भोपाल। राजधानी के कोलार क्षेत्र को एक बार फिर नगर पालिका बनाने की कवायद शुरू हो गयी है. पांच साल पहले कोलार को नगर निगम भोपाल में जोड़ा गया था, लेकिन अब फिर से इसे नगर पालिका बनाया जा रहा है. कोलार से 6 वार्डों को अलग करके नगर पालिका का गठन किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 30 मार्च तक पूरी होने की बात कही जा रही है.
पांच साल पहले बीजेपी की सरकार में कोलार नगरपालिका का विलय भोपाल नगर निगम में किया गया था. इस विलय का उद्देश्य केवल यही था कि कोलार क्षेत्र का तेजी से विकास हो. यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए विशेष पैकेज देने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, लेकिन यहां के लोगों का मानना है कि कोलार क्षेत्र में निवेश और जल आपूर्ति की समस्या अभी भी कायम है. फिलहाल कोलार क्षेत्र की कुल आबादी 1.15 लाख के आसपास है.
भोपाल नगर निगम से कोलार को फिर से नगर पालिका बनाए जाने के फैसले को कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने एक अच्छा निर्णय बताया है. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुये कहा कि इस नगर-निगम में शामिल होने के बाद भी कोलार क्षेत्र विकास की दौड़ पिछड़ गया, क्योंकि महापौर आलोक शर्मा ने इस क्षेत्र में जाने से हमेशा ही परहेज किया है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ा है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका बनाये जाने से कोलार क्षेत्र का विकास तेजी से हो सकेगा, जबकि कोलार क्षेत्र के कर्मचारियों ने भी कोलार को नगर पालिका बनाए जाने का सर्मथन किया है.
कोलार क्षेत्र के लोगों का मानना है कि कोलार में आज भी मूलभूत समस्यायएं हैं. कोलार फिर से नगर पालिका बनेगा, तो यहां लगभग 30 पार्षद हो जाएंगे और वार्डों का क्षेत्रफल भी छोटा हो जायेगा. इस कार्य के लिये 28 फरवरी को दावे-आपत्तियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.