव में उनके बेटे विक्रांत को हराया था. जिससे ये मालवाचंल की हाई प्रोफाइल सीट बनी हुई है.
संघ की नर्सरी माने जाने वाले मंदसौर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस की मीनाक्षी नटराजन का मुकाबला बीजेपी के सुधीर गुप्ता से है. मीनाक्षी ने इस सीट से लगातार आठ बार सांसद रहे लक्ष्मीनारायण पाण्डेय को हराकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन 2014 की मोदी लहर में उन्हें सुधीर गुप्ता के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भी दोनों दिग्गजों में मुकाबला दिलचस्प नजर आ रहा है.
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के सियासी घमासान में बीजेपी-कांग्रेस में तलवारें खिचीं हुई हैं. यहां बीजेपी के अनिल फिरोजिया राजनीतिक अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं तो कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय फिरोजिया को चित करने के लिए हर दांव आजमा रहे हैं. देवास लोकसभा सीट पर भी मुकाबला कड़ा नजर आ रहा है. जहां कांग्रेस प्रत्याशी कबीर भजन गायक प्रहलाद टिपनिया का सामना बीजेपी के महेंद्र सोलंकी से है.
निमाड़ अंचल की खरगोन सीट पर बीजेपी और कांग्रेस ने नए प्रत्याशियों पर दांव लगाया है. जहां बीजेपी के गजेंद्र पटेल का मुकाबला कांग्रेस के गोविंद मुजाल्दा से है. इस सीट पर आदिवासी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जबकि जयस भी प्रभावी साबित हो सकता है. धार संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने सावित्री ठाकुर का टिकट काटकर दो बार के सांसद रहे छतर सिंह दरबार को सियासी पिच पर बैटिंग करने का मौका दिया है तो कांग्रेस की तरफ दिनेश गिरवाल छतर सिंह का विकेट उड़ाने के लिए हर बाल यार्कर की तरह फेक रहे हैं.
इन आठ क्षेत्रों के मतदाता सभी प्रत्याशियों के सियासी किस्मत को मतदाता ईवीएम में कैद कर देंगे, जिसका परिणाम 23 मई को आयेगा. बीजेपी जहां विधानसभा चुनाव में मालवा-निमाड़ के रुप में अपने गंवाये गढ़ पर दोबारा फतह करने की जुगत में है तो कांग्रेस भोपाल के बाद दिल्ली दरबार में भी दस्तक देने की तैयारी में है. जिस पर फाइनल मुहर 23 मई को चुनावी नतीजे ही लगाएंगे.