भोपाल। अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. विपक्ष के आरोपों के बाद सीएम कमलनाथ विद्युत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें फटकार भी लगा चुके हैं. इसके बावजूद बिजली कटौती जारी है. देर शाम मंत्रालय में मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की.
मुलाकात के दौरान भी मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती के मुद्दे को उठाया. उन्होंने साफ तौर पर अधिकारियों को कहा है कि जिस तरह से मध्यप्रदेश में विद्युत विभाग की छवि खराब हुई है, उसे सुधारा जाए. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि जिस तरह की शिकायतें आ रही हैं, उससे वे पूरी तरह से अवगत हैं, इसलिए उन्हें अंधेरे में रखने की जरूरत नहीं है.
मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान से ही विद्युतकर्मियों की दिक्कतों का हल संभव है. विद्युतकर्मी बिजली उपभोक्ताओं को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करवाएं. सरकार आपके हितों का पूरा संरक्षण करेगी.
'वित्तीय भार में भी कमी आएगी'
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमें मांग और आपूर्ति के बीच में सामंजस्य लाना होगा. ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में हो रहे घाटे को कम करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने होंगे. विद्युत चोरी पर सख्ती के साथ अंकुश लगाना होगा. उच्च गुणवत्ता के उपकरण ही खरीदे जाएं, इसके लिए निगरानी आधारित व्यवस्था बनानी होगी. मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोत पर भी विचार करने को कहा. इससे सस्ती बिजली का उत्पादन होगा और सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार में भी कमी आएगी.