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बिजली कटौती के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने PEEA के प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात, दिए जरूरी निर्देश

देर शाम मंत्रालय में मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की. इस दौरान सीएम कमलनाथ ने अधिकारियों को बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए.

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Published : Jun 26, 2019, 10:52 AM IST

Updated : Jun 26, 2019, 2:07 PM IST

बैठक की फोटो

भोपाल। अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. विपक्ष के आरोपों के बाद सीएम कमलनाथ विद्युत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें फटकार भी लगा चुके हैं. इसके बावजूद बिजली कटौती जारी है. देर शाम मंत्रालय में मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की.

मुख्यमंत्री ने PEEA के प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात

मुलाकात के दौरान भी मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती के मुद्दे को उठाया. उन्होंने साफ तौर पर अधिकारियों को कहा है कि जिस तरह से मध्यप्रदेश में विद्युत विभाग की छवि खराब हुई है, उसे सुधारा जाए. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि जिस तरह की शिकायतें आ रही हैं, उससे वे पूरी तरह से अवगत हैं, इसलिए उन्हें अंधेरे में रखने की जरूरत नहीं है.

meeting photo
बैठक की फोटो

मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान से ही विद्युतकर्मियों की दिक्कतों का हल संभव है. विद्युतकर्मी बिजली उपभोक्ताओं को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करवाएं. सरकार आपके हितों का पूरा संरक्षण करेगी.

'वित्तीय भार में भी कमी आएगी'
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमें मांग और आपूर्ति के बीच में सामंजस्य लाना होगा. ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में हो रहे घाटे को कम करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने होंगे. विद्युत चोरी पर सख्ती के साथ अंकुश लगाना होगा. उच्च गुणवत्ता के उपकरण ही खरीदे जाएं, इसके लिए निगरानी आधारित व्यवस्था बनानी होगी. मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोत पर भी विचार करने को कहा. इससे सस्ती बिजली का उत्पादन होगा और सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार में भी कमी आएगी.

भोपाल। अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. विपक्ष के आरोपों के बाद सीएम कमलनाथ विद्युत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें फटकार भी लगा चुके हैं. इसके बावजूद बिजली कटौती जारी है. देर शाम मंत्रालय में मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की.

मुख्यमंत्री ने PEEA के प्रतिनिधिमंडल से की मुलाकात

मुलाकात के दौरान भी मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती के मुद्दे को उठाया. उन्होंने साफ तौर पर अधिकारियों को कहा है कि जिस तरह से मध्यप्रदेश में विद्युत विभाग की छवि खराब हुई है, उसे सुधारा जाए. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि जिस तरह की शिकायतें आ रही हैं, उससे वे पूरी तरह से अवगत हैं, इसलिए उन्हें अंधेरे में रखने की जरूरत नहीं है.

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मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान से ही विद्युतकर्मियों की दिक्कतों का हल संभव है. विद्युतकर्मी बिजली उपभोक्ताओं को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करवाएं. सरकार आपके हितों का पूरा संरक्षण करेगी.

'वित्तीय भार में भी कमी आएगी'
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमें मांग और आपूर्ति के बीच में सामंजस्य लाना होगा. ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में हो रहे घाटे को कम करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने होंगे. विद्युत चोरी पर सख्ती के साथ अंकुश लगाना होगा. उच्च गुणवत्ता के उपकरण ही खरीदे जाएं, इसके लिए निगरानी आधारित व्यवस्था बनानी होगी. मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोत पर भी विचार करने को कहा. इससे सस्ती बिजली का उत्पादन होगा और सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार में भी कमी आएगी.

