भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत में आज का दिन लंच और डिनर डिप्लोमेसी के नाम रहा. क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जहां मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ लंच किया तो शाम को सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट ने अपने बंगले पर कांग्रेस और सरकार का समर्थन करने वाले विधायक सहित कांग्रेस पदाधिकारियों का डिनर रखा है. हालांकि इस डिनर डिप्लोमेसी को कर्नाटक और गोवा का असर माना जा रहा है, लेकिन कांग्रेस का कहना है, कि हमें कोई खतरा नहीं है, खतरा तो बीजेपी को है, क्योंकि उसके 10 से 15 विधायक हमारे संपर्क में हैं.
दरअसल पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक का असर कर्नाटक से होते हुए गोवा तक पहुंच गया है. ऐसे में आए दिन कमलनाथ सरकार को गिराने की धमकी देने वाली भाजपा की हरकतों की चर्चा मध्यप्रदेश में शुरू हो गई है. इन सियासी चर्चाओं में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को भी अस्थिर करने की चर्चा जोर पकड़ रही है. अचानक से ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल आना, विधानसभा पहुंचना और फिर मुख्यमंत्री के साथ लंच करना, इसी कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है.
वहीं दूसरी तरफ सिंधिया समर्थक स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के बंगले पर आज ही डिनर का आयोजन किया गया है. इस डिनर में कांग्रेस के सभी विधायक और कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों को भी बुलाया गया है. इस डिनर को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है कि कर्नाटक और गोवा में चल रहे सियासी हड़कंप के चलते कांग्रेस ने विधायकों को एकजुट रखने की कवायद तेज कर दी है. इसी कड़ी में ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भोपाल पहुंचे हैं लिहाजा लंच और डिनर डिप्लोमेसी का आयोजन किया जा रहा है.
इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि कांग्रेस को ना किसी हलचल का डर है और ना ही कर्नाटक और गोवा का डर है. 121 विधायकों का हमारी सरकार को समर्थन प्राप्त है. हमारी सरकार एक मजबूत सरकार है. यह तो विधानसभा का सत्र चल रहा है और उसके अंदर अलग-अलग विधायक, मंत्री सौजन्य भेंट के लिए डिनर रखते हैं और उसमें सब को बुलाते हैं. इसको कर्नाटक और गोवा से कतई नहीं जोड़ना चाहिए, मध्य प्रदेश में इस तरह का कोई खतरा नहीं है. साथ ही कहा कि डिनर का आयोजन भाजपा को जरूर करना चाहिए, क्योंकि खतरा उनको है. क्योंकि उनके 10 से 15 विधायक हमारे संपर्क में हैं.