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भोपालः कोलार क्षेत्र को फिर से बनाया जाएगा नगर पालिका, मार्च तक पूरी हो सकती है प्रक्रिया - नगर पालिका

राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र को फिर से बनाया जायेगा नगर पालिका, कोलार से 6 वार्डों को अलग करके नगर पालिका का गठन किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 30 मार्च तक पूरी होने की बात कही जा रही है.

कोलार क्षेत्र
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Published : Feb 23, 2019, 11:38 PM IST

Updated : Feb 24, 2019, 12:46 AM IST

भोपाल। राजधानी के कोलार क्षेत्र को एक बार फिर नगर पालिका बनाने की कवायद शुरू हो गयी है. पांच साल पहले कोलार को नगर निगम भोपाल में जोड़ा गया था, लेकिन अब फिर से इसे नगर पालिका बनाया जा रहा है. कोलार से 6 वार्डों को अलग करके नगर पालिका का गठन किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 30 मार्च तक पूरी होने की बात कही जा रही है.

पांच साल पहले बीजेपी की सरकार में कोलार नगरपालिका का विलय भोपाल नगर निगम में किया गया था. इस विलय का उद्देश्य केवल यही था कि कोलार क्षेत्र का तेजी से विकास हो. यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए विशेष पैकेज देने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, लेकिन यहां के लोगों का मानना है कि कोलार क्षेत्र में निवेश और जल आपूर्ति की समस्या अभी भी कायम है. फिलहाल कोलार क्षेत्र की कुल आबादी 1.15 लाख के आसपास है.

पैकेज

भोपाल नगर निगम से कोलार को फिर से नगर पालिका बनाए जाने के फैसले को कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने एक अच्छा निर्णय बताया है. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुये कहा कि इस नगर-निगम में शामिल होने के बाद भी कोलार क्षेत्र विकास की दौड़ पिछड़ गया, क्योंकि महापौर आलोक शर्मा ने इस क्षेत्र में जाने से हमेशा ही परहेज किया है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ा है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका बनाये जाने से कोलार क्षेत्र का विकास तेजी से हो सकेगा, जबकि कोलार क्षेत्र के कर्मचारियों ने भी कोलार को नगर पालिका बनाए जाने का सर्मथन किया है.

कोलार क्षेत्र के लोगों का मानना है कि कोलार में आज भी मूलभूत समस्यायएं हैं. कोलार फिर से नगर पालिका बनेगा, तो यहां लगभग 30 पार्षद हो जाएंगे और वार्डों का क्षेत्रफल भी छोटा हो जायेगा. इस कार्य के लिये 28 फरवरी को दावे-आपत्तियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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भोपाल। राजधानी के कोलार क्षेत्र को एक बार फिर नगर पालिका बनाने की कवायद शुरू हो गयी है. पांच साल पहले कोलार को नगर निगम भोपाल में जोड़ा गया था, लेकिन अब फिर से इसे नगर पालिका बनाया जा रहा है. कोलार से 6 वार्डों को अलग करके नगर पालिका का गठन किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 30 मार्च तक पूरी होने की बात कही जा रही है.

पांच साल पहले बीजेपी की सरकार में कोलार नगरपालिका का विलय भोपाल नगर निगम में किया गया था. इस विलय का उद्देश्य केवल यही था कि कोलार क्षेत्र का तेजी से विकास हो. यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए विशेष पैकेज देने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, लेकिन यहां के लोगों का मानना है कि कोलार क्षेत्र में निवेश और जल आपूर्ति की समस्या अभी भी कायम है. फिलहाल कोलार क्षेत्र की कुल आबादी 1.15 लाख के आसपास है.

पैकेज

भोपाल नगर निगम से कोलार को फिर से नगर पालिका बनाए जाने के फैसले को कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा ने एक अच्छा निर्णय बताया है. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुये कहा कि इस नगर-निगम में शामिल होने के बाद भी कोलार क्षेत्र विकास की दौड़ पिछड़ गया, क्योंकि महापौर आलोक शर्मा ने इस क्षेत्र में जाने से हमेशा ही परहेज किया है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ा है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका बनाये जाने से कोलार क्षेत्र का विकास तेजी से हो सकेगा, जबकि कोलार क्षेत्र के कर्मचारियों ने भी कोलार को नगर पालिका बनाए जाने का सर्मथन किया है.

कोलार क्षेत्र के लोगों का मानना है कि कोलार में आज भी मूलभूत समस्यायएं हैं. कोलार फिर से नगर पालिका बनेगा, तो यहां लगभग 30 पार्षद हो जाएंगे और वार्डों का क्षेत्रफल भी छोटा हो जायेगा. इस कार्य के लिये 28 फरवरी को दावे-आपत्तियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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Intro:नगर निगम से अलग कर कोलार को फिर नगर पालिका बनाने की कवायद शुरू


भोपाल राजधानी का कोलार क्षेत्र एक बार फिर से नगरपालिका बनाया जा सकता है करीब 5 साल पहले कोलार नगरपालिका का विलय भोपाल नगर निगम में किया गया था भाजपा शासनकाल में 6 सितंबर 2014 को कोलार नगरपालिका का विलय संपन्न हुआ था इस विलय का उद्देश्य केवल यही रखा गया था कि कोलार क्षेत्र का तेजी से विकास होगा यहां इन्फ्राट्रक्चर के लिए विशेष पैकेज देने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी लेकिन नगर निगम में विलय होने के बाद भी यह किसी प्रकार का काम नहीं हो सका अभी भी कोलार क्षेत्र में निवेश और जल आपूर्ति की समस्या कायम है

