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नकुलनाथ को हाईकोर्ट से मिली राहत, IMT जमीन आवंटन निरस्त करने के फैसले पर लगाई रोक

सीएम कमलनाथ के सांसद बेटे नकुलनाथ को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. यूपी सरकार द्वारा नकुलनाथ की अध्यक्षता वाली आईएमटी इंस्टीट्यूट के जमीन आवंटन को निरस्त किए जाने के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया.

सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ
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Published : Jun 7, 2019, 7:37 PM IST

भोपाल। यूपी के गाजियाबाद में सीएम कमलनाथ के सांसद बेटे नकुलनाथ की अध्यक्षता वाली आईएमटी इंस्टीट्यूट के जमीन आवंटन को निरस्त किए जाने के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया. यूपी प्रदेश सरकार द्वारा इंस्टीट्यूट के जमीन आवंटन को निरस्त किए जाने के बाद नकुलनाथ की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

नकुलनाथ को हाईकोर्ट से मिली राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद गाजियाबाद में करीब 40 साल से संचालित आईएमटी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की मुश्किलें कम हो गई हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की बेंच ने दो दिन की सुनवाई के बाद गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी के एक महीने में जारी नोटिस और आदेश अगली सुनवाई तक स्थगित कर दिए हैं. इस पूरे मामले में आईएमटी गाजियाबाद की तरफ से वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा के तर्कों को न्याय संगत पाते हुए स्थगन आदेश दिया है.

विवेक तन्खा ने तर्क दिया था कि 30- 40 साल पुरानी गलतियों को मुद्दा बनाकर देश की एक जानी-मानी इंस्टीट्यूट के एनओसी और नक्शों को रद्द नहीं किया जा सकता है. बल्कि उन्हें गलती सुधारने का मौका दिया जाना चाहिए. जबकि पूरे मामले में राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि जमीन आवंटन में आईएमटी को 75 करोड़ रूपया डिपाजिट करना चाहिए. जिसे कोर्ट ने न्यासंगत न मानते हुए सरकार के पक्ष के तर्क को स्वीकार नहीं करते हुए अगले आदेशों तक इस पर रोक लगा दी है.

भोपाल। यूपी के गाजियाबाद में सीएम कमलनाथ के सांसद बेटे नकुलनाथ की अध्यक्षता वाली आईएमटी इंस्टीट्यूट के जमीन आवंटन को निरस्त किए जाने के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया. यूपी प्रदेश सरकार द्वारा इंस्टीट्यूट के जमीन आवंटन को निरस्त किए जाने के बाद नकुलनाथ की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

नकुलनाथ को हाईकोर्ट से मिली राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद गाजियाबाद में करीब 40 साल से संचालित आईएमटी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की मुश्किलें कम हो गई हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की बेंच ने दो दिन की सुनवाई के बाद गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी के एक महीने में जारी नोटिस और आदेश अगली सुनवाई तक स्थगित कर दिए हैं. इस पूरे मामले में आईएमटी गाजियाबाद की तरफ से वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा के तर्कों को न्याय संगत पाते हुए स्थगन आदेश दिया है.

विवेक तन्खा ने तर्क दिया था कि 30- 40 साल पुरानी गलतियों को मुद्दा बनाकर देश की एक जानी-मानी इंस्टीट्यूट के एनओसी और नक्शों को रद्द नहीं किया जा सकता है. बल्कि उन्हें गलती सुधारने का मौका दिया जाना चाहिए. जबकि पूरे मामले में राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि जमीन आवंटन में आईएमटी को 75 करोड़ रूपया डिपाजिट करना चाहिए. जिसे कोर्ट ने न्यासंगत न मानते हुए सरकार के पक्ष के तर्क को स्वीकार नहीं करते हुए अगले आदेशों तक इस पर रोक लगा दी है.

Intro:भोपाल। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ की अध्यक्षता वाली आईएमटी इंस्टीट्यूट मैं जमीन आवंटन निरस्त किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है। हाल ही में इस जमीन आवंटन को निरस्त कर दिया गया था।जिसके खिलाफ आईएमटी इंस्टीट्यूट इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।


Body:उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में करीब 40 साल से संचालित आईएमटी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की मुश्किलें कम हो गई हैं। गुरुवार को जिला इलाहाबाद हाई कोर्ट के दो न्यायाधीशों की बेंच ने 2 दिन की सुनवाई के बाद गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी के एक महीने में जारी नोटिस और आदेश अगली सुनवाई तक स्थगित कर दिए हैं। हाईकोर्ट में आईएमटी गाजियाबाद की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विवेक तंखा के तर्कों को न्याय संगत पाते हुए स्थगन आदेश दिया है। विवेक तंखा ने तर्क दिया था कि 30- 40 साल पुरानी गलतियों को मुद्दा बनाकर देश की एक जानी-मानी इंस्टीट्यूट के एनओसी और नक्शों को रद्द नहीं किया जा सकता है, बल्कि गलती सुधारने का मौका दिया जाना चाहिए।


Conclusion:इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष के तर्क को स्वीकार नहीं किया। इसमें कहा गया था कि आईएमटी को 75 करोड़ रूपया डिपाजिट करना चाहिए। कोर्ट ने न्याय संगत माना कि इस स्थिति में मात्र 5 करोड़ रूपया ही 15 जुलाई तक जमा किए जाएं। कोर्ट ने राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि आईएमटी कि प्रशासन के आवेदन पर सुनवाई कर आईएमटी के रेगुलराइजेशन के तर्क को माना जाए।अगली सुनवाई तक सभी नोटिस और आदेशों को स्थगित कर दिया गया है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसे न्याय की जीत बताया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि आईएमटी गाजियाबाद के मामले में प्रशासन ने एकपक्षीय कार्रवाई की थी। इस के संदर्भ में उच्च न्यायालय इलाहाबाद से स्थगन मिल गया है। न्याय की जीत हुई है,राजनीतिक द्वेष पूर्ण कार्रवाई नहीं होना चाहिए। इसलिए न्यायालय ने से समझा और स्थगन दिया है।
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