Intro: विद्युत विभाग की खराब छवि को सुधारा जाए, सेवा भाव से करें काम ,सरकार करेगी आप के हितों का संरक्षण - मुख्यमंत्री

भोपाल | मध्य प्रदेश में जिस तरह से लगातार बिजली कटौती का सामना आम जनता को करना पड़ रहा है उससे कहीं ना कहीं सरकार की परेशानियां भी लगातार बढ़ती जा रही है . यही वजह है कि विद्युत वितरण प्रणाली को लेकर विपक्ष ने कई बार सरकार को घेरने का प्रयास भी किया है . मुख्यमंत्री इससे पहले भी कई बार विद्युत विभाग के अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं और कई बार सख्त रवैया भी अपना चुके हैं . उसके बावजूद भी बिजली कटौती लगातार जारी है जो सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है . देर शाम मंत्रालय में मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजिनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की .
इस मुलाकात के दौरान भी मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती के मुद्दे को उठाया . उन्होंने साफ तौर पर अधिकारियों को कहा है कि जिस तरह से मध्य प्रदेश में विद्युत विभाग की छवि खराब हुई है उसको सुधारा जाए . साथ ही उन्होंने कहा है कि आप उपभोक्ता को बिजली प्रदान करने का काम करें आप के हितों का संरक्षण सरकार करेगी . इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि जिस तरह की शिकायतें आ रही है उससे वे पूर्ण रूप से अवगत है . इसलिए उन्हें अंधेरे में रखने की जरूरत नहीं है . मध्य प्रदेश की जो वस्तु स्थिति है उससे वह पूर्ण रूप से अवगत है . Body:मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान से ही विद्युतकर्मियों की दिक्कतों का हल संभव है . विद्युतकर्मी बिजली उपभोक्ताओं को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ उपलब्ध करवाएँ . सरकार उनके हितों का पूरा संरक्षण करेगी .

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिले, जिससे वे संतुष्ट हों और विद्युत विभाग की खराब छवि में सुधार आए . इसके लिए सभी विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी समर्पण भावना से काम करें . मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सभी विद्युतकर्मियों को आत्म-चिंतन करने की आवश्यकता है. विद्युत उपभोक्ताओं के हित संरक्षण के साथ विद्युतकर्मियों की परेशानी दूर करने के लिए सरकार हर वह निर्णय लेगी, जो प्रदेश में विद्युत वितरण की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगा . Conclusion:मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की अघोषित कटौती और विद्युत वितरण व्यवस्था सुचारु न होने के कारण सरकार को नागरिकों की सबसे ज्यादा आलोचना का शिकार होना पड़ा है. उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि विद्युत विभाग अपनी छवि सुधारने के लिए काम-काज में व्यापक सुधार लाए . मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता यह है कि प्रदेश में विद्युत व्यवस्था स्थाई रूप से सुदृढ़ बने . इसके लिए हमें दीर्घकालीन उपायों पर विचार करना होगा . उन्होंने कहा उपभोक्ताओं की संतुष्टि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है . इसके साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा .

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें माँग और आपूर्ति के बीच में सामंज्यस लाना होगा . ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में हो रहे घाटे को कम करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने होंगे . विद्युत चोरी पर सख्ती के साथ अंकुश लगाना होगा . उच्च गुणवत्ता के उपकरण ही खरीदे जाएँ . इसके लिए निगरानी आधारित व्यवस्था बनानी होगी .
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार सब्सिडी की बड़ी राशि विद्युत मंडल को दे रही है . उसके बाद भी कृषि और गैर कृषि क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था को लेकर असंतोष है, यह चिंता का विषय है . मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोत पर भी विचार करने को कहा . इससे सस्ती बिजली का उत्पादन होगा और सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार में भी कमी आएगी .

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने एसोसिएशन के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि वे प्रदेश में विद्युत वितरण में सुधार लाने, ट्राँसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन को कम करने और उच्च गुणवत्ता के उपकरण क्रय करने के संबंध में एक समग्र योजना बना कर दें . मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एसोसिएशन से सतत् संवाद के लिए उपलब्ध है . जब भी आवश्यकता हो, वे उनसे मिल सकते हैं . बैठक में मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती और अपर मुख्य सचिव ऊर्जा आई.सी.पी. केशरी उपस्थित थे .
Last Updated : Jun 26, 2019, 2:07 PM IST
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