भोपाल। यूपी के गाजियाबाद में सीएम कमलनाथ के सांसद बेटे नकुलनाथ की अध्यक्षता वाली आईएमटी इंस्टीट्यूट के जमीन आवंटन को निरस्त किए जाने के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया. यूपी प्रदेश सरकार द्वारा इंस्टीट्यूट के जमीन आवंटन को निरस्त किए जाने के बाद नकुलनाथ की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद गाजियाबाद में करीब 40 साल से संचालित आईएमटी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की मुश्किलें कम हो गई हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की बेंच ने दो दिन की सुनवाई के बाद गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी के एक महीने में जारी नोटिस और आदेश अगली सुनवाई तक स्थगित कर दिए हैं. इस पूरे मामले में आईएमटी गाजियाबाद की तरफ से वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा के तर्कों को न्याय संगत पाते हुए स्थगन आदेश दिया है.
विवेक तन्खा ने तर्क दिया था कि 30- 40 साल पुरानी गलतियों को मुद्दा बनाकर देश की एक जानी-मानी इंस्टीट्यूट के एनओसी और नक्शों को रद्द नहीं किया जा सकता है. बल्कि उन्हें गलती सुधारने का मौका दिया जाना चाहिए. जबकि पूरे मामले में राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि जमीन आवंटन में आईएमटी को 75 करोड़ रूपया डिपाजिट करना चाहिए. जिसे कोर्ट ने न्यासंगत न मानते हुए सरकार के पक्ष के तर्क को स्वीकार नहीं करते हुए अगले आदेशों तक इस पर रोक लगा दी है.