भोपाल नगर निगम से कोलार के 6 वार्ड अलग कर कोला नगर पालिका बनाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है माना जा रहा है कि 30 मार्च तक वार्ड 80 81 82 83 84 और 85 को मिलाकर नई नगर पालिका का गठन किया जाएगा 28 फरवरी को दावे आपत्तियों आमंत्रित कर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी

कोलार क्षेत्र की आबादी 1. 15 लाख के आसपास है
मौजूदा कांग्रेस सरकार का यही प्रयास है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले कोलार नगरपालिका की अधिसूचना जारी कर दी जाए नगरीय प्रशासन विभाग में गोपनीय रूप से इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है

बता दें कि कोलार नगर पालिका का गठन वर्ष 2006 में 20 पंचायतों को मिलाकर किया गया था जिसे नगर पालिका बनाने में अहम भूमिका पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने निभाई थी नगर पालिका बनाने के बाद कोलार में 24 पार्षद हुआ करते थे लेकिन नगर निगम में विलय होने के बाद कूलर को केवल चार पार्षद से ही काम चलाना पड़ रहा था यही वजह है कि कोलार विकास के मामले में पिछड़ गया



Body:भोपाल नगर निगम से कोलार को फिर से नगरपालिका बनाए जाने को लेकर कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा का कहना है कि यह सचमुच एक अच्छा निर्णय है क्योंकि जिस उद्देश्य को लेकर कोलार नगरपालिका का विलय नगर निगम में किया गया था वह कहीं से भी पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है नगर निगम में शामिल होने के बावजूद भी कोलार में विकास नहीं हो पाया है आज भी इस क्षेत्र में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है कोलार क्षेत्र में आज भी सीवरेज की समस्या का निदान नहीं हो पाया है क्षेत्र की ज्यादातर सड़कें जर्जर हालत में पहुंच चुकी है और इसका सीधा सा कारण है कि महापौर आलोक शर्मा ने इस क्षेत्र में जाने से हमेशा ही परहेज किया है जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ा है

उन्होंने कहा कि आलोक शर्मा को भोपाल का महापौर बने हुए करीब 4 साल होने जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी वह गिनती में दो बार ही कोलार क्षेत्र के भ्रमण करने के लिए गए होंगे यही वजह है कि कोलार क्षेत्र पर नगर निगम ने ध्यान ही नहीं दिया जबकि कोलार क्षेत्र से नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स से अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होता है लेकिन इसके बावजूद यहां विकास के काम नहीं कर पाए गए.


Conclusion:वहीं नगर निगम के कर्मचारियों का भी कहना है कि वह वर्ष 2006 से नगर पालिका में काम कर रहे हैं उस समय में 89 दिनों के दैनिक वेतन भोगी के हिसाब से काम कर रहे थे लेकिन वर्ष 2014 में नगरपालिका कार्यालय नगर निगम में किया गया और इन कर्मचारियों को 89 दिन से हटाकर 25 दिवसीय कर्मचारी बना दिया गया जिस की लड़ाई आज भी कर्मचारी संगठन के द्वारा लड़ी जा रही है उन्होंने कहा कि जितना अच्छा काम नगर पालिका के समय किया जा रहा था वह काम नगर निगम में विलय होने के बाद नहीं हो सका है यदि नगर निगम से एक बार फिर से कोलार को नगर पालिका बनाया जाता है तो निश्चित रूप से यह काफी अच्छा काम हो सकेगा


वही इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कोलार के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं नगर निगम में विलय हुआ था तो काफी दावे सरकार के द्वारा किए गए थे लेकिन वे सभी दावे खोखले साबित हुए हैं महापौर आलोक शर्मा ने कोलार को विकसित करने के लिए कई वादे किए थे लेकिन उनमें से उन्होंने कोई भी वादा नहीं निभाया है राजधानी के इस कोलार क्षेत्र में आज भी समस्याएं व्याप्त है जिसका निदान करने के लिए नगर निगम ने कोई कदम नहीं उठाए कोलार एक विकसित होता क्षेत्र है लेकिन इस क्षेत्र में सड़क बिजली पानी और सीवेज की समस्या बरकरार है यदि सरकार 5 साल के बाद फिर से नगर निगम से हटाकर नगर पालिका बनाती है तो यह स्वागत योग्य निर्णय होगा क्योंकि कोलार क्षेत्र में जितने भी विकास के काम हुए हैं वह नगरपालिका के ही समय पर हुए हैं और जब से नगर निगम में विलय हुआ है तब से यहां पर विकास की रफ्तार थम सी गई है इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि महापौर आलोक शर्मा ने कभी भी इस क्षेत्र पर ध्यान ही नहीं दिया है यहां तक कि उन्होंने कभी यहां आकर क्षेत्र का भ्रमण भी नहीं किया है यदि कोलार फिर से नगरपालिका बनेगा तो यहां पर 5 पार्षदों की जगह लगभग 30 पार्षद हो जाएंगे और बड़ों का क्षेत्रफल भी छोटा होगा इसकी वजह से पार्षद अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विकास के काम करवा सकेगा .
Last Updated : Feb 24, 2019, 12:46 AM IST
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